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कुलदीप सिंह, उत्तर पश्चिम दिल्ली के कंझावला ब्लॉक के ज्योंति गांव के निवासी, एक प्रगतिशील किसान हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से जैविक खेती में एक नई दिशा बनाई है। उन्होंने वर्ष 2012-13 में अपने 10 एकड़ खेत से जैविक खेती की शुरुआत की थी। शुरुआत में उन्हें अपने आसपास के ग्रामीणों से आलोचनाओं और समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने पिताजी के सैद्धांतिक मूल्यों और ईमानदारी के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने जैविक खेती को अपनाया और आज उनके प्रयासों से न सिर्फ उनकी खेती की उत्पादकता बढ़ी है बल्कि उन्होंने अपने समुदाय में एक नई प्रेरणा भी जगाई है।
जैविक खेती का महत्व और शुरुआती कदम (Importance of organic farming and initial steps)
कुलदीप सिंह का मानना है कि जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि किसानों के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है। उन्होंने अपने खेतों में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक तरीकों को अपनाया, जिनमें गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, और अन्य जैविक उत्पादों का इस्तेमाल किया गया। उनका मानना था कि Organic Farming से न केवल भूमि की उर्वरता बढ़ती है, बल्कि यह स्वस्थ और शुद्ध उत्पाद भी उत्पन्न करती है, जो उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होते हैं।
शुरुआत में कई कठिनाइयों का सामना करने के बाद, कुलदीप सिंह ने 2019 में के.वी.के., दिल्ली से व्यवसायिक Organic Farming का प्रशिक्षण लिया, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में और भी नई जानकारियां प्राप्त हुईं। इस प्रशिक्षण के बाद उन्होंने जैविक उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर ध्यान दिया और गेहूं से आटा तैयार करने, चना और मूंग की दाल बनाने, और सरसों से तेल बनाने की प्रक्रिया शुरू की। इसने उनकी आय को दोगुना करने में मदद की और उन्हें Organic Farming के व्यवसाय में नवोन्मेषी मॉडल विकसित करने का मौका दिया।
जैविक खेती से आर्थिक लाभ और मूल्य संवर्धन (Economic benefits and value addition from organic farming)
कुलदीप सिंह ने देखा कि जैविक खेती से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती है, बल्कि इससे उनकी आय भी बढ़ी है। जहां परंपरागत खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अधिक खर्च होता है, वहीं Organic Farming में लागत कम होती है, क्योंकि इसमें रासायनिक उत्पादों का प्रयोग नहीं किया जाता। इसके साथ ही, जैविक उत्पादों की गुणवत्ता भी अधिक होती है, जो उन्हें बेहतर कीमत दिलवाती है।
कुलदीप ने जैविक उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर भी ध्यान दिया। उन्होंने गेहूं से आटा तैयार करना, चना और मूंग की दाल बनाना, और सरसों से तेल निकाल कर पैकिंग और बेचने की प्रक्रिया शुरू की। इसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपनी आय को दोगुना किया और जैविक खेती से संबंधित एक नया व्यवसाय मॉडल भी विकसित किया।
पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)
कुलदीप सिंह की मेहनत और लगन को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। उन्हें वर्ष 2024 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली द्वारा “नवोन्मेषी किसान पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें वर्ष 2023 में दैनिक जागरण और कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली द्वारा “लखपति किसान पुरस्कार” भी प्राप्त हुआ।
कुलदीप सिंह को नीति आयोग, भारत सरकार के द्वारा Organic Farming पर उत्कृष्ट कार्य के लिए समय-समय पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा, वे दिल्ली के के.वी.के. और ए.एस.सी.आई. से Organic Farming के प्रमाणित किसान और प्रशिक्षक भी हैं।
समुदाय में बदलाव और प्रेरणा (Change and inspiration in the community)
कुलदीप सिंह की सफलता ने उनके गांव और आसपास के क्षेत्रों के किसानों को प्रेरित किया है। उन्होंने अपने अनुभवों और जानकारियों को अन्य किसानों के साथ साझा किया है और उन्हें Organic Farming की महत्वता के बारे में बताया है। कुलदीप का कहना है, “जैविक खेती से न केवल हमारी आय बढ़ी है, बल्कि हम पर्यावरण की सुरक्षा भी कर रहे हैं। इस तरह से हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण तैयार कर सकते हैं।”
भविष्य की योजना (future plan)
कुलदीप सिंह का मानना है कि जैविक खेती का भविष्य उज्जवल है। वे भविष्य में और अधिक किसानों को इस दिशा में प्रशिक्षित करना चाहते हैं और Organic Farming को बड़े पैमाने पर फैलाने की योजना बना रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि वे और उनके जैसे अन्य किसान Organic Farming के माध्यम से अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
कुलदीप सिंह की कहानी यह दर्शाती है कि अगर सही दिशा में मेहनत और समर्पण के साथ काम किया जाए, तो जैविक खेती न केवल किसान के जीवन में सुधार ला सकती है, बल्कि यह देश की कृषि नीति और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए भी एक सकारात्मक कदम हो सकता है। उनकी मेहनत, ईमानदारी, और नवोन्मेषी सोच ने उन्हें इस क्षेत्र में एक मिसाल बना दिया है, और वे अपने जैसे अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
कुलदीप सिंह का उदाहरण यह साबित करता है कि Organic Farming एक सफल और लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। उनके अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि जैविक खेती न केवल किसानों के लिए बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है। उनका यह कदम कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने और किसानों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक प्रेरणा बन चुका है।
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