किसानों के हित में सरकार की योजनाएं, राष्ट्रीय किसान दिवस पर जारी रिपोर्ट

23 दिसंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) इन नायकों की मेहनत और समर्पण का उत्सव है। यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Prime Minister Chaudhary Charan Singh) की जयंती पर उन्हें सम्मानित करता है, जिन्होंने हमेशा किसानों के हितों की वकालत की।

किसानों के हित में सरकार की योजनाएं, राष्ट्रीय किसान दिवस पर जारी रिपोर्ट

क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी थाली में हर निवाले के पीछे किसकी मेहनत छिपी है? वो हैं हमारे कृषि करने वाले किसान, जो दिन-रात मिट्टी में पसीना बहाकर देश को अन्न से संपन्न बनाते हैं। उन्हें यूं ही ‘अन्नदाता’ नहीं कहा जाता। 23 दिसंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) इन नायकों की मेहनत और समर्पण का उत्सव है। यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Prime Minister Chaudhary Charan Singh) की जयंती पर उन्हें सम्मानित करता है, जिन्होंने हमेशा किसानों के हितों की वकालत की।

ये अवसर (National Farmers Day) हमें याद दिलाता है कि देश की तरक्की का असली आधार हमारे खेत और खलिहान हैं। किसान सिर्फ फसल नहीं उगाते, बल्कि एक मजबूत और समृद्ध भारत की नींव रखते हैं।

कृषि: भारत की अर्थव्यवस्था का दिल

क्या आप जानते हैं कि भारत का कृषि क्षेत्र देश की आधी आबादी को रोजगार देता है? इतना ही नहीं, ये क्षेत्र 17.7% का योगदान देकर भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। भारत की 54.8% भूमि खेती के लिए समर्पित है, और इसकी 155.4% फसल सघनता दुनिया को दिखाती है कि हमारे किसान किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

साल 2023-24 में भारत ने 332.2 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। ये न केवल एक आंकड़ा है, बल्कि किसानों की कड़ी मेहनत और नवाचार का प्रमाण है। ये सिर्फ फसल उगाने वाले नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण विकास के वास्तुकार हैं, जो लाखों परिवारों की आजीविका को बनाए रखते हैं।

किसानों के लिए सरकार की खास योजनाएं

हमारे किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई बड़ी पहल की हैं। आइए, इन योजनाओं पर नजर डालें:

  1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): हर साल किसानों को आर्थिक मदद देकर उनकी खेती के खर्चों को कम करती है।
  2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए बीमा सुरक्षा प्रदान करती है।
  3. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY): वृद्धावस्था में किसानों को पेंशन की सुरक्षा देती है।
  4. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): आसान और सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराती है।
  5. कृषि अवसंरचना कोष (AIF): ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचा सुधारने के लिए संसाधन प्रदान करती है।

किसानों के लिए बढ़ा हुआ बजट: बड़ा कदम, बड़ी उम्मीदें

2014 से अब तक, कृषि क्षेत्र के बजट में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है। 2013-14 में यह बजट सिर्फ 21,933.50 करोड़ रुपये था, लेकिन 2024-25 में यह 1,22,528.77 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।

ये ऐतिहासिक वृद्धि किसानों की जरूरतों को पूरा करने और उन्हें आधुनिक तकनीक, ऋण और संसाधनों से सशक्त बनाने का संकेत देती है। इस बढ़े हुए बजट से:

  • आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
  • डिजिटल कृषि तकनीकें लागू होंगी।
  • ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।

खाद्यान्न उत्पादन में भारतीय किसानों का जलवा

2023-24 में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन ने भारत को वैश्विक खाद्य सुरक्षा में अग्रणी बना दिया है। यह किसानों के दृढ़ संकल्प और उनकी तकनीकी समझ का परिणाम है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि यदि उन्हें सही संसाधन और समर्थन मिले, तो वे दुनिया को भोजन उपलब्ध करा सकते हैं।

राष्ट्रीय किसान दिवस: किसान सम्मान का दिन

राष्ट्रीय किसान दिवस केवल एक तारीख नहीं है; यह किसानों के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर है। यह हमें यह समझने का मौका देता है कि उनके बिना न तो हमारी थाली भरेगी और न ही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

किसानों की खुशहाली का सीधा संबंध देश की समृद्धि से है। यही कारण है कि उनकी भलाई के लिए योजनाएँ और नीतियाँ न केवल जरूरी हैं, बल्कि हमारी प्राथमिकता भी होनी चाहिए।

किसानों के बिना कैसा विकास?

किसान सिर्फ खेतों में नहीं, बल्कि हमारे जीवन के हर पहलू में अपनी छाप छोड़ते हैं। उनकी कड़ी मेहनत, त्याग और समर्पण ने भारत को एक कृषि महाशक्ति बनाया है।

आइए, इस किसान दिवस पर हम सभी संकल्प लें कि अपने किसानों के अधिकारों और भलाई के लिए खड़े रहेंगे। क्योंकि जब किसान मुस्कुराएगा, तभी भारत खुशहाल बनेगा। किसान है, तो हम हैं। जय किसान!  

कृषि में नए आयाम: किसानों के लिए क्रांतिकारी योजनाएं और पहल

1. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: स्वस्थ मिट्टी, खुशहाल फसलें
2015 में शुरू हुई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ने खेती को नई दिशा दी है। इस योजना का मकसद मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और उर्वरकों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देना है। अब तक 24.60 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा चुके हैं, और 2023-24 में 36.61 लाख नए कार्ड बनाए जाने की योजना है। सरकार ने 2025-26 तक 5 करोड़ मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कर मृदा उर्वरता मानचित्र विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल से किसानों को बेहतर उपज के साथ टिकाऊ खेती का रास्ता मिल रहा है।

2. 10,000 एफपीओ: सामूहिक खेती का भविष्य
2020 में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन की योजना ने किसानों को एकजुट होकर ताकत से खेती करने का मंच दिया। इस योजना के लिए 6,865 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया। अब तक 9,411 एफपीओ का गठन किया जा चुका है, जिसमें 26.17 लाख किसानों को शामिल किया गया है। सामूहिक खेती के ज़रिए न केवल उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि बाजार तक सीधी पहुँच भी संभव हो रही है। यह पहल किसानों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने का बड़ा कदम है।

3. किसान कवच: किसानों की सुरक्षा के लिए बेमिसाल  इनोवेशन
17 दिसंबर 2024 को, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किसान कवच का अनावरण किया। यह भारत का पहला कीटनाशक-रोधी बॉडीसूट है, जो किसानों को हानिकारक कीटनाशकों के प्रभाव से बचाता है। इस अभूतपूर्व तकनीक ने कृषि क्षेत्र में सुरक्षा और सशक्तिकरण की एक नई मिसाल पेश की है। लॉन्च के साथ ही किसानों को पहले बैच का वितरण किया गया, जिसने उनकी सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर से रेखांकित किया।

4. स्वच्छ पौधा कार्यक्रम: रोग-मुक्त खेती की ओर कदम
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9 अगस्त 2024 को स्वच्छ पौधा कार्यक्रम (CPP) को 1,765.67 करोड़ रुपये के बजट के साथ मंजूरी दी। यह योजना किसानों को रोग-मुक्त रोपण सामग्री उपलब्ध कराकर बागवानी फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार करेगी। इसके साथ ही, यह कार्यक्रम जलवायु-लचीली किस्मों के विकास और उनके उपयोग को भी बढ़ावा देगा।

5. डिजिटल कृषि मिशन: भविष्य की खेती आज
2 सितंबर 2024 को लॉन्च हुआ डिजिटल कृषि मिशन खेती को स्मार्ट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2,817 करोड़ रुपये की लागत से यह मिशन डिजिटल कृषि पहलों का समर्थन करेगा। इसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, डिजिटल फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCES), और कृषि से संबंधित आईटी परियोजनाओं को एकीकृत करना शामिल है। यह मिशन न केवल किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएँ भी खोलेगा।

6. ऋण गारंटी योजना: फसल-उपरांत वित्तपोषण का समाधान
16 दिसंबर 2024 को, भारत सरकार ने ई-एनडब्ल्यूआर आधारित प्रतिज्ञा वित्तपोषण (CGS-NPF) योजना शुरू की। 1,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ, यह योजना किसानों को अपनी उपज के बदले आसान ऋण लेने की सुविधा देती है। इलेक्ट्रॉनिक परक्राम्य गोदाम रसीदें (e-NWR) और वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) से मान्यता प्राप्त गोदामों के ज़रिए किसान अपनी उपज गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल फसल-उपरांत तनाव को कम करने और आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कृषि की उड़ान: किसानों के लिए नवाचारी योजनाएं

1.नमो ड्रोन दीदी: खेतों में तकनीकी क्रांति की शुरुआत
कृषि में आधुनिक तकनीक लाने के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना को ₹1,261 करोड़ के परिव्यय के साथ 2024-25 से 2025-26 तक स्वीकृत किया गया है। यह योजना 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सशक्त बनाएगी।
ड्रोन का उपयोग उर्वरक और कीटनाशक छिड़काव जैसी किराये की सेवाओं के लिए होगा। केंद्र सरकार 80% वित्तीय सहायता (अधिकतम ₹8 लाख) प्रदान कर रही है।
अब तक, ₹141.41 करोड़ किसान ड्रोन प्रचार के लिए जारी किए जा चुके हैं। यह योजना न केवल कृषि उत्पादन को नई ऊँचाई तक ले जाएगी, बल्कि महिला उद्यमिता को भी प्रोत्साहित करेगी।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: समृद्ध खेती का आधार

2015 में शुरू हुई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ने मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने और उर्वरकों के समझदारी से उपयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है।
अब तक 24.60 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 2023-24 में ही 36.61 लाख कार्ड बनाए गए।
सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक 5 करोड़ मृदा नमूनों का परीक्षण करके मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किया जाए। यह योजना टिकाऊ खेती के लिए ठोस नींव तैयार कर रही है।

 10,000 एफपीओ: सामूहिक खेती का सुनहरा भविष्य
किसानों को संगठित और सशक्त बनाने के लिए 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन की योजना 2020 में शुरू की गई। ₹6,865 करोड़ के बजट के साथ अब तक 9,411 एफपीओ का गठन किया गया है।
इन एफपीओ ने 26.17 लाख किसानों को जोड़ा है, जिससे सामूहिक खेती और बाजार तक सीधी पहुँच को बल मिला है। यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 किसान कवच: किसानों के लिए सुरक्षा कवच
17 दिसंबर 2024 को किसान कवच—भारत का पहला कीटनाशक-रोधी बॉडीसूट—लॉन्च किया गया।
डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा अनावरण किया गया यह बॉडीसूट किसानों को कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह नवाचार न केवल किसान सुरक्षा को बढ़ावा देता है, बल्कि विज्ञान और तकनीक के माध्यम से कृषि समुदाय को सशक्त करने का एक बड़ा कदम है। किसानों को पहले बैच का वितरण करते हुए उनकी सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया गया।

 कृषि में नवाचार: किसानों के लिए नए अवसर
 इन योजनाओं ने कृषि में तकनीकी नवाचार, सामूहिक खेती, सुरक्षा और सशक्तिकरण के नए आयाम स्थापित किए हैं।
नमो ड्रोन दीदी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, 10,000 एफपीओ और किसान कवच जैसी पहलें न केवल किसानों की चुनौतियों का समाधान कर रही हैं, बल्कि उनके जीवन को आसान और समृद्ध भी बना रही हैं।
इन योजनाओं के ज़रिए खेती केवल एक आजीविका नहीं, बल्कि एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का सपना बन रही है।

किसानों के सशक्तिकरण की नई इबारत

इन योजनाओं और पहलों के ज़रिए सरकार न केवल किसानों की चुनौतियों का समाधान कर रही है, बल्कि उनके भविष्य को भी उज्जवल बना रही है। चाहे बात मिट्टी की सेहत सुधारने की हो, सामूहिक खेती को बढ़ावा देने की, या फिर डिजिटल तकनीक को खेती में लाने की—हर पहल किसानों को सशक्त और सुरक्षित बनाने के लिए एक नया रास्ता खोल रही है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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