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हरियाणा के करनाल जिले के तरौरी गांव के निवासी विकास चौधरी ने कृषि में नई तकनीक और संरक्षण कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। 1 अक्टूबर 1980 को जन्मे विकास चौधरी ने पिछले 15 वर्षों से संरक्षण कृषि पर काम किया है, जिससे किसानों को बेहतर तकनीक और कम लागत वाली खेती के फ़ायदे मिल सके। इसके अलावा, वे पिछले 11 वर्षों से आईसीएआर (IARI) करनाल के लिए बीज उत्पादन का कार्य कर रहे हैं और एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) प्रोग्रोवर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक भी हैं।
कृषि में नई तकनीक की उपयोगिता (Use of new technology in agriculture)
विकास का मानना है कि कृषि में नई तकनीक भारतीय खेती में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उन्होंने बताया, “संरक्षण कृषि से न केवल मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है, बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान है।” कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) में न्यूनतम जुताई, फ़सल अवशेष का पुन: उपयोग, और मल्चिंग जैसी विधियां शामिल हैं। विकास चौधरी का कहना है कि इन तकनीकों का प्रयोग करके मिट्टी की संरचना और उसकी जैविक सामग्री को बनाए रखा जा सकता है, जिससे भविष्य में फ़सल की पैदावार बेहतर होती है।
आईसीएआर और बीज उत्पादन में नई तकनीक (ICAR and new technology in seed production)
विकास चौधरी पिछले एक दशक से अधिक समय से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), करनाल के लिए बीज उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने इस बारे में बताया, “हम गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन करते हैं, जिन्हें बाद में आईसीएआर और कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से किसानों तक पहुँचाया जाता है। हमारे बीज उत्पादन का उद्देश्य किसानों को उन्नत और गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ सके।” यह कार्य कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) के सही उपयोग का उदाहरण है।
किसानों के साथ संवाद और प्रशिक्षण में नई तकनीक (New techniques in dialogue and training with farmers)
विकास चौधरी नियमित रूप से स्थानीय किसानों के साथ संवाद और प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। उनके अनुसार, “किसानों को संरक्षण कृषि और कृषि में नई तकनीक सिखाने से वे बेहतर तरीके से खेती कर सकते हैं और अपनी आय में सुधार कर सकते हैं।” उन्होंने बताया कि उनके एफपीओ (प्रोग्रोवर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड) के माध्यम से वे 1000 से अधिक किसानों को जोड़ चुके हैं, जो नई तकनीक के माध्यम से खेती में सुधार कर रहे हैं।
सम्मान और उपलब्धियां (Honours and achievements)
विकास चौधरी के योगदान को देखते हुए उन्हें हरियाणा कृषि रत्न पुरस्कार सहित 20 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें आईसीएआर, हरियाणा और पंजाब राज्य कृषि विभाग, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों के द्वारा दिए गए पुरस्कार शामिल हैं। उनका कहना है, “ये सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है, लेकिन असली संतुष्टि तब मिलती है जब किसानों को हमारे प्रयासों का लाभ होता है।” यह प्रमाण है कि कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) को अपनाकर किस तरह कृषि क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।
सरकार की योजनाओं का लाभ और नई तकनीक (Benefits of government schemes and new technology)
विकास ने अपनी कृषि गतिविधियों को उन्नत बनाने के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया है। उन्होंने विभिन्न कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्राप्त की है, जिससे उनकी खेती में लागत कम हुई है और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाने से किसानों को तकनीकी साधनों तक पहुँचने में आसानी होती है, जिससे कृषि में नई तकनीक को लागू करने में मदद मिलती है।
संरक्षण कृषि का भविष्य और विकास चौधरी की योजनाएं (Future and plans of conservation agriculture)
विकास चौधरी का मानना है कि आने वाले समय में संरक्षण कृषि और कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) भारतीय कृषि का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। इसके लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं कि अधिक से अधिक किसान इस तकनीक को अपनाएँ। उनका लक्ष्य है कि वे अपने एफपीओ के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, नवीनतम कृषि उपकरण और तकनीकी ज्ञान प्रदान करें, ताकि भारतीय कृषि में नई दिशा और दृष्टि मिल सके। उनका यह प्रयास न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी खेती के तरीकों में सुधार लाने में सहायक होगा।
निष्कर्ष (conclusion)
विकास चौधरी ने संरक्षण कृषि और बीज उत्पादन के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी मेहनत और नई तकनीक को अपनाने की ललक से हरियाणा के किसानों को एक नया दृष्टिकोण मिला है। विकास का उदाहरण यह साबित करता है कि कृषि में नई तकनीक और नवाचार अपनाकर कैसे कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि लाई जा सकती है।
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