SC on Kisan Andolan LIVE: सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार को फटकार, कोर्ट ने दिए स्टे देने के संकेत

SC on Kisan Andolan LIVE: किसान आंदोलन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो गई है। उल्लेखनीय है […]

supreme court of india

SC on Kisan Andolan LIVE: किसान आंदोलन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो गई है। उल्लेखनीय है नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में कोर्ट से अपील की गई है कि प्रदर्शनकारी किसानों को सड़क से हटाया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रदर्शन के विरुद्ध नहीं है लेकिन क्या कानून पर रोक लगाने से किसान वापस लौट जाएंगे।

कोर्ट ने यह भी पूछा कि किसान कानून रद्द करवाना चाहते हैं जबकि किसान मुद्दों पर बात करना चाहती हैं। इसलिए इस पर एक कमेटी बनाई जानी चाहिए, तब तक के लिए कानूनों के लागू करने पर स्टे दिया जा सकता है।

इस पूरे मुद्दे पर कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि यदि अदालत कानून पर रोक लगाए तो किसान अपना प्रदर्शन वापस ले लें। इस पर चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा कि सरकार जिस तरह से आंदोलन को हैंडिल कर रही हैं, उससे हम नाराज है। फिलहाल तो यह भी नहीं मालूम कि कानून पास करने के लिए किस प्रोसेस को फॉलो किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या वह कृषि कानूनों को रद्द करेगी या इस पर रोक लगा दे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब तक कमेटी के सामने बातचीत चलेगी तब तक हम स्टे करेंगे। चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने सुनवाई बंद करने की घोषणा की। आदेश कब पारित होंगे, इसकी घोषणा नहीं की गई।

कोर्ट की सलाह पर सॉलिसिटर जनरल ने कमेटी के लिए नाम सुझाने हेतु एक दिन का समय मांगा तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हम रिटायरहो रहे हैं, हम आदेश जारी करेंगे। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि आप जल्दी न करें, आदेश कल दीजिएगा।

इस पर सीजेआई ने फटकार लगाते हुए कहा कि हमने आपको बहुत लंबा समय दिया है। हम तय करेंगे कि कब आदेश देना है। हम आदेश का कुछ हिस्सा आज दे सकते हैं और बाकी कल। कोर्ट ने यह भी पूछा कि आप कुछ दिनों के लिए इस कानून को स्थगित क्यों नहीं कर देते। या तो आप कानून पर रोक लगा दीजिए या हम लगा देंगे।

उल्लेखनीय है कि कृषि आंदोलन को लेकर किसान संगठनों को विरोध प्रदर्शन करते हुए आज 47वां दिन चल रहा है। इस दौरान किसान संगठनों की सरकार के साथ आठ दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। अगली बातचीत 15 जनवरी को होनी है। वहीं दूसरी ओर किसान संगठनों ने भी ऐलान किया है कि यदि 26 जनवरी से पहले उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वो गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में गणतंत्र परेड़ निकालेंगे।

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