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भेड़ पालन (Sheep farming) आज एक महत्वपूर्ण और लाभकारी व्यवसाय बन चुका है, और यह कश्मीर के किसानों के लिए एक स्थिर आय का स्रोत बन चुका है। जुबैर अय्यूब की कहानी इस बात का प्रमाण है कि भेड़ पालन को सही तरीके से अपनाकर सफलता प्राप्त की जा सकती है। हम आपको बताएंगे कि कैसे जुबैर ने भेड़ पालन को जीरो से शुरू करके आज पुलवामा के सबसे बड़े भेड़ फ़ार्मों में से एक में अपना फ़ार्म स्थापित किया।
जुबैर अय्यूब की शुरुआत (The Beginning of Zubair Ayoub)
जुबैर अय्यूब ने भेड़ पालन (Sheep farming) की शुरुआत 2018 में की थी। उन्होंने शुरू में सिर्फ पांच-छह भेड़ें लीं, जो कश्मीरी लोकल मेरिनो प्रजाति की थीं। हालांकि, वह महसूस करते थे कि इस प्रजाति में ज्यादा ग्रोथ और इंप्रूवमेंट की संभावना नहीं है। जुबैर की मेहनत और लगातार सीखने की इच्छा ने उन्हें भेड़ पालन में सफलता दिलाई। धीरे-धीरे उन्होंने एक नई प्रजाति की ओर रुख किया, जो थी हाइब्रिड मेरिनो भेड़, जो कि ज्यादा तेज़ी से बढ़ती और प्रजनन करती हैं।
भेड़ पालन में बदलाव और सफलता (Success in Sheep Farming)
जुबैर बताते हैं कि भेड़ पालन में लोकल कश्मीरी मेरिनो भेड़ की तुलना में हाइब्रिड मेरिनो भेड़ अधिक लाभकारी साबित होती है। हाइब्रिड भेड़ें कम समय में अधिक वजन प्राप्त करती हैं। लोकल कश्मीरी भेड़ का बच्चा तीन से चार महीनों में 20-25 किलो तक बढ़ता है, जबकि हाइब्रिड मेरिनो भेड़ का बच्चा केवल तीन से चार महीनों में 40-50 किलो तक बढ़ सकता है। जुबैर ने इस विशेषता को ध्यान में रखते हुए हाइब्रिड मेरिनो भेड़ों को अपने फ़ार्म में शामिल किया।
कश्मीर में भेड़ पालन का भविष्य (The future of sheep farming in Kashmir)
भेड़ पालन (Sheep farming) कश्मीर में तेज़ी से बढ़ रहा है। जुबैर का मानना है कि भेड़ पालन एक शानदार व्यवसाय है, खासकर जब आप हाइब्रिड मेरिनो भेड़ों का पालन करते हैं। हालांकि, वह यह भी कहते हैं कि भेड़ पालन हर किसी के लिए नहीं है, और जो किसान इस काम में रुचि रखते हैं, उन्हें इसे पूरी तरह से समझकर ही अपनाना चाहिए। उनका कहना है कि भेड़ पालन को एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से करना चाहिए और किसानों को इसके लाभ के बारे में अधिक जागरूक किया जाना चाहिए।
भेड़ पालन के फ़ायदे (Advantages of sheep farming)
कश्मीर के ग्रामीण इलाकों में भेड़ पालन से कई फ़ायदे जुड़े हुए हैं। जुबैर अय्यूब का मानना है कि भेड़ पालन न सिर्फ एक अच्छा व्यवसाय है, बल्कि यह कृषि और पशुपालन के अन्य क्षेत्रों को भी सहयोग प्रदान करता है। भेड़ से मिलने वाली ऊन, दूध और मांस के अलावा, इसके गोबर का उपयोग जैविक उर्वरक के रूप में भी किया जा सकता है। इसके अलावा, भेड़ पालन (Sheep farming) से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों का अच्छे तरीके से उपयोग करता है।
किसान की सफलता की कुंजी (The key to a farmer’s success)
आज जुबैर अय्यूब भेड़ पालन से अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं, और उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर सही तरीके से भेड़ पालन किया जाए तो इसके जरिए अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने अथक प्रयासों और सही प्रजाति के चयन को देते हैं। जुबैर का मानना है कि यदि भेड़ पालन (Sheep farming) में दिलचस्पी रखने वाले किसान अपनी मेहनत और ज्ञान को सही दिशा में लगाते हैं, तो वे भी भेड़ पालन से अच्छी कमाई कर सकते हैं।
भेड़ पालन के लिए टिप्स (Tips for Raising Sheep)
जुबैर अय्यूब ने भेड़ पालन (Sheep farming) के लिए कुछ खास टिप्स भी दिए हैं:
- सही प्रजाति का चयन – हाइब्रिड मेरिनो भेड़ जैसी प्रजातियां तेज़ी से बढ़ती हैं और अधिक मुनाफ़ा देती हैं।
- आहार प्रबंधन – भेड़ों के लिए अच्छे चारे की व्यवस्था और उचित पानी की आपूर्ति महत्वपूर्ण है।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें – भेड़ों की बीमारी से बचाव के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं।
भेड़ पालन में भविष्य के अवसर (Future Opportunities in Sheep Farming)
जुबैर अय्यूब का मानना है कि भेड़ पालन (Sheep farming) कश्मीर के लिए एक दीर्घकालिक और लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकता है। उन्होंने कश्मीर में भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं और उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में भेड़ पालन के व्यवसाय में और भी वृद्धि होगी। इस दिशा में सरकार और कृषि विभाग की भी सक्रिय भूमिका हो सकती है, ताकि किसानों को सही मार्गदर्शन मिल सके।
निष्कर्ष (Conclusion)
जुबैर अय्यूब की भेड़ पालन (Sheep farming) में सफलता की कहानी न केवल कश्मीर के किसानों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह हर उस किसान के लिए एक सबक है जो कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में कदम रखने की सोच रहा है। अगर आप भी भेड़ पालन में रुचि रखते हैं, तो जुबैर की तरह सही दिशा में मेहनत करके इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। भेड़ पालन में सफलता पाने के लिए, किसानों को सही जानकारी और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, और यही जुबैर अय्यूब की सफलता का राज है।
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