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इस साल पद्मश्री से सम्मानित राहीबाई सोमा पोपेरे क्यों कहलाईं जाती हैं ‘सीड मदर’

3500 महिला किसानों के साथ मिलकर कर रही हैं काम

पद्मश्री से सम्मानित राहीबाई पोपेरे स्वयं सहायता समूह ( Self Help Group – SHG ) के ज़रिए 50 एकड़ से भी ज़्यादा भूमि पर जैविक खेती कर रही हैं। इसमें वो 17 से भी अधिक फसलें उगा रही हैं।

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साधारण लाल साड़ी में नंगे पांव दिल्ली पहुंची राहीबाई सोमा पोपेरे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री मिला। राहीबाई सोमा पोपेरे को ‘सीड मदर’ के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र के अहमद नगर ज़िले के छोटे से कोम्बले गांव की रहने वालीं  57 साल की राहीबाई एक आदिवासी किसान हैं। आइये जानते हैं उनका खेती से लेकर पद्मश्री तक का सफ़र।

कैसे शुरू किया बीज बैंक ?

लगभग 20-22 साल पहले राहीबाई ने देखा कि उनके पोते और आसपास के इलाके के बच्चे बहुत बीमार होते थे। उन्होंने पाया कि बहुत ज़्यादा कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल के कारण ऐसा हो रहा। उन्होंने फिर पारंपरिक तरीकों से ही खेती करने का फैसला किया। राहीबाई  ने ऐसे देसी बीजों को इकट्ठा करना शुरू किया, जिन्हें उगाने में सिर्फ़ पानी और हवा की ज़रूरत पड़े। इन बीजों में रासायनिक और कीटनाशकों की ज़रूरत नहीं पड़ती।

राहीबाई सोमा पोपेरे
राहीबाई सोमा पोपेरे

धीरे-धीरे अपने परिश्रम की बदौलत इस सफ़र में उनके गाँव की कई महिलाएं उनसे जुड़ने लगीं। उन्होंने स्वयं सहायता समूह बनाकर बीज बैंक की शुरुआत की। ऐसे देसी बीजों की किस्में सुरक्षित कीं, जो किसानो को कम सींचाई में अच्छी फसल दे। इसके बाद आसपास गाँव के लोगों और कृषि अधिकारियों ने उनके काम की तारीफ़ की और उन्हें सम्मानित भी किया।

‘सीड मदर’ के साथ जुड़ी हैं 3500 महिलाएं

राहीबाई पोपेरे स्वयं सहायता समूह ( SHG ) के ज़रिए 50 एकड़ से भी ज़्यादा भूमि पर जैविक खेती कर रही हैं, जिसमें वो 17 से भी अधिक फसलें उगा रही हैं। अभी तक 154 देसी बीजों का संरक्षण कर चुकी हैं। उनके पास कुछ ऐसे  पुरानी किस्म के चावल और दूसरे अनाज के बीज हैं, जो अब बाज़ार में उपलब्ध नहीं हैं।

3500 महिलायें जुड़ी है राहीबाई पपोरे
राहीबाई सोमा पोपेरे – तस्वीर साभार: UnnatiSilks

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राहीबाई पोपेरे 3500 किसानों के साथ मिलकर काम कर रही हैं और उन्हें फसलों की पैदावार बढ़ाने के तरीके भी सिखा रही हैं। इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति के हाथों ‘नारी शक्ति सम्मान’ भी मिल चुका है और बीबीसी की 100 शक्तिशाली महिलाओं में भी उनका नाम शामिल है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल। 
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