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मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के मेहरुखेड़ी गांव के निवासी, संकल्प शर्मा ने अपने जीवन को एक नई दिशा देते हुए प्राकृतिक खेती को अपनाया। बीई (मैकेनिकल) और एमबीए (मार्केटिंग) जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में कई साल बिताए। लेकिन 2015 में उन्होंने अपने पैशन और प्रकृति के प्रति लगाव को समझते हुए प्राकृतिक खेती में पूर्णकालिक रूप से कदम रखा। आज, संकल्प न केवल अपनी खेती में सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं, बल्कि वे हजारों किसानों को प्रेरित भी कर रहे हैं।
कॉर्पोरेट से खेती की ओर रुख (Shift from corporate to agriculture)
संकल्प शर्मा का कॉर्पोरेट करियर भले ही स्थिर और लाभदायक था, लेकिन वे उसमें संतुष्ट नहीं थे। वे हमेशा से एक ऐसे कार्य की तलाश में थे, जिसमें प्रकृति के साथ सामंजस्य हो। उनका कहना है, “मैंने महसूस किया कि मुझे अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहिए और खेती के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए।”
उन्होंने अपने पारिवारिक ज़मीन का उपयोग करते हुए खेती शुरू की। उनके लिए यह निर्णय आसान नहीं था, क्योंकि कॉर्पोरेट जीवन से खेती के क्षेत्र में कदम रखना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन उनके पास दृढ़ निश्चय था, और उन्होंने इसे अपनी ताकत बना लिया।
प्राकृतिक खेती और इसकी विशेषताएं (Natural farming and its features)
संकल्प ने प्राकृतिक खेती को अपनाने का निर्णय लिया, जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता।
- स्थानीय संसाधनों का उपयोग: संकल्प का मानना है कि खेती के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। वे गोबर, गोमूत्र, वर्मी कंपोस्ट, और प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं।
- लागत में कमी: जैविक खेती की तुलना में प्राकृतिक खेती में लागत कम होती है, क्योंकि इसमें बाज़ार से खरीदी गई सामग्रियों की आवश्यकता नहीं होती।
- स्वस्थ फ़सल और पर्यावरण: उनके खेत की मिट्टी स्वस्थ है, और फ़सलों में रोग और कीट कम लगते हैं। यह पर्यावरण के लिए भी फ़ायदेमंद है।
शरबती गेहूं की सफलता
विदिशा के शरबती गेहूं की प्रसिद्धि को बढ़ावा देने में संकल्प ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इसकी खेती को बड़े पैमाने पर शुरू किया और इसे अपने ग्राहकों तक सीधे पहुंचाया।
ग्राहकों से सीधा जुड़ाव: उन्होंने अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए एक मॉडल विकसित किया, जिसमें बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई।
उत्पादों की गुणवत्ता: उनके उत्पाद उच्च गुणवत्ता के हैं, जो न केवल स्थानीय बाज़ार में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता (Awareness through social media)
संकल्प शर्मा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा करने का काम किया।
- यूट्यूब चैनल: उनका यूट्यूब चैनल Natural Farming Made Easy अब 1 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स के साथ एक बड़ा मंच बन चुका है। इस चैनल के माध्यम से वे किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदों और तकनीकों के बारे में जानकारी देते हैं।
- वेबिनार और प्रशिक्षण: उन्होंने कई वेबिनार और ऑन-फील्ड ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए, जिनमें 1,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
- फ्री ट्रेनिंग: वे किसानों और खेती के शौकीनों को निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं, जिससे वे प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।
समाज के प्रति योगदान (Contribution to society)
संकल्प न केवल अपनी खेती में सफल हैं, बल्कि उन्होंने अपने क्षेत्र के किसानों को भी प्रेरित किया है।
स्थानीय रोज़गार: उन्होंने स्थानीय युवाओं को रोज़गार दिया, जिससे वे अपने गांव में ही रहकर कमाई कर सकें।
किसान उत्पादक समूह: उन्होंने अपने क्षेत्र में किसान उत्पादक समूह का गठन किया, जिससे किसानों को एकजुट होकर अपनी फ़सल बेचने में मदद मिली।
जागरूकता अभियान: वे प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण के महत्व को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाते हैं।
सम्मान और उपलब्धियां (Honours and achievements)
संकल्प शर्मा की मेहनत और योगदान को विभिन्न स्तरों पर सराहा गया है।
- ‘हरि भूमि सेवा सम्मान’ 2022: प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान: उनके प्रयासों को न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है।
सरकारी योजनाओं का लाभ (Benefits of government schemes)
संकल्प ने अभी तक किसी सरकारी योजना का सीधा लाभ नहीं लिया है। हालांकि, उन्होंने ड्रिप इरीगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर अपनी खेती को और अधिक कुशल बनाया है। उनका मानना है कि सरकार को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।
भविष्य की योजनाएं
संकल्प शर्मा का सपना है कि वे प्राकृतिक खेती को एक बड़े स्तर पर ले जाएं।
- अंतरराष्ट्रीय बाज़ार: वे अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पहुंचाने की योजना बना रहे हैं।
- किसानों का सशक्तिकरण: उनका उद्देश्य है कि वे अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं।
- शोध और नवाचार: वे अपनी खेती में निरंतर शोध और नवाचार कर इसे और भी बेहतर बनाना चाहते हैं।
किसानों के लिए संदेश (Message for farmers)
संकल्प शर्मा का मानना है कि खेती न केवल हमारी आजीविका है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य का भी आधार है। उनका संदेश है:
“प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद है, बल्कि यह हमारी मिट्टी, जल और स्वास्थ्य को भी संरक्षित करती है। यदि हम सभी इस दिशा में प्रयास करें, तो न केवल हमारी आय बढ़ेगी, बल्कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य भी सुनिश्चित कर पाएंगे।”
निष्कर्ष (Conclusion)
संकल्प शर्मा की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर लगन और मेहनत हो, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो यह दिखाता है कि खेती न केवल एक व्यवसाय है, बल्कि यह समाज और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। उनकी यात्रा यह प्रमाण है कि जब हम अपनी जड़ों से जुड़ते हैं, तो हम न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए बदलाव ला सकते हैं।
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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।