Pulses Self-Reliance Mission: देश की थाली होगी पोषण से भरपूर, दलहन विकास में सरकार का बड़ा कदम

सरकार ने 2025-26 के लिए 1,000 करोड़ रुपये के बजट (Union Budget 2025-2026) के साथ एक महत्वाकांक्षी मिशन शुरू करने का ऐलान किया है। इस मिशन का मुख्य फोकस तूर (अरहर), उड़द (काला चना) और मसूर (लाल मसूर) पर रहेगा। केंद्रीय एजेंसियां जैसे नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार  सालों तक रजिस्ट्रेशन वाले किसानों से इन दालों की खरीद करेंगी, जिससे किसानों को बाजार में उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।

Pulses Self-Reliance Mission: देश की थाली होगी पोषण से भरपूर, दलहन विकास में सरकार का बड़ा कदम

1 फरवरी 2025 के बजट (Union Budget 2025-2026) में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने विशेष रूप से कृषि क्षेत्र पर अपना फ़ोकस किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि कृषि देश का पहला इंजन है। ये वो क्षेत्र है, जिस पर लाखों लोगों की आजीविका निर्भर करती है। उन्होंने कृषि क्षेत्र के महत्व को बताते कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय में सुधार लाने के लिए नए-नए मिशनों की जरूरत है।

बजट में कृषि के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा


इस बजट में कृषि के लिए कम से कम नौ नए मिशन या कार्यक्रमों की घोषणा की गई है, जो देश की तरक्की में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
इन घोषणाओं में दलहन आत्मनिर्भरता का मिशन (Pulses Self-Reliance Mission), तिलहन में मूल्य समर्थन योजना, और जलवायु-स्मार्ट कृषि जैसी पहलों का उल्लेख किया गया है। किसानों की उपज और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने विशेष कदम उठाने का संकल्प लिया है। 

 दलहन आत्मनिर्भरता मिशन

विशेष रूप से दालों (Pulses) के क्षेत्र में, सरकार ने 2025-26 के लिए 1,000 करोड़ रुपये के बजट (Union Budget 2025-2026) के साथ एक महत्वाकांक्षी मिशन शुरू करने का ऐलान किया है। इस मिशन का ख़ास फोकस तूर (अरहर), उड़द (काला चना) और मसूर (लाल मसूर) पर रहेगा।

केंद्रीय एजेंसियां जैसे नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार  सालों तक रजिस्ट्रेशन वाले किसानों से इन दालों की खरीद करेंगी, जिससे किसानों को बाजार में उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।

कृषि मंत्री ने भी दलहन ख़रीद में जताई  प्रतिबद्धता

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने भी आने वाले सीज़न में उड़द, अरहर और मसूर दालों की 100 प्रतिशत खरीद करने की प्रतिबद्धता जताई है।  ये पहल भारत में आयात पर निर्भरता कम करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जहां देश हर साल लाखों टन दालें आयात करता है, वहीं यह मिशन सुनिश्चित करेगा कि हमारे किसान अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेचें।

तिलहन और खाद्य तेल क्षेत्र में सुधार

तिलहन के क्षेत्र में, केंद्र सरकार ने राज्य विभागों के सहयोग से चालू सीजन में मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से एमएसपी पर 1.2 मिलियन टन सरसों खरीदी है। साथ ही, खाद्य तेलों के आयात में कमी लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। 

भारत ने 2022-23 तेल वर्ष के दौरान पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के खाद्य तेलों का रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन आयात किया, लेकिन सरकार ने इन आयात शुल्कों में कमी कर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया है। जिसमें मुख्य रूप से पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी शामिल हैं।

आयात शुल्क कम कर, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास

सरकार ने इन आयात शुल्कों को कम कर, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। नेफेड और एनसीसीएफ जैसी सहकारी संस्थाएं प्रमुख उत्पादक राज्यों में पंजीकरण शुरू कर चुकी हैं, ताकि किसानों को एमएसपी से अधिक बाजार मूल्य पर अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता मिले।

यहां तक कि सहकारी संस्थाएं जैसे नेफेड और एनसीसीएफ ने प्रमुख उत्पादक राज्यों में किसानों का पंजीकरण शुरू कर दिया है, ताकि वे अपनी उपज को एमएसपी से भी अधिक कीमत पर बेच सकें।  

मौजूदा चुनौतियां और समाधान

हालांकि, इन पहलों के बावजूद, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के कुल आवंटन में 2.5 फीसदी की कमी आई है। संशोधित अनुमान के अनुसार, 2024-25 में आवंटन 1,41,351.56 करोड़ रूपये  से घटकर 1,37,756.55 करोड़ रूपये  रह गया है। 

ये कमी किसानों के लिए चिंता की बात है। लेकिन सरकार ने ये सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग हो। कृषि उत्पादन में उतार-चढ़ाव के कारण जैविक और अजैविक तनाव भी बढ़ रहे हैं, जिससे कुछ राज्यों में दालों की पैदावार में गिरावट देखने को मिल रही है।

कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने ख़ासतौर से पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में चावल की उपज वाले क्षेत्रों में अरहर, उड़द और मसूर की खेती बढ़ाने की सिफारिश की है।

सरकारी योजनाओं का सहयोग और किसान सशक्तिकरण

सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMSKY) और बायोटेक-किसान जैसी पहलों का भी उल्लेख है। ये योजनाएं किसानों को तकनीकी सहायता, बेहतर सिंचाई और आधुनिक खेती के तरीके अपनाने में मदद कर रही हैं।

किसानों को 100 फ़ीसदी खरीद की गारंटी देकर, सरकार ये संदेश देती है कि अगर किसान अपनी उपज को सही दिशा में प्रबंधित करें, तो उनकी आय में सुधार होगा और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। 

आने वाले सालों में, इस मिशन के तहत दालों, तिलहन, और अन्य कृषि उत्पादों के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि देश में खाद्य सुरक्षा के नए मानक भी स्थापित होंगे।  

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