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दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसे किसान के बारे में जिन्होंने ऐसा आविष्कार किया है जिससे खेती में होने वाली सालों की समस्या खत्म हो सकती है। इस आविष्कार का नाम है Bed Maker Machine। ये एक मल्टी पर्पस मशीन है जिससे किसानों को अलग अलग फसल के लिए अलग अलग तरीके की मशीनें नहीं खरीदनी होंगी। ये मशीन किसानों के समय की बचत करने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद करती है। किसान सरदार बचीतर सिंह, पंजाब में फिरोज़पुर के रहने वाले हैं । वो सिर्फ 5 साल तक ही स्कूल गए हैं। अपने परिवार के बारे में बताते है कि उनके पिता जी 9 वर्ष की उम्र में दादा जी के साथ 1947 में बंटवारे के समय हिंदुस्तान आए और गांव हाके वाला फिरोज़पुर में रहने लगे।
कैसे आया Agriculture Bed Maker Machine बनाने का आइडिया?
बचीतर सिंह को मशीन बनाने का आइडिया 2005 में आया था। ये आइडिया उन्हें अरबी की खेती करते समय आया। बचीतर सिंह के आइडिया पर 2018 में पहली मशीन तैयार की गई।आस पास के किसान भाई को फ्री में उनकी फसल पर मशीन चलाकर दिखाई गई। किसानों को ये मशीन बहुत पसंद आई । इसके बाद ऑर्डर पर मशीन बनाकर किसानों को बेचना शुरू कर दिया। इस मशीन पर बचीतर सिंह को 2022 में पेटेंट मिला। जिसके बाद उन्होंने Govind Joban Agriculture नाम की कंपनी के तहत मशीनें बेचना शुरु कर दिया। उनकी कंपनी स्टार्ट अप इंडिया में रजिस्टर है। अभी बचीतर सिंह की कंपनी का सालाना टर्नओवर लगभग 15 लाख रुपए तक है।
ये मशीन किन फसलों के लिए उपयोगी है और कितनी बचत कराती है?
मल्टी पर्पस बेड मेकर मशीन पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी लुधियाना द्वारा टेस्टेड है । यह मशीन गन्ना, अरबी, आलू, प्याज, सरसों, मक्का, लहसुन, हल्दी इत्यादि सभी तरह की क्यारी वाली फसल पर आसानी से काम करती है। यह मशीन छोटे बीज़ वाली फसल की बुवाई से जुड़े सिस्टम लगाकर बीज़ की बुआई का काम भी कर सकती है। ये गन्ने के बीज की रुपाई नहीं कर सकती है। इस मशीन का इस्तेमाल करने के बाद बीज बोने और मिट्टी चढ़ाने का काम, एक साथ होने से काफी समय की बचत होती है। इस कारण 15 दिन पहले फसल तैयार हो जाती है। ये मशीन किसान की आठ लाख रुपए तक की बचत करती है। किसान इस मशीन को अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकता है।
ये मशीन किस तरह करती है काम?
इस मशीन का नाम मल्टी पर्पस रेज़्ड बेड मेकर मशीन है। ये एक सिंगल मशीन है।किसी भी 30 HP ट्रैक्टर की मदद से अकेले ट्रैक्टर ड्राइवर इसे चला सकता है। इस मशीन से खेती करने पर किसान भाई को थोड़ी सी भी अपनी जमीन नहीं छोड़नी पड़ती है। अगर पांच हेक्टेयर वाले किसान हाथ से गुड़ाई का काम करवाते हैं तो लगभग 12 हज़ार रुपए के आस-पास खर्च आता है। ये मशीन किसानों के 60 हज़ार रुपए तक बचाती है। अगर कोई किसान ये मशीन खरीदता है तो हम किसानों को पहली साल फ्री ऑफ कॉस्ट सर्विस देते हैं। नई मशीन से काम लेने के फ़ायदे ये हैं कि ये मशीन एक हेक्टेयर में 45 मिनट के अंदर मिट्टी लगाने का काम करती है। आलू और अरबी की खेती करने वाले 400 से 500 किसान इस मशीन का लाभ ले चुके हैं।
इस मशीन की कीमत कितनी है?
बचीतर सिंह को मशीन बनाने में जो लागत लगती है वो मशीन की कीमत का 60 फ़ीसदी होता है। इसके बाद अन्य खर्चें होते हैं। बाकी सभी खर्चे निकालने के बाद हमें 10 फ़ीसदी तक मार्जिन मिलता है। इस मशीन की कीमत 80 हज़ार रुपए प्लस जीएसटी है। पंजाब में इस मशीन पर सब्सिडी भी मिलती है। इसके साथ ही गुजरात में भी किसानों को मशीन पर सब्सिडी मिलती है।
मशीन का रख-रखाव कैसे करें?
बचेतर सिंह की ये मशीन किसानों के लिए इस्तेमाल करना बेहद आसान है। ये मशीन नट-बोल्ट पर बनी है। बेल्डिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस मशीन के लिए पहली सर्विस या पहला रिपेयर लगभग 1000 हेक्टेयर ज़मीन चलने के बाद या तीन साल के बाद आता है।
बेड मेकर मशीन न सिर्फ किसानों के समय की बचत करने में मदद करती है, बल्कि उनकी आमदनी भी बढ़ाती है। इसके साथ ही, यह विभिन्न फसलों के लिए भी उपयोगी है। इस मशीन की कीमत भी सब्सिडी के साथ मिलती है जो किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प बनती है। इसलिए, Bed Maker Machine एक उपयोगी और लाभकारी उपकरण है जो किसानों के जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाता है।
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