खेती में भी होगा ड्रोन का इस्तेमाल, माननी होंगी ये शर्तें
भारत सरकार ने भी खेतीबाड़ी में ड्रोन के उपयोग को स्वीकृति दे दी है। ड्रोन का प्रयोग करते समय सरकार द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
पशुपालन और मछली पालन से जुड़ी सभी प्रकार की उपयोगी जानकारी जिसकी मदद से किसान भाई अपनी आय बढ़ा सकते हैं एवं नये आय का जरिया ढूंढ सकते हैं।
भारत सरकार ने भी खेतीबाड़ी में ड्रोन के उपयोग को स्वीकृति दे दी है। ड्रोन का प्रयोग करते समय सरकार द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
धोनी अब अपने शहर रांची में मध्यप्रदेश के झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गाों की बिजनेस करेंगे। इसके लिए उन्होंने कड़कनाथ मुर्गों के 2000 चूजों के लिए ऑर्डर भी दे दिया है। धोनी ने यह आर्डर झाबुआ के आदिवासी किसानों को दिया है जो रांची में मौजूद धोनी की टीम को 15 दिसंबर तक यह चूजे डिलीवर करेंगे।
क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि गाय के गोबर से पेपर बैग बनाया जा सकता है? तो आज हम आपको बताएंगे कि गाय के गोबर से किस प्रकार आप पेपर बैग बनाकर अपनी वित्तीय समस्याओं को खुद से दूर कर सकते हैं। तो आइए पढ़ते हैं विस्तार से।
कृषि के क्षेत्र में मुख्य तौर पर डेयरी फार्मिंग, मछली पालन और पोल्ट्री फार्मिंग की जाती है। इन सभी व्यवसायों के अलावा भी कई सारे ऐसे बिजनेस हैं जो कृषि के क्षेत्र में आपके लिए काफी लाभदायक और उपयोगी साबित हो सकते हैं। आज हम आपको इन्हीं सारे छोटे और बड़े व्यवसायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें शुरू करके आप बेहद आसानी से और कम समय के साथ ही कम लागत में अच्छे परिणाम पा सकते हैं।
कृषि के क्षेत्र में कई तरीके से बिजनेस किए जा सकते हैं। जिनके बारे में किसानों को जागरूक करना बहुत ही महत्वपूर्ण और जरूरी काम है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही तीन मुख्य कृषि बिजनेस के बारे में आइडिया देंगे जिससे आप कृषि के क्षेत्र में भी कम लागत में अधिक पैसे कमा सकते हैं।
आज हम आपको गाय की एक ऐसी नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद ही कम लागत में सर्वाधिक दूध देने वाली गाय मानी जाती है। इस गाय का नाम थारपारकर गाय है। इसे ग्रे सिंधी, वाइट सिंधी और थारी के नाम से भी जाना जाता है।
देश के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती और सहायता प्रदान करने के लिए इन दिनों केंद्र सरकार के द्वारा मछली पालन पर काफी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को ‘फार्म पॉन्ड’ यानी खेतों में तलाई बनाकर मछली पालन करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
रोहू मछली का नाम मछलियों की प्रमुख प्रजाति में शुमार है। यह मछली महज 9 से 12 महीनों में ही बेचने लायक हो जाती है। आम रोहू मछली के मुकाबले इसकी ग्रोथ भी कम समय में हो जाती है। इसे पाल कर कम समय में ही अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
अब डेयरी फार्म और गौशाला को गांव और शहरों की सीमाओं से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत दी जाएगी। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण को दी गई है।
यदि आप भी पशुपालन कर रहे हैं तो नई वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किन पशुओं का पालन पोषण करने से आपको अधिक फायदा होगा।
इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार लोगों को पशु खरीदने के लिए बिना किसी गारंटी के 1.60 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध कराती है। राज्य के कृषि मंत्री के अनुसार सरकार 8 लाख पशुपालकों को यह कार्ड जारी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
दूध उत्पादन के मामले में इन गायों का कोई मुकाबला नहीं है। जानिए गाय की उन नस्लों के बारे में जो रिकॉर्ड दूध उत्पादन कर सकती हैं और आप उनसे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
आज हर व्यक्ति ऐसा कारोबार करना चाहता है, जिसमें मुनाफा ज्यादा से ज्यादा हो। पशुपालन भी ऐसा ही एक कारोबार है, जिसे यदि सही और वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, तो उसमें नुकसान नहीं होता, बल्कि फायदा ही फायदा है। इसके लिए आप गाय, भैंस, सूअर, मुर्गी, बतख, भेड़, बकरी आदि पाल सकते हैं। जानिए पशुपालन से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बातें-
सिरोही बकरियों की विशेषता यह है कि ये सामान्य बकरियों से ज्यादा दूध देती हैं और इनमें बीमारियां भी ना के बराबर पाई जाती हैं। इतना ही नहीं इन पर मौसम बदलने का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
e-Gopala ऐप के माध्यम से सारे पशुपालक पशुपालन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही इससे उत्पादन को बढ़ाने में भी काफी मदद मिल पाएगी।
मछली पालन के लिए सामान्य वर्ग के एक व्यक्ति को सरकार की तरफ से 40% सब्सिडी मिलती है वहीं महिला एवं अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति को 60% तक की सब्सिडी दी जाती है।