क्या है बागवानी की स्टैंकिंग तकनीक (Stacking Technique)? कितना फ़ायदा और जानिए कौन दे रहा सब्सिडी?

स्टैंकिंग तकनीक से फसलों की पैदावार ज़्यादा होती है, जिससे किसानों की आमदनी में इज़ाफ़ा होता है। ऐसे में स्टैंकिंग तकनीक पर सरकार ज़ोर दे रही है।

बागवानी की स्टैंकिंग तकनीक (Stacking Technique):

बागवानी की स्टैंकिंग तकनीक (Stacking Technique): खेती को आसान और किफ़ायती बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाओं के ज़रिए किसानों को लाभ पहुंचाने का काम करती रहती हैं। खेती की नई-नई तकनीकों और चीज़ों पर सरकार अपनी ओर से सब्सिडी भी देती है, जिससे किसान का पैसा कम से कम खर्च हो और उसे मुनाफ़ा ज़्यादा मिले। सब्जियों की खेती की बात करें तो इसकी खेती में स्टैंकिंग तकनीक अपनाकर किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। 

हरियाणा सरकार ने सब्जी उत्पादक किसानों के लिए एक अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार सब्जियों में बांस स्टैकिंग और लोहे की स्टैकिंग का इस्तेमाल करने के लिए किसानों को सब्सिडी देगी। इस लेख में आगे जानिए कि कैसे किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और सब्सिडी की कितनी राशि उन्हें मिलेगी। 

स्टैकिंग तकनीक
तस्वीर साभार: newsncr

स्टैंकिंग तकनीक से फसलों की पैदावार ज़्यादा

स्टैंकिंग तकनीक से खेती करने के लिए बांस या लोहे के डंडे, रस्सी या तार की ज़रूरत होती है। स्टैंकिंग तकनीक से फसलों की पैदावार ज़्यादा होती है, जिससे किसानों की आमदनी में इज़ाफ़ा होता है। इसी के तहत किसानों को बांस स्टैकिंग और लौह स्टैकिंग पर अलग-अलग सब्सिडी दी जा रही है।

लागत पर 50 से 90 प्रतिशत की सब्सिडी

बांस स्टैकिंग और लोहे की स्टैकिंग पर 50 से 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी किसानों को मिलेगी। बांस स्टैकिंग की 62,500 रुपये प्रति एकड़ की लागत पर किसानों को 31,250 से लेकर 56,250 रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं, लौह स्टैकिंग की 1.41 लाख रुपये प्रति एकड़ लागत पर 70,500 से लेकर 1.26 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। दोनों तरह की स्टैकिंग पर एक से ढाई एकड़ के क्षेत्र के लिए ही सब्सिडी मिलेगी। 

स्टैकिंग तकनीक
तस्वीर साभार: TheBetterIndia

क्या है बागवानी की स्टैंकिंग तकनीक (Stacking Technique)? कितना फ़ायदा और जानिए कौन दे रहा सब्सिडी?हरियाणा के किसान ऐसे लें सकते हैं इसका लाभ

योजना का लाभ लेने के लिए किसान बागवानी पोर्टल hortharyanaschemes.in पर ऑनलाइन आवदेन कर सकते हैं। इसमें सबसे पहले आपको खुद को रजिस्टर कराना होगा। बायें ओर लिखे ‘किसान पंजीकरण’ पर क्लिक करने के बाद आपके सामने रजिस्ट्रेशन फ़ॉर्म खुलकर आएगा।

उसमें मांगी गई सारी जानकारी को अच्छे से भरकर सेव कर दें। इसके बाद किस चीज़ आप सब्सिडी लेना चाहते हैं उसका चुनाव करें। फिर आवेदन में मांगे गए सभी डॉक्युमेंट्स को अपलोड कर दें। किसी तरह की कोई दिक्कत होने पर टॉल फ़्री नंबर 1800 180 2060 पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं फ़ॉर्म कैसे भरना है इसकी जानकारी आप इस लिंक से ले सकते हैं- hortharyanaschemes.in

स्टैकिंग तकनीक
तस्वीर साभार: Haryana Horticulture Department

क्या है बागवानी की स्टैंकिंग तकनीक (Stacking Technique)? कितना फ़ायदा और जानिए कौन दे रहा सब्सिडी?

रजिस्ट्रेशन के लिए इन दस्तावेजों की ज़रूरत

हरियाणा का स्थाई निवासी होने का प्रमाण पत्र, आवेदक का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर होना ज़रूरी है। आपकी एक फ़ोटो, निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, ज़मीन से जुड़े कागज़ात, बैंक खाते से जुड़ी जानकारी आवेदन करने वक़्त भरनी होगी और इसके दस्तावेज अपलोड भी करने होंगे।

जानिए क्या है स्टैंकिंग तकनीक

इस विधि में बांस के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है। इस पर पौधों की लताएं फैलाई जाती हैं। किसान बैंगन, टमाटर, मिर्च, करेला, लौकी समेत कई अन्य सब्जियों की खेती स्टैंकिंग तकनीक के ज़रिए कर सकते हैं। इस विधि में फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा न के बराबर होता है। इस तकनीक से खेती करने पर सब्जियों की फसल में सड़न नहीं होती, क्योंकि वो ज़मीन पर रहने की बजाय ऊपर लटकी होती हैं। इस तरह बाज़ार में फसलों का दाम भी अच्छा मिलता है।

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