Promotion Of Goat Farming: बिहार में बकरी पालन को बढ़ावा, ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल से मिलेगा अच्छा मुनाफ़ा

बकरी पालन (promotion of goat Farming) एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम निवेश में अच्छा मुनाफा मिलता है। बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर किसान ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल (Black Bengal and Jamunapari breed goats) की बकरियां पालकर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।

Promotion Of Goat Farming: बिहार में बकरी पालन को बढ़ावा, ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल से मिलेगा अच्छा मुनाफ़ा

बिहार सरकार (Bihar Government) किसानों की आय बढ़ाने के लिए बकरी पालन को बढ़ावा (promotion of goat Farming) दे रही है। राज्य सरकार ने ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरियों (Black Bengal and Jamunapari breed goats) को बिहार की जलवायु के लिए सबसे उपयुक्त माना है। ये नस्लें कम लागत में अधिक मुनाफा देती हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती हैं।

 बकरी पालन (promotion of goat Farming) एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम निवेश में अच्छा मुनाफा मिलता है। बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर किसान ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल (Black Bengal and Jamunapari breed goats) की बकरियां पालकर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। अगर आप भी गांव में रहते हैं और नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो बकरी पालन एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है।

बिहार के लिए क्यों हैं ये नस्लें बेस्ट? (Why Are These Breeds Best For Bihar?)

भारत में बकरियों की कई नस्लें पाई जाती हैं, जैसे:

  • जमुनापारी

  • बीटल

  • बारबरी

  • ब्लैक बंगाल

  • सुरती

  • मालवारी

लेकिन बिहार की जलवायु और संसाधनों को देखते हुए ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल सबसे बेहतर हैं।

1. ब्लैक बंगाल – कम लागत, ज़्यादा मुनाफ़ा (Black Bengal – Low Cost, High Profit)

1.ये नस्ल छोटे आकार की होती है, लेकिन इसकी उत्पादकता बहुत अधिक है।

2.कम चारे में भी यह बकरी अच्छा उत्पादन देती है।

3.इसका मांस स्वादिष्ट होता है, जिसकी मार्केट में अच्छी डिमांड है।

4.ये बकरी जल्दी बच्चे देती है, जिससे किसानों को तेजी से आमदनी होती है।

5.बिहार की जलवायु के अनुकूल होने के कारण यह नस्ल आसानी से पल जाती है।

2. जमुनापारी – दूध और मांस दोनों के लिए बेस्ट (Jamunapari – Best For Both Milk And Meat)

1. जमुनापारी को “बकरियों की ऊंटनी” कहा जाता है क्योंकि यह आकार में बड़ी होती है।

2.ये नस्ल अधिक दूध देती है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होती है।

3. इसका मांस भी उच्च क्वालिटी का होता है और बाजार में महंगा बिकता है।

4. बड़े पैमाने पर बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए यह एक बेहतरीन ऑप्शन है।

बकरी पालन के लिए सरकारी योजनाएं (Government Schemes For Goat Farming)

बिहार सरकार बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जैसे:

1. प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs)

  • सरकार बकरी पालन का प्रशिक्षण देती है, जिसमें बकरियों की देखभाल, खिलाने-पिलाने और बीमारियों से बचाव के तरीके सिखाए जाते हैं।

2. लोन और सब्सिडी (Loans And Subsidies)

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी के मिलता है।

  • किसानों को बकरी पालन के लिए सब्सिडी भी दी जाती है।

3. स्वास्थ्य सुविधाएं (Healthcare Facilities)

  • पशु चिकित्सा केंद्रों पर बकरियों का नियमित टीकाकरण और इलाज किया जाता है।

बकरी पालन से कितना कमा सकते हैं किसान? (How Much Can Farmers Earn From Goat Farming?)

  • एक ब्लैक बंगाल बकरी साल में दो बार बच्चे देती है, जिससे किसानों को तेजी से आमदनी होती है।

  • जमुनापारी बकरी से दूध और मांस दोनों से मुनाफा कमाया जा सकता है।

  • अगर कोई किसान 20-25 बकरियों का पालन करता है, तो वह हर साल 5-6 लाख रुपये तक कमा सकता है।

कैसे शुरू करें बकरी पालन?

1.जगह का चुनाव: छोटे शेड या बाड़े में बकरियों को रखा जा सकता है।

2.नस्ल का चयन: ब्लैक बंगाल या जमुनापारी नस्ल की बकरियां खरीदें।

3.चारा प्रबंधन: हरा चारा, दाना और पानी का उचित प्रबंध करें।

4.स्वास्थ्य देखभाल: नियमित टीकाकरण और डॉक्टर की सलाह लें।

5.मार्केटिंग: स्थानीय बाजार या मीट कंपनियों को बकरियां बेचें।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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