जानिए कैसे करें अनाज का भंडारण (Food Grains Storage), अनाज के दुश्मनों से बचाएं अपनी फसल

उचित भंडारण व्यवस्था नहीं होने की वजह से सालाना औसतन देश का करीब 10 प्रतिशत अनाज बर्बाद हो जाता है। ये नुकसान बहुत बड़ा है और इसे पूरी ताक़त लगाकर रोका जाना चाहिए।

अनाज का भंडारण food grain storage

अनाज का भंडारण (Food Grains Storage): हरित क्रान्ति के असर की वजह से अनाज की माँग को पूरा करने के लिहाज़ से तो भारत आत्मनिर्भर हो चुका है, लेकिन देश में जितना अनाज पैदा होता है उसके भंडारण में अब भी लापरवाही या अज्ञानता की वजह से होने वाला नुकसान बहुत ज़्यादा है।

विशेषज्ञों के आँकड़े बताते हैं कि उचित भंडारण व्यवस्था नहीं होने की वजह से सालाना औसतन देश का करीब 10 प्रतिशत अनाज बर्बाद हो जाता है। ये नुकसान बहुत बड़ा है और इसे पूरी ताक़त लगाकर रोका जाना चाहिए।

सम्पत्ति की बर्बादी जैसी है अनाज की बर्बादी

खेती-किसानी की उपज या कमाई मिट्टी, पानी, बीज, खाद, बाज़ार जैसे अनेक पहलुओं पर निर्भर करती है। बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि जैसी आपदाओं पर इंसान का कोई वश नहीं है। उत्पादन कम हो या ज़्यादा, खेती में मुनाफ़ा हो या घाटा, लेकिन जो कुछ भी हम आख़िरकार पैदा करने में सफल हुए वो सिर्फ़ इसलिए बर्बाद हो जाए कि हमारे पास उसके भंडारण का सही इन्तज़ाम नहीं है तो ये बात सबसे दुःखद और चिन्ताजनक है।

भंडारण के दौरान अनाज की बर्बादी की तुलना हमें अपने रुपयों से करनी चाहिए जिसे बैंक के लॉकर में रखने के बावजूद दीमक ऐसे खा जाएँ कि वो कटे-फटे नोट की तरह बदलने लायक भी नहीं रहें। 

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अनाज का भंडारण (Food Grains Storage): तस्वीर साभार: livemint

अनाज के दुश्मनों का साम्राज्य

क़ुदरत ने फसल के तमाम दुश्मनों की तरह ही अनाज के दुश्मनों का भी वैश्विक साम्राज्य बनाया है। भंडारित अनाजों को 600 प्रजातियों के झींगुर या भृंग (Beetle), 70 प्रजातियों के पतंगे (Moth), 140 प्रजातियों के चूहे, 15 प्रजातियों के कवक (fungi) और 355 प्रजातियों के दीमक (mite) अपना शिकार बनाते हैं। अनाज के ये दुश्मन उसकी गुणवत्ता और मात्रा, दोनों को प्रभावित करते हैं। अनाज के पोषक तत्वों को नष्ट करके उसे इंसान के उपयोग लायक नहीं रहने देते।

इनका हमला अगर अगली फसल की बीज पर हो जाए तो अंकुरण क्षमता और पैदावार में भी भारी गिरावट आती है। अनाज के इन दुश्मनों के दो वर्ग हैं- पहला, मुख्य कीट जो साबुत अनाज को बर्बाद करते हैं और दूसरा गौण कीट, जो प्रसंस्करित (Processed) पदार्थों या टूटे-फूटे दानों को नुकसान पहुँचाते हैं।

1. चावल का घुन

देश में भंडारित अनाजों का सबसे बड़ा दुश्मन ये गहरे भूरे रंग का कीट है। ये चावल, गेहूँ, मक्का, बाजरा को बेहद प्रभावित करता है। यदि अनाज में नमी की मात्रा 10 से 16 प्रतिशत या अधिक होती है, उसमें इसके प्रकोप से भारी नुकसान होता है। ये कीट अनाज को छिद्रयुक्त बना देता है और वयस्क कीट उसके ऊपर रेंगते हुए नज़र आते हैं। इससे संक्रमित अनाज मानवीय स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।

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चावल का घुन (तस्वीर साभार: ICAR)

2. लाल आटा भृंग

इस कीट का प्रकोप प्रसंस्करित पदार्थ या पहले से ग्रसित अनाजों, टूटे-फूटे दानों पर अधिक होता है। लाल आटा भृंग के वयस्क का रंग गहरा लाल होता है। यह कीट कम दूरी तक उड़ सकता है। यह कीट आटा, मैदा, सूजी और सूखे मेवे को भी प्रभावित करता है। इसकी सूंडी और वयस्क दोनों हानिकारक हैं।

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लाल आटा भृंग (तस्वीर साभार: ICAR)

3. छोटा अनाजबेधक

इस कीट के वयस्क का रंग गहरा बादामी होता है। छोटे अनाजबेधक की सूंडी और वयस्क दोनों ही हानिकारक होते हैं। इसके अत्यधिक प्रकोप से अनाज अनुपयोगी आटा जैसा बन जाता है और आख़िरकार उसका सिर्फ़ छिलका बाक़ी बचता है।

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छोटा अनाजबेधक (तस्वीर साभार: ICAR)

4. चावल का पतंगा

यह कीट गहरे धूसर रंग का होता है। इसकी मादा दीवारों, बोरी या अनाज पर अंडे देती हैं। इसकी सूंडी बेहद हानिकारक होती है। इसके प्रकोप से अनाजों के ऊपर धागेनुमा संरचना का गुच्छा बन जाता है।

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चावल का पतंगा (तस्वीर साभार: tnau)

जानिए कैसे करें अनाज का भंडारण (Food Grains Storage), अनाज के दुश्मनों से बचाएं अपनी फसल5. दाल भृंग

इस कीट के वयस्क का रंग भूरा लाल होता है। इस पर पीले रंग का धब्बा पाया जाता है। यह कीट भंडारित दालों का बहुत बड़ा दुश्मन है। इसकी मादा चना, मूँग, अरहर और मसूर के दानों पर अंडा देती हैं। इसकी सूंडियाँ बहुत हानिकारक होती हैं, जो दालों को अन्दर से खाकर खोखला बना देती हैं। यह कीट सिर्फ़ साबुत दालों को ही प्रभावित करते हैं। इसका प्रकोप खेत-खलिहानों से लेकर भंडारगृह तक होता है।

जानिए कैसे करें अनाज का भंडारण (Food Grains Storage), अनाज के दुश्मनों से बचाएं अपनी फसल
दाल भृंग (तस्वीर साभार: cropgenebank)

6. अनाज की तितली

यह फसल के परिपक्व दानों पर अंडे देती हैं, जो भंडारगृह तक आ जाते हैं। इस कीट की सूंडी बेहद हानिकारक होती है और दानों को भीतर से खाकर खोखला करके सिर्फ़ छिलकों छोड़ देती है। अनाज की तितली के अत्यधिक प्रकोप की अवस्था में भंडारगृह के चारों ओर और बोरी पर वयस्क कीटों को देखा जाता है, जो हल्के धूसर रंग के होते हैं।

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अनाज की तितली (तस्वीर साभार: pestctrl)

जानिए कैसे करें अनाज का भंडारण (Food Grains Storage), अनाज के दुश्मनों से बचाएं अपनी फसल7. खपरा भृंग

इस कीट के वयस्क छोटे और गहरे भूरे रंग के होते हैं। इसकी सूंडी मखमल की तरह मुलायम शरीर वाली होती है। ये सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचाती हैं। खपरा भृंग के बारे में कहा जाता है कि जिस भंडारगृह में ये एक बार पहुँच जाएँ वहाँ वर्षों तक इनका प्रकोप बना रहता है। यह कीट अनाजों के सबसे बड़े दुश्मनों में शुमार है।

8. भारतीय मैदा पतंगा

यह कीट मैदा और अन्य प्रसंस्करित पदार्थों के साथ-साथ औद्योगिक उत्पाद को भी प्रभावित करता है। इसकी सूंडी हल्के पीले रंग की और बहुत हानिकारक होती है। वयस्कों का रंग लालिमा वाला धूसर जैसा होता है। इस कीट से भंडारगृह के अलावा आटा और मैदा मिलों में काफ़ी नुकसान होता है।

9. बादाम का पतंगा

यह कीट गहरे भूरे रंग का होता है। इसका प्रकोप सूखे मेवे के भंडारगृहों में अधिक होता है। इसकी सूंडी बहुत हानिकारक होती है। ये बादाम के अन्दर घुसकर उसे खोखला बना देते हैं। इनसे संक्रमित मेवा इंसान के इस्तेमाल के लायक नहीं रहता।

खाद्यान्न भंडारण में कीट नियंत्रण के उपाय
·   अनाज की फसल जब पूरी तरह परिपक्व हो, तभी उसकी कटाई करें।
·   जहाँ फसलों की मड़ाई-गहाई करनी हो, उस जगह को भी अच्छी तरह से साफ़ रखें।
·   अनाज की साफ़-सफ़ाई के बाद उन्हें धूप में अच्छी तरह से सुखा लें।
·   भंडारण वाले अनाज में औसतन 12 प्रतिशत नमी हो तो उस पर कीटों का प्रकोप नहीं होता। उपयुक्त नमी की जाँच के लिए अनाज के दाने को दाँतों से काटकर देखें। यदि दाना आसानी से नहीं टूटे तो ये समझना चाहिए कि उसमें नमी ज़्यादा है और वो भंडारण के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे और सुखाएँ।
·   जिस बोरे, ड्रम, कोठिला में अनाज का भंडारण करना हो, उसे भी अच्छी तरह से साफ़ करके धूप में सुखा लें।
·   अनाज के भंडारगृह की दीवारों पर डेल्टा मेथ्रिन नामक कीटनाशक का 40 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इसी घोल में बोरियों को भी भिगोकर सुखा लें।  
·   भंडारित अनाजों में गेहूँ का भूसा मिलाकर रखने से भी अनाजों के दुश्मनों का प्रकोप नहीं होता है।
·   भंडारगृह में अनाजों को नमी और ज़्यादा गर्मी से बचाना चाहिए और समय-समय पर उसके नमूनों की जाँच करते रहना चाहिए।
·   करंज, बकेन और यूकेलिप्टस की एकदम सूखी पत्तियों को भी भंडारित अनाजों में परत दर परत रखने से कीटों का प्रकोप नहीं होता।
·   भंडारगृह या ड्रम या कोठिला को वायुरोधी होना चाहिए।

 

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