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किसान आंदोलन: तोमर ने कहा, MSP पहले की तरह जारी रहेगी, अन्य मांगों पर भी विचार करेगी सरकार

तोमर ने प्रतिनिधियों को बताया कि नए कानूनों में किसानों को पूर्णतः सुरक्षा प्रदान की गई है, किसान की जमीन की लिखा-पढ़ी करार में किसी सूरत में नहीं की जा सकती है, फिर भी यदि कोई शंका है तो उसका निवारण करने के लिए सरकार तैयार है।

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केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चौथे दौर की बातचीत की। यह बैठक भी बहुत सकारात्मक रही, जिसमें अनेक बिंदुओं पर सार्थक चर्चा हुई। 5 दिसंबर को दोपहर 2 बजे पुनः विज्ञान भवन में बैठक होगी, ऐसे में तोमर ने सर्दी के सीजन को देखते हुए संगठनों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की है।

बैठक में आमंत्रित सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री तोमर ने बैठक में कहा कि भारत सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आगे भी रहेगी। सरकार हर विषय पर पूरे खुले मन से किसान संगठनों के साथ चर्चा कर रही है। आज की बैठक भी बहुत अच्छे वातावरण में हुई, सरकार ने पूरे संयम के साथ किसान संगठनों की बातों को सुना और सभी किसान संगठनों ने भी सरकार की बातों को ध्यानपूर्वक समझा है। बैठक में किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के संबंध में आशंकाएं व्यक्त की, वहीं सरकार की ओर से भी नए प्रावधानों के संबंध में उन्हें विस्तृत रूप से बताया गया।

किसान संगठनों द्वारा उठाए गए कुछ बिंदुओं पर भारत सरकार द्वारा विचार करने का भरोसा दिया गया है। तोमर ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। सरकार इस बात पर विचार करेगी कि एमपीएमसी सशक्त हो तथा इसका उपयोग और बढ़े। नए कृषि कानून में, एपीएमसी की परिधि के बाहर निजी मंडियों का प्रावधान होने से इन दोनों में कर की समानता के संबंध में भी विचार किया जाएगा। कृषि उपज का व्यापार मंडियों के बाहर करने के लिए व्यापारी का रजिस्ट्रेशन होने के बारे में भी विचार होगा। विवाद के हल के लिए एसडीएम या न्यायालय, क्या व्यवस्था रहे, इस पर विचार किया जाएगा।

तोमर ने प्रतिनिधियों को बताया कि नए कानूनों में किसानों को पूर्णतः सुरक्षा प्रदान की गई है, किसान की जमीन की लिखा-पढ़ी करार में किसी सूरत में नहीं की जा सकती है, फिर भी यदि कोई शंका है तो उसका निवारण करने के लिए सरकार तैयार है। 5 दिसंबर की बैठक में, किसान संगठनों द्वारा उठाए बिंदुओं पर पुनः वार्ता की जाएगी, पूरी उम्मीद है कि यह बैठक निर्णायक होगी। बैठक में कृषि मंत्रालय के सचिव सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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