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उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले में एक नाम है जो मछली पालन के क्षेत्र में मिसाल बन चुका है वो हैं मदनजीत कुमार सिंह। उनकी मेहनत, जुनून और इनोवेशन के दम पर, उन्होंने न केवल अपनी ज़िंदगी बदली बल्कि सैकड़ों किसानों के लिए भी प्रेरणा बने।
कहानी की शुरुआत: जुनून और शिक्षा का संगम
मदनजीत कुमार सिंह, एक सीमांत किसान, जिन्होंने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से मछली पालन के क्षेत्र में क्रांति ला दी। गणित में एमएससी करने के बावजूद, उन्होंने नौकरी की ओर बढ़ने के बजाय अपने खेतों में मछली पालन का सपना देखा। 12 साल पहले, उन्होंने इस सफर की शुरुआत अपने खुद के पैसे से की। आगे चलकर, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सब्सिडी मिली, जिससे उनके व्यवसाय को नई दिशा मिली।
मछली पालन का साम्राज्य
आज मदनजीत के पास 12 तालाब और 2 हेक्टेयर का क्षेत्र है, जहां वह बड़े पैमाने पर मछली पालन करते हैं। उनकी विशेषज्ञता रोहू, कतला और पंगेसियस मछलियों में है। हर साल वे लगभग 400 क्विंटल पंगेसियस मछली और अन्य मछलियों का उत्पादन करते हैं। उनके उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा ने उन्हें ज़िला और राज्य स्तर पर IMC मछलियों के उत्पादन में प्रथम स्थान दिलाया।
ज़िला और राज्य से बाहर तक नेटवर्क
मदनजीत का व्यवसाय केवल चंदौली तक सीमित नहीं है। वो उत्तर प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में मछलियां सप्लाई करते हैं।उनके पास मजबूत ट्रांसपोर्ट नेटवर्क है, और कई ख़रीदार सीधे उनसे मछलियां ख़रीदते हैं।
लाइव मछलियों और फिंगर साइज़ सीड्स का नेटवर्क
मदनजीत ने किसानों की सहायता के लिए एक FFPO (Farmer Producer Organization) भी खड़ा किया है। इसके जरिए वह फिंगर साइज़ मछली के बीज उपलब्ध कराते हैं। किसानों को मछली पालन सिखाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का यह प्रयास उन्हें और भी अलग पहचान दिलाता है।
रोज़गार का बड़ा माध्यम
मदनजीत ने अपने व्यवसाय को रोज़गार का ज़रिया भी बनाया है। उनके यहां 200 दिनों का रोज़गार उपलब्ध कराया जाता है। उनकी फिशरी पर 8 स्थायी मजदूर और 3 दैनिक मजदूर नियमित रूप से काम करते हैं।
प्रेरणा और सीख का सफर
मदनजीत का यह सफ़र आसान नहीं था। उन्हें आंध्र प्रदेश के मछली पालन उद्योग और किसानों से प्रेरणा मिली। उन्होंने खुद की मेहनत से मछली पालन की बारीकियां सीखीं और इस कला में निपुणता हासिल की। उनके साथ उनका भाई भी काम में सहयोग करता है, जो उनके व्यवसाय को और मजबूत बनाता है।
जैविक और पारंपरिक पद्धतियों का मिश्रण
मदनजीत अपनी मछलियों को प्राकृतिक और जैविक पद्धतियों से पालते हैं। ये सुनिश्चित करता है कि उनकी मछलियां न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हों, बल्कि उनकी गुणवत्ता बाजार में सबसे बेहतर हो।
किसानों के लिए प्रेरणा
मदनजीत सिर्फ एक सफल मछली पालक नहीं हैं; वो एक शिक्षक भी हैं। उन्होंने पारंपरिक फसलों की जगह मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई किसानों को प्रेरित किया है। वह अपने अनुभवों के जरिए उन्हें यह समझाते हैं कि कैसे यह व्यवसाय अधिक लाभदायक हो सकता है।
उपलब्धियां और आगे का सफर
मदनजीत ने अपने क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं:
- सालाना आय 11 से 20 लाख रुपये के बीच पहुंच चुकी है।
- उन्होंने दो बार IMC उत्पादन में पहला स्थान प्राप्त किया।
- उनका उद्देश्य मछली पालन के जरिए और किसानों को इस क्षेत्र में लाना है।
एक किसान, जो बदलाव का प्रतीक बना
मदनजीत की ये यात्रा साबित करती है कि सीमित संसाधनों के साथ भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने दिखाया कि मेहनत, ज्ञान और सही दृष्टिकोण के साथ, कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है। मदनजीत कुमार सिंह न केवल अपने ज़िले के किसानों के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल हैं। उनके प्रयासों ने चंदौली को मछली पालन के क्षेत्र में एक नई पहचान दी है।