TRIFED: ट्राइफेड है भारत के आदिवासियों के विकास का सशक्त स्तंभ, जानिए जनजातीय विकास में इसकी भूमिका

ट्राइफेड (TRIFED) एक सरकारी संस्था है जिसे 1987 में मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ एक्ट, 1984 (The Multi-State Cooperative Societies Act, 1984) के तहत बनाया गया था।

TRIFED: ट्राइफेड है भारत के आदिवासियों के विकास का सशक्त स्तंभ, जानिए जनजातीय विकास में इसकी भूमिका

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आदिवासी आबादी वाला देश है। यहां लगभग 10 करोड़ से ज़्यादा लोग आदिवासी समुदाय से आते हैं, जो अपनी समृद्ध संस्कृति, कला और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इन समुदायों को अक्सर आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं चुनौतियों को दूर करने और आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए “ट्राइफेड” (TRIFED – Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India) की स्थापना की गई है।

ट्राइफेड क्या है? (What is TRIFED?)

ट्राइफेड (TRIFED) एक सरकारी संस्था है जिसे 1987 में मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ एक्ट, 1984 (The Multi-State Cooperative Societies Act, 1984) के तहत बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य देश के आदिवासी समुदायों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। ट्राइफेड आदिवासियों की ओर से बनाए गए हस्तशिल्प, वन उत्पादों और कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मदद करता है ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके।

ट्राइफेड के मुख्य उद्देश्य (Main Objectives Of TRIFED)

1.आदिवासी उत्पादों को बाजार से जोड़ना: ट्राइफेड आदिवासियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने में मदद करता है।

2.आदिवासियों को प्रशिक्षण देना :  ट्राइफेड आदिवासी कारीगरों को नए डिजाइन, तकनीक और बाजार की जानकारी देकर उनकी कमाई बढ़ाने में मदद करता है।

3.स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बढ़ावा देना : आदिवासी महिलाओं और युवाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाता है।

4.वन उत्पादों का वैल्यू एडिशन : जंगल से मिलने वाले उत्पादों (जैसे शहद, आंवला, लाख, तेंदू पत्ता) को बेहतर तरीके से प्रोसेस करके उनकी कीमत बढ़ाई जाती है।

5.डिजिटल और ग्रामीण कनेक्टिविटी :  “संकल्प से सिद्धि” जैसे कार्यक्रमों के जरिए गांवों में डिजिटल साक्षरता और बाजार पहुंच बढ़ाई जा रही है।

ट्राइफेड की प्रमुख योजनाएं (Major Schemes of TRIFED)

 

1. वन धन विकास योजना (Van Dhan Vikas Yojana)

यह योजना आदिवासी कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है। इसके तहत पूरे देश में 50,000 वन धन विकास केंद्र (VDVK) स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर आदिवासी लोगों को जंगल से मिलने वाले उत्पादों (जैसे शहद, जड़ी-बूटियाँ, तेंदू पत्ता) को इकट्ठा करने, प्रोसेस करने और बेचने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे उनकी आय में वृद्धि होती है।

2. टेक फॉर ट्राइबल्स (Tech For Tribals)

इस योजना का लक्ष्य 5 करोड़ आदिवासी उद्यमियों को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देना है। इसके तहत आदिवासी युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग, उत्पाद डिजाइनिंग और ब्रांडिंग की जानकारी दी जाती है ताकि वे अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेच सकें।

3. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना (Minimum Support Price (MSP) Scheme)

आदिवासियों द्वारा इकट्ठा किए गए वन उत्पादों (Minor Forest Produce – MFP) के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। इससे आदिवासियों को उनके उत्पादों का सही दाम मिलता है और वे बिचौलियों के शोषण से बचते हैं।

4. ट्राईफूड योजना (TRIFOOD Scheme)

यह योजना खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय (ministry of food processing) और ट्राइफेड (TRIFED) की संयुक्त पहल है। इसके तहत आदिवासी उत्पादों (जैसे आंवला, जामुन, महुआ) को प्रोसेस करके जूस, जैम, च्यवनप्राश जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। इससे उन उत्पादों की वैल्यू बढ़ती है और आदिवासियों को अधिक मुनाफा होता है।

ट्राइफेड के सफलता की कहानियां (Success Stories of TRIFED)

1. झारखंड की लाख कला (Lac Craft)

झारखंड के आदिवासी लाख (Lac) से खूबसूरत गहने और सजावटी सामान बनाते हैं। ट्राइफेड ने इन उत्पादों को बाजार से जोड़कर हज़ारों आदिवासी कारीगरों की आय बढ़ाई है।

2. छत्तीसगढ़ के तेंदू पत्ता संग्रहकर्ता (Tendu leaf gatherers from Chhattisgarh)

तेंदू पत्ता से बीड़ी बनाई जाती है। ट्राइफेड ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को तेंदू पत्ता संग्रहण के लिए प्रशिक्षित किया और उन्हें सीधे बाजार से जोड़ा, जिससे उनकी कमाई में वृद्धि हुई।

3. केरल की जैविक शहद (Organic Honey from Kerala)

केरल के वायनाड क्षेत्र के आदिवासी शहद इकट्ठा करते हैं। ट्राइफेड ने उन्हें प्रशिक्षण देकर शहद को बोतलबंद करके बेचना सिखाया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।

कैसे जुड़ें ट्राइफेड से? (How to join TRIFED?)

यदि आप आदिवासी समुदाय से हैं और अपने हस्तशिल्प या वन उत्पादों को बेचना चाहते हैं, तो आप ट्राइफेड (TRIFED) से जुड़ सकते हैं:

ऑफिशियल वेबसाइट: https://trifed.tribal.gov.in

हेल्पलाइन नंबर: 011-23366063

रिटेल स्टोर्स: ट्राइफेड (TRIFED) के “ट्राइब्स इंडिया” स्टोर्स पूरे भारत में हैं, जहां आदिवासी उत्पाद बेचे जाते हैं।

 ट्राइफेड (TRIFED) ने आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। ‘संकल्प से सिद्धि’ जैसी योजनाओं के माध्यम से अब आदिवासी युवाओं को Digital Marketing और Modern Technologies से जोड़ा जा रहा है। अगर सरकार और समाज मिलकर इन प्रयासों को आगे बढ़ाएं, तो भारत के आदिवासी समुदायों का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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