पराली को लेकर नए प्रयोग, जानिए क्या करती है पंजाब, हरियाणा और बिहार सरकार?

देश के दो राज्यों से पराली से प्रदूषण रोकने के लिए खबर आई है। बिहार में पराली जलाने वाले किसान पूरे 3 साल तक सब्सिडी की योजनाओं से भविष्य में दूर रह सकते हैं।

पराली parali burning

दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों प्रदूषण के लिए पराली को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। सरकार अपने तमाम प्रयासों से प्रदूषण को रोकने में लगी है। वहीं किसानों का मानना है कि पराली के अलावा अन्य कारणों से भी प्रदूषण फैल रहा है। प्रदूषण फैलाने में पराली की हिस्सेदारी आंकड़ों के हिसाब से मात्र छह प्रतिशत है जबकि अन्य कारणों से प्रदूषण ज्यादा फैल रहा है।

सरकार का ध्यान सिर्फ किसानों की पराली पर है अन्य कारणों पर नहीं। इस बीच देश के दो राज्यों से पराली से प्रदूषण रोकने के लिए खबर आई है। बिहार में पराली जलाने वाले किसान पूरे 3 साल तक सब्सिडी की योजनाओं से भविष्य में दूर रह सकते हैं।

पराली को लेकर नए प्रयोग, जानिए क्या करती है पंजाब, हरियाणा और बिहार सरकार?

ये भी देखें : किसान रथ मोबाइल ऐप से किसानों-व्यापारियों को फायदा, फसल बेचना हुआ आसान

ये भी देखें : हाईटेक खेती से यूपी के रामसरन कमा रहें हैं लाखों रुपए सालाना, जानिए पूरी कहानी

बिहार में एक जिले में कृषि विभाग ने यह योजना शुरुआत कर दी है। वहीं उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने दो ट्रॉली पराली सरकार को देने पर एक ट्रॉली गोबर खाद किसानों को देने का निर्णय किया है। प्रायोगिक तौर पर यह योजना दो जिलों में लागू की गई है। अब देखना यह है कि सबसे ज्यादा धान उपजाने वाले प्रदेशों में शामिल पंजाब और हरियाणा की सरकारें इन दो योजनाओं से क्या सीख लेती है और पराली जलाने को लेकर क्या नया निर्णय करती है।

ये भी देखें : सिर्फ 10 पेड़ों से कोसमी लाख की खेती कर छह माह में कमाएं ढाई लाख रुपए

ये भी देखें : गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 90% भूमि अधिग्रहण का कार्य जून 2021 तक

पराली जलाने पर नहीं मिलेगी सब्सिडी

बिहार धान के प्रमुख उत्पादक राज्यों में से एक है और बिहार में भी पराली से प्रदूषण की समस्या बढऩे लगी है। उत्तरप्रदेश, पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली जाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का बयान आ चुका है कि किसानों को सजा देना व जुर्माना लगाना इस समस्या का समाधान नहीं है।

अब बिहार के पटना जिले में कृषि विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। प्रायोगिक तौरपर डुमरांव गांव में यह योजना शुरू कर दी गई है। इस योजना के तहत फसल अवशेष या पराली जलाने पर किसानों को 3 साल तक सरकारी योजनाओं के अनुदान से दूर रखना पड़ेगा।

UN news

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
मंडी भाव की जानकारी
ये भी पढ़ें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top