Live Kisan Protest : हरियाणा के किसान नेताओं ने कृषि मंत्री से की बात, मिल सकती है बड़ी खबर!

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन उग्र हो गया है। दिल्ली जाने वाले कई रास्तों में स्थित टोल प्लाजा का किसानों ने घेराव कर उन्हें फ्री करने की घोषणा की है।

farmers protest

6.50 PM : हरियाणा के किसान संगठनों के नेताओं ने कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की। हरियाणा के डिप्टी सीएम ने कहा कि अगले 24 से 48 घंटों में बड़ी खबर सामने आ सकती है।

6.25 PM : किसान यूनियन के नेताओं ने ऐलान किया कि वो 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर के किसान जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के जरिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे।

6.10 PM : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेता सरदार वीएम सिंह ने न्‍यूज 18 से बात करते हुए बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि बाकी संगठन सरकार से बात करें ना करें हम बातचीत के लिए तैयार हैं। उनका डेडलॉक है हमारा नहीं। सरकार हमसे बात करे, हमारी मुख्‍य मांग एमएसपी की गारंटी है, बाकी बातचीत में देखेंगे।

5.25 PM : संयुक्‍त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि हजारों किसान कल सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और जयपुर-दिल्ली मुख्य मार्ग को ब्‍लाक करेंगे। हमारे देशव्यापी आह्वान के बाद, हरियाणा के सभी टोल प्लाजा आज शुल्‍क मुक्त हैं।

4.35 PM : संयुक्‍त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि 14 दिसंबर को सभी किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर एक साथ साझा मंच पर बैठेंगे। हम चाहते हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। हम संशोधन के पक्ष में नहीं हैं। केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है।

3.28 PM : ट्रैक्‍टर-ट्रॉली लेकर दिल्‍ली पहुंच रहे और किसान, चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने केंद्र सरकार की सद्बुद्धि के लिए रामायण पाठ शुरू किया। यहां भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ताजा जानकारी के अनुसार, टिकरी और धानसा बॉर्डर भी यातायात के लिए बंद हैं हालांकि झाटीकरा सीमा दो पहिया वाहनों एवं पैदल यात्रियों के लिए खुली है।

2.40 PM : अकाली पार्टी के सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने भी कहा कि यदि ऐसा हो रहा है तो केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को उन्‍हें पकड़ना चाहिए। अगर किसी प्रतिबंधित संगठन के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं तो उन्‍हें सलाखों के पीछे डालिए। हमें तो यहां ऐसा कोई नहीं मिला। अगर मिलेगा तो भगा देंगे।

2.35 PM : किसान आंदोलन पर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल के दिए गए बयान पर विपक्षी पार्टियों तथा किसान नेताओं ने उन्हें आड़े हाथ लेते हुए माफी मांगने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि उन्होंने कहा था कि आंदोलन माआवोदियों और वामपंथियों के हाथों में चला गया है।

2.15 PM : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार का मकसद किसानों की माली हालत में सुधार लाना है और इसके लिए चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।

1.40 PM : पंजाब और हरियाणा समेत दिल्ली हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने यहां से गुजर रहे वाहनों को बिना कोई शुल्क दिए गुजरने दिया।

1.05 PM : नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने इन कानूनों को देश के किसानों के लिए बहुत जरूरी बताया और कहा कि एग्रीकल्चर और इससे जुड़े सेक्टर में खड़ीं दीवारों और अड़चनों को खत्म किया जा रहा है जिससे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश आने से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा।

12.35 PM : दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर में पुलिस तैनात, बैरिकेडिंग और कटीले तार लगाकर किसानों को बॉर्डर पर रोका जायेगा।

12.20 PM : विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे को 12 दिसंबर को बंद करने की धमकी के बीच दिल्ली-गुरुग्राम सीमा के बिलासपुर, पंचगांव, खेरकी दौला टोल क्षेत्र, डूंडाहेड़ा-दिल्ली और राष्ट्रीय राजमार्ग -48 पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

12.00 PM : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन उग्र हो गया है। दिल्ली जाने वाले कई रास्तों में स्थित टोल प्लाजा का किसानों ने घेराव कर उन्हें फ्री करने की घोषणा की है। टोल प्लाजा पर किसानों का घेराव सुबह जल्दी से ही शुरू हो गया था जो शनिवार रात 12 बजे तक चलेगा।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापिस नहीं लेगी तब तक हम अपने आंदोलन को वापस नहीं लेंगे।

प्रतिबंधित नेताओं पर बोले टिकैत

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा किसान प्रदर्शन में प्रतिबंधित संगठनों के शामिल होने पर भी किसान नेताओं ने अपनी पक्ष रखते हुए कहा कि यदि ऐसा कोई भी व्यक्ति हमें मिलेगा तो हम उसे आंदोलन से बाहर भेज देंगे। केन्द्रीय एजेंसियों को भी ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें आंदोलन से पकड़ना चाहिए।

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