MahaAgri-AI Policy 2025-2029: 500 करोड़ की महाअग्री-एआई नीति से किसानों को होगा फायदा, महाराष्ट्र में आएगी कृषि क्रांति

महाराष्ट्र सरकार ने देश की पहली 'महाअग्री-एआई नीति 2025-2029' (MahaAgri-AI Policy 2025-2029) लॉन्च की है, जो किसानों के लिए एक डिजिटल क्रांति (Digital Revolution)लेकर आई है।

MahaAgri-AI Policy 2025-2029: 500 करोड़ की महाअग्री-एआई नीति से किसानों को होगा फायदा, महाराष्ट्र में आएगी कृषि क्रांति

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर खेती-किसानी में Artifical Intelligence (AI) का इस्तेमाल होने लगे, तो क्या होगा? फसलों की पैदावार बढ़ जाएगी, पानी की बर्बादी रुकेगी, मौसम की मार से फसलें बच जाएंगी और किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। ये कोई ख़्वाब नहीं, बल्कि अब सच होने वाला है। महाराष्ट्र सरकार ने देश की पहली ‘महाअग्री-एआई नीति 2025-2029’ (MahaAgri-AI Policy 2025-2029) लॉन्च की है, जो किसानों के लिए एक डिजिटल क्रांति (Digital Revolution)लेकर आई है।

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क्या है यह महाअग्री-एआई नीति? (What Is This MahaAgri-AI Policy?)

महाराष्ट्र सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक ऐसी योजना शुरू की है, जो AI, ड्रोन, सैटेलाइट डेटा और ब्लॉकचेन (AI, Drones, Satellite Data, and Blockchain) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके कृषि को आधुनिक बनाएगी। इस नीति का मकसद है-

फसल उत्पादकता बढ़ाना
पानी की बचत करना
जलवायु परिवर्तन से निपटना
फसलों की नुकसान कम करना
किसानों की आय दोगुनी करना

कैसे बदलेगी किसानों की जिंदगी? (How Will The Lives Of Farmers Change?)

1. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर: किसानों का अपना ‘कृषि डेटा बैंक’

इस नीति के तहत एक ‘एग्रीकल्चर डेटा एक्सचेंज (Agriculture Data Exchange)  यानि ADeX  बनाया जाएगा, जहां मिट्टी की गुणवत्ता, मौसम का पूर्वानुमान, बाजार भाव और कीटों की जानकारी जैसी हर जरूरी डेटा किसानों को मिलेगी। अब किसान अपने मोबाइल से ही यह जान सकेंगे कि 

  • कब बोना है?
  • कितना पानी देना है?
  • कौन सा खाद इस्तेमाल करना है?
  • कब फसल काटकर बेचनी है?

2. सैटेलाइट और ड्रोन से होगी खेतों की निगरानी (Fields Will Be Monitored Through Satellites And Drones)

अब खेतों पर उपग्रह और ड्रोन से नजर रखी जाएगी। यह तकनीक बताएगी कि –

  1. कहां पानी की कमी है?
  2. कहां कीटों का हमला हुआ है?
  3. कौन सी जमीन उपजाऊ है?
  4. कब बाढ़ या सूखे का खतरा है?

इससे किसान वक्त रहते सही फैसले ले पाएंगे।

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3. ब्लॉकचेन से मिलेगा ‘फसल का पासपोर्ट’ (Blockchain Will Provide ‘Crop Passport’)

क्या आप जानते हैं कि आपके खेत की फसल विदेशों में कैसे पहुंचती है? अब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) की मदद से हर फसल की ट्रेसिंग होगी। यानी, अगर कोई महाराष्ट्र का आम या अंगूर विदेश जाता है, तो खरीदार QR कोड स्कैन करके यह जान सकेगा कि –

  • फसल कहां उगाई गई?
  • कौन सा खाद इस्तेमाल हुआ?
  • कीटनाशक का प्रयोग हुआ या नहीं?

इससे महाराष्ट्र की फसलों की गुणवत्ता साबित होगी और निर्यात बढ़ेगा।

4. एआई से मिलेगा ‘किसानों का वर्चुअल सहायक’ (AI Will Provide ‘Virtual Assistant To Farmers’)

अब किसानों को AI चैटबॉट और मोबाइल ऐप की मदद से सलाह मिलेगी। ये लोकल लैंग्वेज (मराठी, हिंदी) में बताएगा कि –

  • आज खेत में क्या करना है?
  • कौन सी फसल इस सीजन में फायदेमंद होगी?
  • किस बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी?

5. स्टार्टअप्स और युवाओं को मिलेगा मौका (Startups And Youth Will Get a Chance)

इस नीति के तहत एग्रीटेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। युवा उद्यमी AI, ड्रोन, IoT और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करके नए समाधान बना सकेंगे। सरकार उन्हें फंडिंग, मेंटरशिप और टेस्टिंग की सुविधा देगी।

MahaAgri-AI Policy 2025-2029: 500 करोड़ की महाअग्री-एआई नीति से किसानों को होगा फायदा, महाराष्ट्र में आएगी कृषि क्रांति

क्या होगा फायदा?

  • किसानों की आय बढ़ेगी (कम लागत, ज्यादा उत्पादन)
  • पानी की बर्बादी रुकेगी (AI से सही सिंचाई)
  • फसल बीमारियों पर नियंत्रण (ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव)
  • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी (ट्रेसबिलिटी से मिलेगा विश्वास)

डिजिटल खेती की नई शुरुआत (New Beginning Of Digital Farming)

महाराष्ट्र सरकार की ये नीति न केवल किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी, बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगी। अब किसान पुराने तरीकों से आगे निकलकर आधुनिक तकनीक का फायदा उठा सकेंगे।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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