इस किसान परिवार के लिए धान की खेती बनी मुनाफ़े का सौदा

इस किसान परिवार ने पारंपरिक तरीके से धान की खेती में आधुनिक तकनीकी कृषि को जोड़कर इलाके में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

paddy farming in madhya pradesh ( मध्य प्रदेश में धान की खेती )

भारत में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु आदि कई ऐसे राज्य हैं जहां मुख्य रूप से धान की  खेती होती है। इस बीच पारंपरिक खेती और आधुनिक तकनीकी कृषि को कैसे एक साथ लेकर चला जाए, इसका बेहतरीन उदाहरण मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के रहने वाले एक किसान परिवार ने पेश किया है। इस किसान परिवार ने पारंपरिक खेती में आधुनिक तकनीकी कृषि को जोड़कर इलाके में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। नरेंद्र पटेल और राजेंद्र पटेल दोनों भाई मिलकर 32 एकड़ रकबे में धान की खेती करते हैं। आत्मनिर्भर कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में ये लोग आधुनिक उपकरणों के उपयोग से खेती-बाड़ी करते हैं। विरासत में मिली खेती-किसानी ही इस किसान परिवार की आय का मुख्य स्रोत है।

प्रति एकड़ 18 से 20 हज़ार तक का मुनाफ़ा

जहां धान के उत्पादन में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी अन्य राज्यों की तुलना में कम है, वहीं ये दोनों भाई धान की खेती से मुनाफ़ा कमा रहे हैं। ये किसान परिवार 32 एकड़ ज़मीन में अलग-अलग किस्मों की धान की खेती करता है। प्रति एकड़ में 18 से 20 हज़ार रुपये तक की लागत आती है, जिसमें प्रति एकड़ 20-22 क्विंटल धान की फसल होती है। ऐसे उन्हें प्रति एकड़ 18 से 20 हज़ार तक का मुनाफ़ा होता है।

किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत में पटेल बंधु बताते हैं कि नर्मदा किनारे होने से धान की खेती के लिए ज़रूरी पानी की कमी इस इलाके में नहीं होती। किसानों को खेती के लिए सरकार से रियायती दर पर बिजली भी मिल जाती है। इन्होंने अपने खेत में वॉटर पंप भी लगा रखे हैं। धान, गेहूं, गन्ना जैसी पारंपरिक फसलों से किसानों को ज़्यादा आय अर्जित नहीं हो पाती, लेकिन जहां पानी की सुविधा और मौसम मेहरबान हो तो प्रति एकड़ 15 से 20 हज़ार रुपये तक का मुनाफ़ा किसान कमा सकते हैं।

paddy farming in madhya pradesh ( मध्य प्रदेश में धान की खेती )

आत्मनिर्भर कृषि को दे रहे बढ़ावा

देश के कई इलाकों में अभी जहां धान के पौधे काफ़ी छोटे रहते हैं, वहीं इनकी फसल अक्टूबर मध्य तक कटने के लिए तैयार हो जाएगी। साथ ही फसल कटाई के बाद अब अगली फसल कौन सी लगानी है, इसकी तैयारी में भी ये परिवार लग गया है। पटेल परिवार ने अपने खेत की मेड़ों पर सागौन के पौधे भी लगा रखे हैं, जो आगे चलकर अच्छी आय का ज़रिया बन सकते हैं। यही नहीं, ये धान की खेती के अलावा एक एकड़ में ऑर्गेनिक सब्जी की खेती भी करते हैं। इसके अलावा मवेशी पालन में भी सक्रिय है। इस तरह से पटेल परिवार आत्मनिर्भर कृषि को बढ़ावा दे रहा है। एक नहीं बल्कि कई स्रोत इनकी आमदनी का ज़रिया हैं।

परमेन्द्र मोहन, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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