अब गाय-भैंस भी खाएंगी चॉकलेट, जानिए इस तरीके से कैसे बढ़ेगा दूध का उत्पादन

इस एक चॉकलेट का वजन 2.5 और 3 किलोग्राम है। मवेशी इसे चाट कर खा सकेंगे और एक कैंडी करीब तीन से चार दिन में खत्म होगी।

गाय-भैंस भी खाएंगी चॉकलेट ( chocolate for animals )

अब गाय-भैंस भी खाएंगी चॉकलेट: पशुपालन खेती-बाड़ी का एक प्रमुख हिस्सा है। जब देश के किसान जैविक खेती की ओर एक बार फिर से रुख  कर रहे हैं। तो इसकी भागीदारी और मजबूत हो जाती है। पशुपालन से कई तरह के फ़ायदे हैं। इससे  किसानों को दूध, अंडा, जैविक खाद मिलता है। पशुपालन में किसान मुख्य रूप से गाय, भैंस, सूअर, मुर्गी, भेड़-बकरी का पालन-पोषण करते हैं।

अब चॉकलेट मवेशियों की एनर्जी बूस्टर

पशुपालन में मवेशियों के चारे पर खासतौर पर ध्यान रखना होता है। इससे उनकी दूध देने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है। अगर मवेशियों को पोषक तत्वों से भरपूर चारा नहीं मिलेगा, तो उनके दूध की गुणवत्ता और सेहत पर असर पड़ सकता है। इसे ही ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (NDVSU) ने कैंडी चॉकलेट तैयार की है। ये चॉकलेट मवेशियों के चारे और आहार की कमी को पूरा करेगी। इस चॉकलेट का नाम है ‘नर्मदा विटामिन लिक’।

गाय-भैंस भी खाएंगी चॉकलेट ( chocolate for animals )
तस्वीर साभार: newsncr

अब गाय-भैंस भी खाएंगी चॉकलेट, जानिए इस तरीके से कैसे बढ़ेगा दूध का उत्पादन

कई पोषक तत्वों से भरपूर है ‘नर्मदा विटामिन लिक’ चॉकलेट

NDVSU के विशेषज्ञों का कहना है कि ये चॉकलेट न सिर्फ़ खाने में स्वादिष्ट होगी, बल्कि इससे तमाम ज़रूरी पोषक तत्व भी मवेशियों को मिल सकेंगे। ये चॉकलेट गरीब डेयरी किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उनके पास इतना पैसा नहीं होता कि वो चारे और भूसे के अलावा उन्हें कुछ दे सकें। ऐसे में कई मिनरल्स, विटामिन और प्रोटीन युक्त ये चॉकलेट मवेशियों की सेहत के लिए फ़ायदेमंद होगी।

दूध का बढ़ेगा उत्पादन

इस चॉकलेट से दूध उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी और प्रजनन क्षमता को भी बढ़ावा मिलने का दावा किया जा रहा है। NDVSU के पशु पोषण विभाग के प्रमुख डॉ. सुनील नायक के मुताबिक, इस चॉकलेट के ट्रायल के दौरान दूध के उत्पादन में 15 से 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।

गाय-भैंस भी खाएंगी चॉकलेट ( chocolate for animals )

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एक चॉकलेट चलेगी तीन से चार दिन

एक चॉकलेट का वजन ढाई से 3 किलोग्राम है। इसे आयोडीन, गुड समेत कई चीजों से बनाया गया है। मवेशी इसे चाट कर खा सकेंगे और एक कैंडी करीब तीन से चार दिन तक चलेगी।

जल्द ही बाज़ार में उपलब्ध कराने की तैयारी

NDVSU के कुलपति सीता प्रसाद तिवारी बताते हैं कि उन्होंने पशु पोषण विभाग को जानवरों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर एक फ़ूड सप्लीमेंट तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी थी। ये चॉकलेट मवेशियों के हर पोषक तत्व को पूरा करेगी। जल्द ही इसे बाज़ार में उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस चॉकलेट को आईएसओ (ISO) और बीआईएस (BIS) मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है।

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