Pantnagar Kisan Mela 2022: उत्तराखंड के गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हर साल दो बार कृषि मेला और प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में इस साल 24 मार्च से 27 मार्च तक 111वां चार दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। पंतनगर विश्वविद्यालय की ओर से इस मेले को स्वच्छता और कोविड 19 के मानकों और दिशानिर्देशों के मुताबिक आयोजित करने की पूरी तैयारी की गई है। पंतनगर किसान मेला 2022 में न सिर्फ़ विश्वविद्यालय की ओर से कृषि क्षेत्र में किए गए कार्यों, अनुसंधान और उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाएगा, बल्कि देश भर से जुटे एग्री स्टार्टअप, पशुपालकों, मत्स्यपालकों, प्रगतिशील किसानों, किसान उत्पादक संघों को भी मंच मिलेगा।
24 मार्च को पंतनगर विश्वविद्यालय के गांधी हॉल में कृषि मेले का उद्घाटन
पंतनगर किसान मेला 2022 का उदघाटन 24 मार्च की सुबह 11 बजे किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय परिसर स्थित गांधी हॉल में निर्धारित है। उदघाटन के साथ ही कृषि मेला प्रांगण में फल, फूल, सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों की प्रदर्शनियां शुरू हो जाएंगी। उत्पादकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने और प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए कृषि मेले के दौरान ही विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई हैं। कृषि अनुसंधानों, उन्नत बीजों, कीटनाशकों, कृषि तकनीकी उपकरणों जैसी जानकारियों को मेले के दौरान लगातार दिखाने के लिए डॉक्यूमेंट्री शो तीनों दिन लगातार दिखाए जाते रहेंगे।
25 मार्च को संकर बछियों की नीलामी, 26 मार्च को पशु प्रदर्शनी
पंतनगर कृषि मेले के दूसरे दिन 25 मार्च को दोपहर 2 बजे शैक्षणिक डेयरी फ़ार्म नगला की ओर से संकर बछियों की नीलामी की जाएगी। पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग है और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में पशुपालन और मत्स्य पालन यानी मछली पालन का बड़ा योगदान है। साल 2020 के आंकड़े के मुताबिक देश की औसत दूध खपत 81 मिलियन मीट्रिक टन है। इसका आधा भैंस के दूध से आता है, लेकिन गुणवत्ता में गाय का दूध बेहतर होता है। हाल के वर्षों में देसी गायों की संकर प्रजातियों को लेकर काफ़ी अनुसंधान किया गया है, ताकि ज़्यादा दुधारू प्रजातियां पशुपालकों को मिल सकें। पशु चारे की महंगाई और कम दूध देने या दूध नहीं देने वाली गायों को लोग खुले में छोड़ दिया करते हैं। ऐसे में गोविंद बल्लभ पंत में आयोजित हो रहे कृषि मेले में पशुपालन से जुड़ी जानकारियां दूर-दूर से आने वाले पशुपालकों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती हैं। 26 मार्च को पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय की ओर से पशु प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से आयोजित की गई है। इसमें गाय और भैंस की प्रदर्शनी के अलावा पशु प्रतियोगिता का भी सत्र रखा गया है। पशुपालकों को इस प्रदर्शनी में अलग-अलग नस्लों की गाय और भैंस के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
पंतनगर कृषि मेले में मत्स्य उत्पादन प्रदर्शनी और प्रतियोगिता 25 मार्च को
भारत में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लागू की गई है। 2020 में अमल में आई इस योजना के तहत साल 2025 तक 70 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिस तरह किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है, उसी तरह मछली किसानों और मछुआरों की आय भी दोगुनी करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। जलकृषि उत्पादकता को मौज़ूदा राष्ट्रीय औसत में 3 टन से 5 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ाने के साथ-साथ मौज़ूदा निर्यात 46, 589 करोड़ रुपये (साल 2020) को 2025 तक 1 लाख करोड़ किया जाना है।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में लगातार काम कर रहा है। विश्वविद्यालय में मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय है, जहां स्नातक, स्नातकोत्तर, परास्नातक की पढ़ाई होती है। इसके पाठ्यक्रम में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि, मत्स्य उत्पादन विविधिकरण, मत्स्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, मछली की विभिन्न प्रजातियों का विकास शामिल है। पंतनगर विश्वविद्यालय मत्स्य उत्पादकों को उन्नत मत्स्य बीज तकनीकी की जानकारी देने और मत्स्य पालन से जुड़ी समस्याओं का निदान बताने के लिए काम करता रहा है। ऐसे में 24 मार्च से 27 मार्च तक हो रहे अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में मत्स्य पालकों और मछली पालन से जुड़े लोगों को उनके काम की ज़रूरी जानकारियां मिल सकेंगी। 25 मार्च को दोपहर 3 बजे से मत्स्य उत्पादन प्रदर्शनी लगाई जा रही है।
पंतनगर किसान मेले में उन्नतशील बीज और पौधों की प्रदर्शनी और बिक्री
उन्नतशील बीजों और पौधों की बिक्री 24 मार्च से लेकर 27 मार्च तक किसान मेला के तीनों दिन की जाएगी। गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय अलग-अलग फसलों की 276 किस्मों को विकसित कर चुका है। मेले में इन किस्मों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। इससे किसानों और एग्री बिज़नेस से जुड़े पुराने उद्यमियों और स्टार्टअप को अपने काम की किस्म चुनने में मदद मिल सकेगी।
कैसे पहुंचें गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय?
पंतनगर सड़क, रेल और वायु मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा इलाका है, जहां पहुंचने के लिए आप अपनी सुविधा के मुताबिक कोई भी मार्ग चुन सकते हैं। दूरी की बात करें तो पंतनगर देश की राजधानी दिल्ली से 250 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 360 किलोमीटर दूर है। नैनीताल से सड़क मार्ग से 65 किलोमीटर दूर स्थित पंतनगर बरेली-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। हर जगह से यहां के लिए बसें पर्याप्त संख्या में चलती हैं और सीधे दिल्ली के आनंद विहार अंतर्राज्यीय बस अड्डा से भी पंतनगर के लिए बसें चलती हैं।
रेलमार्ग की बात करें तो नॉर्थ ईस्ट रेलवे के लालकुआं सेक्शन से जुड़े लालकुआं स्टेशन से पंतनगर विश्वविद्यालय की दूरी क़रीब 6.5 किलोमीटर है। दिल्ली-रामपुर काठगोदाम सेक्शन पर स्थित हल्दी रोड रेलवे स्टेशन से गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय 3.5 किलोमीटर है। अगर आप रुद्रपुर शहर से यहां पहुंचना चाहें तो भी ज़्यादा दूरी नहीं है, रुद्रपुर रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर दूर स्थित है पंतनगर विश्वविद्यालय।
अगर हवाई मार्ग से भी आप आना चाहें तो मुश्किल नहीं है। हल्दी रोड रेलवे स्टेशन के पास ही एयरपोर्ट भी है और दिल्ली से यहां के लिए शनिवार, रविवार, बुधवार और शुक्रवार को विमान सेवा उपलब्ध है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।