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क्या आपने सोचा है कि आपकी नई तकनीकों वाली खेती और बागवानी न केवल आपकी ज़िंदगी बदल सकती है, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है ? यहां हम बात कर रहे हैं स्मार्ट किसान (Smart Farmer) अतुल कुमार शर्मा की जो उत्तर प्रदेश के फेमस शहर अलीगढ़ के रहने वाले हैं। अतुल कुमार शर्मा ने खेती में नई तकनीकों का इस्तेमाल करके खुद को आत्मनिर्भर बनाया और हज़ारों किसानों के लिए नई राह खोली है।
खेती अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। स्मार्ट किसान (Smart Farmer) अतुल कुमार अपनी पुश्तैनी ज़मीन का सही उपयोग करते हुए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर आत्मनिर्भर बन गये हैं और दूसरे किसानों के लिए भी एक उदाहरण पेश कर रहे हैं। आधुनिक नई तकनीक, बागवानी और सामूहिक प्रयास के साथ अतुल खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।
खेती का मतलब केवल अनाज उगाना नहीं
खेती का मतलब केवल अनाज उगाना नहीं है। ये कहना अतुल का है। जो कहते हैं कि ‘हमने अपनी 6-10 एकड़ जमीन पर आम, करौंदा, जामुन, और तुलसी जैसे बागवानी फसलें उगाना शुरू कर रहे हैं। इसके साथ तुलसी जैसे औषधीय पौधे जो स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी हैं और बाजार में इनकी भारी मांग है, इसकी भी खेती शुरू कर रहे हैं। ये फसलें न केवल हमारे बागानों को रौनक देती हैं, बल्कि कम लागत में अधिक मुनाफा भी देती हैं।
CSC VLE सोसाइटी: 5300 किसानों का मंच
अतुल कहते हैं कि एक किसान अकेला कितना कुछ कर सकता है? इसी सोच के साथ उन्होंने Aligarh CSC VLE Society की शुरुआत की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि 5300 किसानों का सामूहिक मंच है। यहां वो संसाधन, ज्ञान और बाजार से जुड़ी जानकारी आपस में शेयर करते हैं, इसके साथ ही उन किसानों की मदद करते हैं जो कम पढ़े या फिर अनपढ़ हैं। उनके लिए एक साथ काम करके अतुल ने खेती को न सिर्फ आसान बनाया है बल्कि लाभदायक भी।
आत्मनिर्भरता: सरकारी मदद नहीं, खुद की ताकत
सरकार की ओर से फसलों को लेकर कोई मदद नहीं मिलने के बावजूद, अतुल कुमार ने हार नहीं मानी। अपनी मेहनत, तकनीक और नेटवर्क का सहारा लिया। उनका मानना है कि आत्मनिर्भरता ही सबसे बड़ी ताकत है। अतुल कहते हैं कि सरकार की तरफ से किसी मदद की उम्मीद किए बिना हमने आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया। हर चुनौती को अवसर में बदल दिया। यही आत्मनिर्भरता हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।
खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल: क्रांति की शुरुआत
- कम पानी में अधिक उत्पादन सुनिश्चित किया
- जैविक खाद और नैनो उर्वरक की मदद से मिट्टी को स्वस्थ रखते हुए फसल को बेहतर पोषण दिया।
- सटीक खेती (Precision Farming) के लिए ड्रोन और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हुए हर फसल की जरूरत को समझा
- इन तकनीकों से न केवल उपज में वृद्धि हुई, बल्कि लागत भी कम हुई।
बागवानी के फायदे: सीधा बाजार और अधिक मुनाफा
बागवानी फसलों को अतुल इसलिए भी ज़्यादा फोकस कर रहे हैं जो उनको सीधा बाजार तक पहुंचने का मौका देता है। खुद उगाकर बिचौलियों को हटाकर आम, करौंदा और तुलसी जैसे उत्पादों सीधे ग्राहकों तक पहुंच बनाने के लिए वो अचार, चटनी का स्मॉल बिज़नेस भी शुरू कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि इसमें उनको सरकार की ओर से मदद मिलती ज़्यादा नहीं दिख रही, इसलिए वो वो बाज़ार से 20 से 30 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन लोंगे।
विशेष खाद का उपयोग: गर्मियों में भी बेहतर उत्पादन
अतुल अपने खेतों को तरल खाद का खास पोषण देते हैं। ये खाद गोबर, मदार और कई औषधीय पेड़ों की पत्तियों से बनाई जाती हैं। इन खाद से पौधों को जरूरी पोषण मिलता है, साथ ही उनकी वृद्धि तेज़ होती है।
CSC VLE सोसाइटी: किसानों के लिए नई उम्मीद
हमारी सोसाइटी किसानों के लिए सिर्फ एक मंच नहीं है, बल्कि उनके लिए एक भविष्य है। यहां हम आधुनिक खेती के तरीकों, बागवानी तकनीकों और बाजार की रणनीतियों पर काम करते हैं। ये सोसाइटी हर किसान को सशक्त बनाती है। अतुल ने अपनी सोसाइटी के बारें में किसान ऑफ इंडिया से विस्तार में बताया।
आत्मनिर्भरता ही सफलता का आधार
इस नई सोच और तकनीक को अपनाते हुए अतुल खेती को न केवल खुद के लिए, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं। क्योंकि खेती अब सिर्फ अन्न उगाने का काम नहीं, बल्कि भविष्य का सबसे बड़ा अवसर है।