Table of Contents
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। इस Budget 2024 में कई अहम बातें कही गईं। कृषि के क्षेत्र में भी कई तरह की जानकारियां साझा करने के साथ ही घोषणाएं भी की गईं। आइए जानते हैं सरकार ने इस बार के बजट में किसानों को क्या दिया और पिछले साल किसानों को कितना मिला।
किसानों की आर्थिक मदद
वित्त मंत्री सीतारमण ने कृषि क्षेत्र में अब तक मिली उपलब्धियां सदन के सामने रखीं। इस भाषण में उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। आगे उन्होंने कई योजनाओं से जुड़े आंकड़ें सामने रखे। पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ 11.8 करोड़ किसानों को मिल रहा है। इसके साथ ही पीएम फसल बीमा योजना के तहत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा का लाभ पहुंचाया गया। आगे उन्होंने कहा कि अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं से भी किसानों का लाभ पहुंचाया जा रहा है।
ई-नाम के ज़रिए किसानों को बाज़ार
वित्त मंत्री सीतारमण ने संसद में भाषण देते हुए आगे कहा कि भारत सरकार किसानों के लिए मंडियों का एकीकृत कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत कर दिया है। इसमें अभी तक 3 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हो रहा है। ई-नाम से देश के 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं मिल रही हैं।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को मिली रफ़्तार
- प्रधानमंत्री संपदा योजना के तहत 38 लाख किसानों को लाभ मिला है।
- इसके साथ ही 10 लाख नए रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।
- सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम के औपचारीकरण योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे 2.4 लाख स्व-सहायता समूहों (Self Help Groups, SHG) और 60 हज़ार व्यक्तियों को ऋण सुविधा प्राप्त करने में सहायता मिली है।
- कृषि और खाद्य प्रसंस्करण का तेज़ विकास करने के लिए भारत सरकार उपज, आधुनिक भंडारण, अच्छी सप्लाई चेन की सुविधा, प्राथमिक और माध्यमिक प्रसंस्करण और मार्केटिंग और ब्रांड तैयार करने वाली कंपनियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी।
नैनो डीएपी का उपयोग और आत्मनिर्भर तिलहन अभियान
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाए जाने के बाद सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी का प्रयोग किया जाएगा।
- इसके साथ ही आत्मनिर्भर तिलहन अभियान पर बात करते हुए कहा कि साल 2022 में घोषित पहल से आगे बढ़ते हुए सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसै तिलहनों के संबंध में आत्मनिर्भर बनने के लिए एक नई नीति तैयार की जाएगी।
- इसके साथ ही रिसर्च, नई तकनीकों को अपनाने, बाजार से जुड़ाव, खरीद, मूल्य-वर्धन और फसल बीमा को शामिल किया जाएगा।
बजट में डेयरी फ़ार्मिंग के लिए क्या ख़ास?
डेयरी किसानों की सहायता के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। खुरपका रोग को नियंत्रित करने के लिए कोशिश पहले से ही चल रही हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है लेकिन देश में दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादकता कम है। ये कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी प्रसंस्करण एवं पशुपालन के लिए अवसंरचना विकास निधि जैसी मौजूदा योजनाओं की सफलता पर आधारित होगा।
सी-फूड के लिए क्या रहा ख़ास कृषि बजट में
सीतारमण कहती हैं कि ये हमारी सरकार ने मछुआरों के महत्व को समझते हुए अलग मत्स्यपालन विभाग की स्थापना की है। इस कारण देश में इनलैंड और जल कृषि उत्पादन दोगुना हुआ। वर्ष 2013-14 से सीफूड का निर्यात भी दोगुना हुआ है। आगे भी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को बढ़ावा दिया जाएगा।
सी-फूड को बढ़ावा देने के लिए पांच एकीकृत एक्वा पार्क की स्थापना की जाएगी। जल कृषि उत्पादकता को प्रति हेक्टेयर मौजूदा 3 टन से बढ़ाकर 5 टन करने का लक्ष्य है। निर्यात को दोगुना बढ़ाकर 1 लाख करोड़ तक पहुंचाने से लेकर भविष्य में रोज़गार के 55 लाख अवसरों को पैदा करने का लक्ष्य रहेगा।
ये भी पढ़ें: Prawn Fish Farming: कैसे पंजाब में झींगा पालन की उन्नत तकनीक अपना रहे अवतार सिंह? किन बातों का रखें ध्यान?