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सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफ़ा (Good news for Sugarcane Farmers) दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने गन्ना किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है।सरकार ने चीनी सीज़न 2025-26 के लिए उचित और लाभकारी मूल्य यानि Fair and Remunerative Price (FRP) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। ये मूल्य 10.25 फीसदी बेसिक रिकवरी रेट (Basic Recovery Rate) के आधार पर रखा गया है।
इसके साथ ही, अगर गन्ने में चीनी की मात्रा (रिकवरी रेट) 10.25% से ज्यादा होगी, तो किसानों को हर 0.1% की बढ़ोतरी पर 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस मिलेगा। वहीं, अगर रिकवरी रेट कम होगा, तो FRP में 3.46 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती होगी। हालांकि, किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर रिकवरी 9.5% से कम होती है, तो किसानों को 329.05 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम कीमत मिलेगी।
सरकार का यह फैसला गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। FRP में बढ़ोतरी से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि देश के चीनी उद्योग को भी नई गति मिलेगी। यह कदम “किसान समृद्धि, देश समृद्धि” के सिद्धांत को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
5 करोड़ गन्ना किसानों को मिलेगा फायदा (5 Crore Sugarcane Farmers Will Get Benefit)
ये फैसला देश के लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों के साथ-साथ 5 लाख मजदूरों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा, जो चीनी मिलों और इससे जुड़े कामों में लगे हैं। सरकार का यह कदम गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और चीनी उद्योग को मजबूती देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
गन्ने का FRP कैसे तय हुआ? (How Was The FRP Of Sugarcane Decided?)
गन्ने के FRP को कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP), राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों (Stakeholders) के साथ बातचीत के बाद तय किया गया है। सरकार ने 2025-26 के सीजन में गन्ने की उत्पादन लागत 173 रुपये प्रति क्विंटल आंकी है, जिसके मुकाबले FRP 105.2 फीसदी ज्यादा है। ये पिछले सीजन के FRP से 4.41 प्रतिशत ज़्यादा है, जो सरकार के किसान हितैषी नीति को दर्शाता है।
गन्ना क्षेत्र: अर्थव्यवस्था की रीढ़ (Sugarcane Sector: The Backbone Of The Economy)
भारत में गन्ना क्षेत्र न केवल किसानों की आजीविका का स्रोत है, बल्कि यह चीनी, गुड़, खांडसारी और एथेनॉल जैसे उत्पादों के लिए भी महत्वपूर्ण है। चीनी मिलों और संबंधित उद्योगों से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार द्वारा FRP बढ़ाने से किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा और वे अगली फसल के लिए प्रोत्साहित होंगे।
क्या है FRP और यह क्यों जरूरी है? (What Is FRP And Why Is It Important?)
उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price) वो न्यूनतम मूल्य है जो सरकार गन्ना किसानों को उनकी फसल के लिए देने की गारंटी देती है। ये मूल्य चीनी मिलों के लिए अनिवार्य होता है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके। FRP बढ़ने से किसानों की आय में सुधार होता है और वे बेहतर तकनीक व उन्नत बीजों का इस्तेमाल कर पाते हैं।
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