आज के वक़्त में खेती-किसानी की बातें सिर्फ़ खबरों तक सिमटकर रह जाती है। कृषि से जुड़ी जानकारियां छात्रों तक नहीं पहुंच पाती। किसान परिवार से जुड़े युवा ही इसकी बारीकियों के बारे में जानते हैं। मैंने भी अपने देश के अलग-अलग क्षेत्रों के दौरे पर महसूस किया है कि आज के समय में छात्र खेती से जुड़े विषयों से दूर होते जा रहे हैं। उन्हें शहर में रहकर या तो डॉक्टर बनना है या फिर इंजीनियर। इसका एक सबसे बड़ा कारण जानकारी का अभाव भी है। इसी धारणा को बदलने के लिए अब शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने एक बड़ा फैसला लिया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training) ने अपने सिलेबस में कृषि से जुड़े विषयों को भी शामिल कर दिया है। NCERT की पाँचवी से लेकर दसवीं कक्षा की विज्ञान पाठ्यपुस्तकों में और ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की जीव विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में कृषि विषय के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में बारहवीं कक्षा की भूगोल की पाठ्यपुस्तक “India: People and Economy” में भी पढ़ाया जाएगा। इन पाठ्यपुस्तकों में समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से कक्षा 9वीं और 12वीं में बतौर स्किल सब्जेक्ट एग्रीकल्चर पढ़ाया जाता है। वहीं, कक्षा 11वीं से 12वीं तक के छात्रों को ‘बागवानी’ विषय बतौर स्किल सब्जेक्ट पढ़ाया जाता है।
इसके अलावा, छात्रों को ‘भारत के किसान पोर्टल’ और ‘सतत विकास के लिए राष्ट्रीय मिशन’ (National Mission for Sustainable Development) के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहलों के बारे में भी बताया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy, NEP) 2020 के पैरा 4.27, 5.25 और 5.6 में शिक्षा में कृषि के महत्व पर बात की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्कूलों में ‘मास्टर प्रशिक्षक’ के रूप में पढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। पैरा 4.27 में उल्लेख किया गया है कि “India’s Knowledge”, में अन्य विषयों के साथ कृषि को भी जोड़ा गया है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।