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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के दौलतिया गांव के निवासी उदय भानु सिंह ने जैविक और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है। पिछले चार वर्षों से वे हाइब्रिड बीजों के माध्यम से सब्जियों, अनाज, तिलहन और दलहन का सफल उत्पादन कर रहे हैं। उनकी मेहनत और नवीन सोच ने न केवल उन्हें सफलता दिलाई है, बल्कि वे अपने क्षेत्र में किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने हैं।
जैविक और प्राकृतिक खेती का सफर (The journey of organic and natural farming)
उदय भानु सिंह पिछले चार वर्षों से जैविक और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) कर रहे हैं। वे पारंपरिक और आधुनिक तरीकों का संयोजन करते हुए खेती को एक नई दिशा दे रहे हैं। उनकी खेती की विशेषताएं हैं:
- प्राकृतिक और जैविक का मिश्रण: उदय भानु जैविक और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के सिद्धांतों को मिलाकर खेती करते हैं। उनके पास देशी गाय और भैंसों का समूह है, जिनसे प्राप्त गोबर और गोमूत्र का उपयोग वे जीवामृत और वर्मी कम्पोस्ट बनाने में करते हैं।
- हाइब्रिड बीजों का उपयोग: उन्होंने हाइब्रिड बीजों का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, जिससे उनकी फ़सल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि हुई है।
- सहफ़सली खेती: वे सहफ़सली खेती का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं, जिससे वे एक ही जमीन पर अलग-अलग समय पर विभिन्न फ़सलें उगाते हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ (Benefits of government schemes)
उदय भानु सिंह ने अपनी खेती को और बेहतर बनाने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया।
- वर्मी कम्पोस्ट यूनिट: उद्यान विभाग की ओर से उन्हें वर्मी कम्पोस्ट यूनिट प्रदान की गई, जिससे वे जैविक खाद तैयार करते हैं।
- बोरवेल और स्प्रिंकलर सिस्टम: उन्होंने सिंचाई के लिए बोरवेल और स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग किया है, जो उनकी फ़सलों की जल आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
- नमामि गंगे योजना: वे अपने उत्पादों को नमामि गंगे के बैनर तले बेचते हैं, जिससे उन्हें बेहतर बाज़ार और ग्राहकों तक सीधा संपर्क मिलता है।
खेती का प्रभाव और सफलता (Impact and success of farming)
- उत्पादन की गुणवत्ता: उनकी जैविक और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की विधियों के कारण उनकी फ़सलों में रोग और कीट कम लगते हैं।
- हल्दी और मसालों की खेती: हल्दी और मसालों की खेती में उन्होंने विशेष सफलता पाई है। वे हल्दी का पाउडर बनाकर उसे पैकेजिंग करके बाज़ार में बेचते हैं।
- स्थानीय किसानों को प्रेरणा: उदय भानु ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए आसपास के किसानों को प्रेरित किया है। उनके साथ पांच अन्य किसान काम कर रहे हैं, जो उनके मार्गदर्शन में अपनी खेती को बेहतर बना रहे हैं।
सामाजिक योगदान (Social Contribution)
- किसानों को प्रशिक्षण: उदय भानु सिंह न केवल खुद खेती करते हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रशिक्षित करते हैं। वे किसानों के खेतों में जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
- स्थानीय रोजगार: उनके प्रयासों से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है, जिससे गांव के लोगों को अपने ही क्षेत्र में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।
सम्मान और उपलब्धियां (Honours and achievements)
उदय भानु सिंह की मेहनत और योगदान को सराहा गया है:
- कृषि मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र: जैविक खेती में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कृषि मंत्री ने उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
- स्थानीय पहचान: उनकी खेती और उत्पादों की गुणवत्ता ने उन्हें उनके क्षेत्र में एक पहचान दिलाई है।
मार्केटिंग और बिक्री (Marketing and Sales)
उदय भानु सिंह ने अपने उत्पादों को बाज़ार में ले जाने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई है।
- नमूने प्रदान करना: वे अपने उत्पादों के नमूने विभिन्न बाज़ारों और ग्राहकों को प्रदान करते हैं।
- नमामि गंगे बैनर: उनके उत्पादों को नमामि गंगे बैनर तले बेचने से उन्हें एक विशेष पहचान मिली है।
- पैकिंग और प्रोसेसिंग: हल्दी और अन्य मसालों को पैकेजिंग करके बाज़ार में बेचने की उनकी तकनीक ने उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाया है।
भविष्य की योजनाएं (future plans)
उदय भानु सिंह की योजना है कि वे अपनी खेती को और विस्तृत करें।
- उत्पादन बढ़ाना: वे अपनी जमीन पर अधिक उत्पादन करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना चाहते हैं।
- अन्य किसानों को जोड़ना: वे अपने क्षेत्र के और अधिक किसानों को जैविक और प्राकृतिक (Natural Farming) खेती से जोड़ना चाहते हैं।
- नए उत्पादों की शुरुआत: वे हल्दी और मसालों के अलावा अन्य उत्पादों की खेती और प्रोसेसिंग शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
किसानों के लिए संदेश (Message for farmers)
उदय भानु सिंह का मानना है कि जैविक और प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद है, बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक है। उनका संदेश है:
“खेती को एक जिम्मेदारी और व्यवसाय दोनों के रूप में अपनाएं। जैविक और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) का प्रयोग करें और अपनी मिट्टी, जल और पर्यावरण को संरक्षित करें।”
निष्कर्ष (Conclusion)
उदय भानु सिंह ने जैविक और प्राकृतिक खेती के माध्यम से न केवल खुद को एक सफल किसान के रूप में स्थापित किया है, बल्कि उन्होंने अपने क्षेत्र के किसानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि अगर सही दिशा और मेहनत हो, तो खेती को न केवल एक लाभदायक व्यवसाय बनाया जा सकता है, बल्कि इससे समाज और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाया जा सकता है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।