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मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के छोटे से गांव के निवासी देवराज विश्वकर्मा ने जैविक खेती के माध्यम से न केवल अपनी भूमि की उर्वरता बढ़ाई, बल्कि समाज में एक नया बदलाव लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। देवराज ने अपने सीमित संसाधनों का उपयोग करते हुए जैविक खेती को अपनाया और अब वे इस सफलता से न केवल अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन गए हैं।
जैविक खेती से पर्यावरण को मिला लाभ (Organic farming benefits the environment)
देवराज का मानना है कि जैविक खेती न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। उनका कहना है, “आजकल के समय में रसायनों से भरी हुई कृषि से पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। Organic Farming में रसायनिक खाद का उपयोग नहीं होता, जिससे हमारी भूमि की उर्वरता बनी रहती है और फ़सल भी स्वस्थ रहती है।”
देवराज ने Organic Farming के प्रति अपनी रुचि 2018 में तब दिखाई, जब उन्होंने देखा कि उनके आसपास के किसान रासायनिक उर्वरकों पर बहुत अधिक निर्भर थे। इससे न केवल भूमि की उर्वरता घट रही थी, बल्कि जलवायु पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
जैविक खेती का चयन क्यों किया? (Why did you choose organic farming?)
देवराज ने जैविक खेती को इसलिए चुना क्योंकि उन्हें यह महसूस हुआ कि यह सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक स्थायी समाधान हो सकता है। “मैंने Organic Farming को इसलिए अपनाया क्योंकि मैं चाहता था कि मेरी भूमि की उर्वरता बनी रहे और मेरे उत्पाद स्वस्थ हों,” देवराज बताते हैं।
उन्होंने शुरुआत में वर्मी-कंपोस्ट, गोबर खाद और नीम के तेल जैसे जैविक विकल्पों का इस्तेमाल करना शुरू किया। इन सबका प्रभाव देखा, और फिर उन्होंने इसे पूरी तरह से अपनी खेती में शामिल कर लिया।
जैविक खेती से आर्थिक लाभ (Economic benefits from organic farming)
देवराज की खेती से यह स्पष्ट होता है कि जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि यह आर्थिक दृष्टि से भी बेहद लाभकारी है। “परंपरागत खेती में जहां रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर काफी खर्च होता था, वहीं Organic Farming में यह खर्च बहुत कम है। इसके अलावा, फ़सल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है,” देवराज कहते हैं।
जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों की बाजार में बहुत मांग है। देवराज का कहना है, “अब लोग रासायनिक खेती से उत्पादित खाद्य सामग्री से बचने की कोशिश करते हैं, और जैविक उत्पादों की ओर रुझान बढ़ा है। इससे मुझे अपनी उपज को अच्छे दामों पर बेचने में मदद मिली है।”
समाज में जागरूकता और बदलाव (Awareness and change in society)
देवराज का मानना है कि Organic Farming से सिर्फ उनके परिवार की आय नहीं बढ़ी, बल्कि उनके गांव के अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली है। उन्होंने अपने गांव के कुछ किसानों को वर्मी-कंपोस्ट और जैविक खाद के लाभ के बारे में बताया और उन्हें इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। अब उनका गांव भी धीरे-धीरे Organic Farming की ओर बढ़ रहा है।
देवराज के अनुसार, “पहले लोग जैविक खेती को लेकर शंका करते थे, लेकिन अब जब उन्होंने मुझे सफलता हासिल करते देखा, तो उन्होंने भी जैविक खेती अपनानी शुरू की है।”
जैविक खेती की चुनौतियां (Challenges of organic farming)
हालांकि देवराज ने बहुत सफलता हासिल की है, लेकिन इस रास्ते में कई चुनौतियां भी आईं। शुरुआत में उन्हें जैविक खेती की तकनीकी जानकारी की कमी महसूस हुई। “शुरुआत में मुझे यह नहीं पता था कि Organic Farming में किस प्रकार के उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। बहुत बार मुझे यह चिंता रहती थी कि कहीं फ़सल का उत्पादन कम न हो जाए,” देवराज बताते हैं।
हालांकि, समय के साथ उन्होंने विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त की और धीरे-धीरे इस विधि में महारत हासिल की। वे अब दूसरों को भी जैविक खेती के बारे में सलाह देते हैं।
सरकार से अपेक्षाएं (Expectations from the government)
देवराज का मानना है कि यदि सरकार Organic Farming को बढ़ावा देने के लिए और अधिक योजनाएं लागू करे, तो इससे छोटे किसानों को काफी लाभ हो सकता है। “सरकार को Organic Farming के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार करना चाहिए ताकि किसान इस विधि को अपनाने में डर न महसूस करें,” वे कहते हैं।
भविष्य की योजना (future plan)
आने वाले समय में देवराज का लक्ष्य अपनी खेती को और अधिक विस्तृत करना है। वे अपनी भूमि पर और भी प्रकार की जैविक फ़सलें उगाने की योजना बना रहे हैं। “मैं भविष्य में अन्य सब्जियां और फल भी जैविक तरीके से उगाना चाहता हूं। यदि सही मार्गदर्शन और सरकार से सहायता मिले, तो Organic Farming का प्रसार और भी बढ़ सकता है,” देवराज कहते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
देवराज विश्वकर्मा की कहानी यह सिद्ध करती है कि Organic Farming न केवल पर्यावरण को बचाने के लिए है, बल्कि यह किसानों के लिए एक बेहतर और लाभकारी विकल्प भी हो सकता है। उन्होंने Organic Farming के माध्यम से अपनी आय बढ़ाई, अपने समुदाय को जागरूक किया, और एक स्वस्थ भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया। देवराज जैसे किसान यह साबित कर रहे हैं कि जैविक खेती भारत की कृषि में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है और किसानों की स्थिति को बेहतर बना सकती है।
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