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भारत में कृषि हमेशा से पुरुष प्रधान क्षेत्र माना जाता रहा है, लेकिन अब ये धारणा बदल रही है। ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ (Namo Drone Didi Scheme) के तहत महिलाएं न केवल अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, बल्कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर किसानों की मदद भी कर रही हैं। ये योजना महिलाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है। इस योजना का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ कृषि में आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देना है।
क्या है ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा शुरू की गई ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ का मुख्य उद्देश्य देश की महिलाओं को ड्रोन टेक्नोलॉजी (Drone Technology) के जरिए सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को ड्रोन संचालन की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे किसानों के लिए फसलों पर नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और कीटनाशकों का छिड़काव कर सकें। इससे किसानों का श्रम कम हो जाता है और वे कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
कैसे बदल रही है ये योजना महिलाओं की जिंदगी?
झांसी जिले की हेमवती और रानी देवी इस योजना का लाभ उठाकर अपने क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर रही हैं। पहले ये महिलाएं केवल घरेलू कामों तक सीमित थीं, लेकिन अब वे अपने गांवों में ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए किसानों की मदद कर रही हैं।
हेमवती की कहानी: एक नया आत्मविश्वास
हेमवती, जो ग्राम पंचायत बावल टाना, विकासखंड बड़ागांव, जिला झांसी से हैं, उन्होंने जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने अपने क्षेत्र में किसानों को ड्रोन के माध्यम से फसलों पर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव की सुविधा प्रदान करना शुरू किया।
वे बताती हैं कि पहले किसान पारंपरिक तरीके से फसलों पर स्प्रे करते थे, जिसमें 10-15 लीटर का भारी टैंक कंधे पर उठाना पड़ता था। इसमें न केवल समय अधिक लगता था बल्कि पानी की खपत भी अधिक होती थी। ड्रोन तकनीक के आने से अब यह काम बहुत आसान हो गया है। अब सिर्फ 20 लीटर पानी से उतना ही छिड़काव हो जाता है, जो पहले 100 लीटर पानी से होता था।
हेमवती न केवल किसानों की मदद कर रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वे कहती हैं, “हमें अपने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए और आत्मनिर्भर बनना चाहिए।”
रानी देवी: गांव-गांव जाकर कर रही हैं बदलाव
रानी देवी, जो ग्राम गढ़मऊ, ब्लॉक बड़ागांव, जिला झांसी की रहने वाली हैं, उन्होंने इस योजना के तहत ड्रोन मिला था। उन्होंने कई स्तरों पर प्रशिक्षण लिया। वे बताती हैं कि पहले हैदराबाद में 10 दिनों की ट्रेनिंग हुई, फिर इलाहाबाद और बिहार में भी अतिरिक्त प्रशिक्षण मिला।
अब वे गांव-गांव जाकर किसानों के खेतों में ड्रोन के जरिए स्प्रे करती हैं, जिससे किसानों की मेहनत कम हो रही है और पैदावार बढ़ रही है। उनके पति ने भी उन्हें इस काम में पूरा सहयोग दिया, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकीं।
वे कहती हैं, “जब एक महिला घर से बाहर निकलती है तो उसे सपोर्ट की जरूरत होती है, और मेरे पति ने मुझे पूरा सहयोग दिया, जिससे मैं आज अपने गांव-गांव जाकर किसानों की मदद कर रही हूं।”
ड्रोन टेक्नोलॉजी से किसानों को क्या फायदे हो रहे हैं?
1.समय की बचत: पहले किसानों को खेतों में स्प्रे करने के लिए घंटों मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन ड्रोन के माध्यम से यह काम कुछ ही मिनटों में हो जाता है।
2.कम पानी की खपत: परंपरागत तरीकों में जहां 100 लीटर पानी लगता था, वहीं अब केवल 20 लीटर पानी से स्प्रे हो सकता है।
3.बेहतर और समान छिड़काव: ड्रोन की मदद से कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव एक समान होता है, जिससे फसलें स्वस्थ रहती हैं।
4.कम लागत, अधिक लाभ: ड्रोन टेक्नोलॉजी से किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन मिल रहा है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ रही है।
5.महिलाओं को रोजगार: यह योजना न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि महिलाओं को भी रोजगार का अवसर दे रही है।
सरकार और निजी कंपनियों की भूमिका
इस योजना को सफल बनाने में सरकार और निजी कंपनियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हिंदुस्तान उर्वरक रसायनिक लिमिटेड (HURL) जैसी कंपनियां महिलाओं को ड्रोन प्रशिक्षण देने में मदद कर रही हैं। प्रशिक्षण के बाद, महिलाएं किसानों के लिए ड्रोन स्प्रे सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जिससे वे खुद आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
भविष्य की संभावनाएं
‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ एक क्रांतिकारी पहल है जो ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में, इस योजना के तहत और अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे न केवल अपने परिवार का समर्थन कर सकेंगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को भी बढ़ावा देंगी।
‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ ने साबित कर दिया है कि सही अवसर और प्रशिक्षण मिलने पर महिलाएं किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं। हेमवती और रानी देवी जैसी महिलाएं पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। इस योजना से न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, बल्कि किसानों को भी आधुनिक तकनीक का लाभ मिल रहा है।
यदि यह पहल इसी तरह आगे बढ़ती रही, तो आने वाले समय में भारत में कृषि का परिदृश्य पूरी तरह बदल सकता है, जहां तकनीक और महिला सशक्तिकरण मिलकर एक नए युग की शुरुआत करेंगे।
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