खाद (Manure) और उर्वरक (Fertilizer) का इस्तेमाल फसलों के लिए और बागवानी में पौधों को ज़रूरी पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जाता है। खाद प्राकृतिक रूप से तैयार की जाती है। जिसे पौधे और पशुओं के मलों को मिलाकर तैयार किया जाता है। खाद खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने के लिए काम में लाई जाती है।
खाद (Manure) क्या होती है ?
खाद कार्बनिक पदार्थ है जो जानवरों के मल जैसे गोबर और मूत्र, घास, सड़ी पत्तियों से तैयार होती है। खाद में पोषक तत्वों की मात्रा पाई जाती है, साथ ही नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व पशु के आहार और उनकी प्रजातियों पर भी निर्भर करते हैं। आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि खाद एक प्राकृतिक उर्वरक है, जिसे जानवरों के अपशिष्ट से तैयार किया जाता है।
पशु का अपशिष्ट जब धीरे-धीरे सड़ता है तब वो पौधों के लिए टॉनिक का रूप ले लेता है, जिससे उनकी वृद्धि होती है। खाद मिट्टी की बनावट में सुधार करके और पानी बनाए रखने में मदद करके उसे बेहतर बनाती है। फसलों और पौधों के लिए गाय, भैंस की खाद, मुर्गी की खाद, घोड़े की खाद, भेड़ की खाद, रसोई के बचे हुए खाना, पेड़ों की सूखी और सड़ी पत्तियां खाद के रूप में आहार होती हैं।
खाद के विशेष गुण
- खाद में कार्बनिक पदार्थ अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। पौधों और पत्तियों के सड़ने और जानवरों के अपशिष्ट से प्राकृतिक रूप से बैक्टीरिया द्वारा मिट्टी को ह्यूमस प्रदान करता है।
- खाद में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
- खाद से फसलों को नुकसान नहीं होता है साथ ही इसे खेत में बिना परेशानी के तैयार किया जा सकता है।
- खाद प्राकृतिक रूप से कार्बनिक पदार्थ है जो मिट्टी को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाता है।
क्या होता है उर्वरक (Fertilizers)
उर्वरक या फर्टिलाइजर्स एक तरह के सिंथेटिक केमिकल होते हैं जिसको पौधों के विकास के लिए तैयार किया जाता है, इसमें जरूरी पोषक तत्व मिले होते हैं। इन्हें रासायनिक रूप से तैयार किया जाता है। उर्वरकों (Fertilizers) को विशिष्ट पोषक अनुपात, जैसे एन-पी-के (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) को शामिल करने के लिए तैयार किया जाता है। इसके साथ ही उर्वरकों में सूक्ष्म पोषक तत्व भी शामिल होते हैं जो फसलों में अच्छी पैदावार के लिए होते हैं।
उर्वरक छोटे दानों या गोलियों के रूप में होते हैं। इनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व शामिल होते हैं। जब इनको फसलों पर छिड़का जाता है तब पौधे इन पोषक तत्वों को सोख लेते हैं। उर्वरकों का इस्तेमाल खास तौर से पौधों को तेजी से बढ़ने और जड़ों को मजबूती प्रदान करने के लिए होता है।
हालांकि, उर्वरकों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल पौधों के लिए सही नहीं होता है। इनका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। अमोनियम नाइट्रेट, ट्रिपल सुपरफॉस्फेट, पोटेशियम सल्फेट, यूरिया और अस्थि भोजन उर्वरकों (Fertilizers) के उदाहरण हैं।
उर्वरक (Fertilizers) के विशेष गुण
- उर्वरक (Fertilizers) कारखानों में तैयार किये गये केमिकलयुक्त पदार्थ है, जिनका इस्तेमाल मिट्टी में उर्वरता में सुधारने के लिए और उनकी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
- उर्वरक मिट्टी को ह्यूमस प्रदान नहीं करता है। लेकिन इसमें पौधों के लिए ज़रूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जैसे कि नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम वगैरह।
- इसे आसानी से खरीदा और स्टोर किया जा सकता है। ये खराब नहीं होते हैं।
- खाद की तुलना में ये थोड़े महंगे होते हैं।
खाद (Manure) और उर्वरक (Fertilizers) के बीच अंतर
जो प्राकृतिक तरीके से तैयार होती है वो खाद है। जैसे गोबर के सड़ने से खाद बनती है। जो फैक्ट्री में केमिकल पदार्थ से तैयार की जाती है उसे उर्वरक (Fertilizers) कहते हैं। खाद पौधों और पत्तियों के सड़ने और जानवरों के अपशिष्ट से प्राप्त कार्बनिक पदार्थ है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होते है, ये फसलों और पौधों के बढ़ने और उपज में काफी अहम रोल अदा करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ उर्वरक या फर्टिलाइज़र्स एक तरह के सिंथेटिक केमिकल होते हैं जो पौधों के विकास के लिए ज़रूरी है। इसमें ज़रूरी पोषक तत्व मिले होते हैं। आधुनिक कृषि में खाद और उर्वरक दोनों की ही ख़ास भूमिका होती है। जो पौधों की वृद्धि और फसल उपज के लिए ज़रूरी होते हैं।
खाद (Manure) और उर्वरक (Fertilizers) का महत्व
पोषक तत्वों के बह जाने और जल प्रदूषण जैसे नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए बेहतर परिणाम पाने के लिए, मिट्टी के प्रकार, फसल के प्रकार और पर्यावरणीय प्रभाव को देखते हुए खाद और उर्वरकों का फसलों और पौधों में डालना काफी अहम है। कृषि के साथ ही बागवानी में खाद और उर्वरक दोनों ही खास भूमिका अदा करते हैं।
1. खाद (Manure) और उर्वरक (Fertilizers) पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे ज़रूरी पोषक तत्व देने का काम करते हैं। जिससे अच्छी उपज और पौधों का विकास होता है।
2.खाद (Manure) से मिट्टी की नमी, उसकी संरचना को बनाए रखने में मदद मिलती है।
3.खाद (Manure) और उर्वरकों के उचित इस्तेमाल से फसलों की पैदावार अच्छी होती है और कृषि उत्पादकता बढ़ती है।
4.खाद (Manure) और उर्वरक (Fertilizers) के इस्तेमाल ना करने से पौधों के विकास में रूकावट और फसल की गुणवत्ता खराब होती है।
5.खाद (Manure) का इस्तेमाल अपशिष्ट को कम करता है। कार्बनिक पदार्थों को रिसाइकिल करता है।
6.खाद और उर्वरकों के साथ प्रयोग से पौधों और फसलों में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है।