Field Marshal Super Seeder: एक ही मशीन करेगी सभी बीजों की बुवाई, जानिए खेती के योद्धा फील्ड मार्शल सुपर सीडर के बारे में

फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) एक बहुउपयोगी कृषि मशीन है जो बुवाई, जुताई और समय की बचत में किसानों की मदद करती है।

Field Marshal Super Seeder फील्ड मार्शल सुपर सीडर

फील्ड मार्शल शब्द से तो आप वाकिफ होंगे ही, भारतीय सेना में ये एक 5 स्टार ऑफिसर होता है, जो अकेले मोर्चे का रुख बदल देता है। किसानों को खेती में भी एक ऐसा ही योद्धा मिल गया है जिसका नाम है फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder)। ये मशीन हिंदुस्तान के खेतों में तकनीक की नई पहचान बन गई है। ये एक ऐसी बहुउपयोगी और किफायती मशीन है जो किसानों का समय और श्रम दोनों की बचत करेगी, क्योंकि इस एक ही मशीन से न सिर्फ़ हर तरह के बीज़ों की बुवाई की जा सकती है, बल्कि इसे चार अलग-अलग हिस्सों में इस्तेमाल किया जा सकता है- रोटावेटर, डिस्क ड्रिल, सुप सीडर और हैरो। 

इन सभी को मुख्य मशीन से अलग करके दूसरे ट्रैक्टर में लगाकर काम किया जा सकता है, तो है न ये कमाल की मशीन। खेती के इस नए योद्धा के बारे में और जानकारी के लिए किसान ऑफ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली ने बात की फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) कंपनी से जुड़े जेपी जाखड़ से।

फील्ड मार्शल सुपर सीडर एक मशीन से हर तरह के बीज़ों की बुवाई

जेपी जाखड़ बताते हैं कि इस फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) से हमारे देश के किसान देश में होने वाली हर तरह के फ़सल के बीज़ों की बुवाई कर सकते हैं फिर चाहे वो गेहूं, मक्का, बाजरा, धान जैसे अनाज हो या मूंग, उड़द, चना, मटर जैसी दालें या फिर सब्ज़ियां व जीरा, धनिया जैसे मसाले। छोटे से लेकर बड़े तक हर तरह के बीज़ों की बुवाई इससे की जा सकती है।

फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) को लेकर किसानों में किसी तरह की दुविधा न हो इसलिए जेपी जाखड़ मशीन का नाम स्पष्ट करते हुए बताते हैं कि उनके पास तीन मशीने हैं- फील्ड मार्शल 712, फील्ड मार्शल 813, फील्ड मार्शल 915। इन तीनों में फर्क सिर्फ़ साइज़ का है।

फील्ड मार्शल सुपर सीडर मशीन का काम

जेपी जाखड़ का कहना है कि फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) मशीन बहुपयोगी है और इसे कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। ये सुपर सीडर है साथ ही रोटावेटर, हैरो, डिक्स ड्रिल भी बन जाती। यानी इसके अलग-अलग हिस्से हो जाते हैं और मशीन को एक साथ भी चलाया जा सकता है। किसान चाहें तो इसे दो-तीन हिस्सों में बांटकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

जैसे मान लीजिए कि जब बुवाई का समय खत्म हो जाता है तो सीडर मशीन को अलग करके इसे घर के किसी हिस्से में रखा जा सकता है, ये बहुत कम जगह में फिट हो जाता है। इसी तरह रोटावेटर, हैरो और डिस्क ड्रिल को अलग करके अलग-अलग ट्रैक्टर के साथ चलाया जा सकता है।

बिजाई की प्रक्रिया

जाखड़ मशीन की बिजाई प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इस मशीन में बुवाई के लिए अलग-अलग साइज़ के बीजों के हिसाब से प्लेट लगी हुई है और उसमें छिद्र बने हुए है जिनसे बीज एक-एक करके खेतों में गिरता है। चना, मटर जैसे बीज के लिए मोटे छिद्र वाली प्लेट और गेहूं, धान के लिए छोटे छिद्र वाली प्लेट का इस्तेमाल होता है। साथ ही मशीन में तीन टैंक हैं, जिसमें से दो टैंक में खाद डाला जाता है जैसे- डीएपी, सिंगल सुपर, एनपीए आदि। इस मशीन से किसान 100 ग्राम से लेकर एक क्विंटल तक बीजों की बुवाई आसानी से कर सकते हैं।

कितने एचपी का ट्रैक्टर चाहिए?

जेपी जाखड़ बताते हैं कि उनकी तीनों मशीनों के लिए अलग-अलग हॉर्स पॉवर वाले ट्रैक्टर की ज़रूरत पड़ती है। फील्ड मार्शल 712 के लिए 40-45 HP वाला ट्रैक्टर, फील्ड मार्शल 813 के लिए 50-55 HP वाला ट्रैक्टर और फील्ड मार्शल 915 के लिए 65-70HP वाले ट्रैक्टर की ज़रूरत होती है।

दूसरी मशीनों से कैसे अलग है फील्ड मार्शल सुपर सीडर 

जेपी जाखड़ कहते हैं कि आज भी बहुत से बुज़ुर्ग किसान छीटकाव विधि से बुवाई कर रहे हैं, इससे कोई फायदा नहीं होता है। जो बीज ऊपर रह जाता हैं उसे तो चीड़ियां चुग जाती है, लेकिन जो बीज गहराई में चले जाते हैं, उनका अंकुरण नहीं हो पाता है। इस तरह बुवाई किए गए सारे बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं। जबकि फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) मशीन प्रॉपर तरीके से बुवाई करती है।

ये उचित दूरी और गहराई में बुवाई करती है। मशीन आराम एक लेवल में सही तरीके से पर्याप्त गहराई और नमी में बीज़ों की बुवाई करती ही जिससे 99 से 100 प्रतिशत तक बीज अंकुरित होते हैं और किसानों को अच्छी उपज प्राप्त होती है। इस तरह से अंकुरण न हो पाने की समस्या का समाधान फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) से हो जाता है।

इस मशीन को यूं ही वन मैन आर्मी नहीं कहा जाता है। जो किसान खेती के काम को आसान बनाकर अच्छी उपज प्राप्त करना चाहते हैं, वो ये मशीन ज़रूर खऱीदें। इस पर सब्सिडी भी मिलती है। इस मशीन को खरीदने के लिए जेपी जाखड़ से संपर्क कर सकते हैं।

अन्य बुवाई उपकरण

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि फील्ड मार्शल सुपर सीडर (Field Marshal Super Seeder) मशीन किसानों के लिए बहुत उपयोगी है, मगर बुवाई के लिए और भी कई छोटी मशीने हैं जिनका उपयोग आमतौर पर हमारे देश में किसानों द्वारा किया जा रहा है।

सीड ड्रिल मशीन- इस मशीन की मदद से बीजों को समान गहराई और दूरी पर बोया जाता है। इसका उपयोग ट्रैक्टर के साथ किया जाता है और इसमें बीज डालने और इसे मिट्टी में दबाने के लिए एक विशेष यंत्र लगा होता है। इस मशीन की मदद से बीज़ों को निश्चित गहराई और समान दूरी पर बोया जाता है जिससे उपज में वृद्धि होती है और बुवाई मे समय भी कम लगता है।

हैप्पी सीडर- बुवाई के लिए इस्तेमाल होने वाली ये एक आधुनिक मशीन है, जो जीरो टिलेज (बिना जुताई) विधि से बुवाई करती है। यह मशीन फ़सल अवशेषों यानी पराली को हटाए बिना उसी खेत में अगली फ़सल की बुवाई करने में मदद करती है। इस मशीन में रोटर और जीरो टिलेज ड्रिल होते हैं।

रोटर खेत में बचे फ़सल अवशेषों को काटता है और उन्हें मिट्टी में मिला देता है, जिससे वे खाद बन जाती है, जबकि जीरो टिलेज ड्रिल बीजों को मिट्टी में बिना जुताई किए बोता है। इसके इस्तेमाल से किसानों को पराली जलाने की ज़रूरत नहीं होती है और फ़सल अवशेषों को मिट्टी में मिला देने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। पराली नहीं जलाई जाती हो पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होता है।

प्रेसिजन सीडर- ये एक ऐसा उपकरण है जो बीजों की समान दूरी और गहराई पर सही तरीके से बुवाई करती है, जिससे फ़सल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होता है। बुवाई के साथ ही ये मशीन जुताई और खाद डालने का काम भी साथ में कर सकती है। इससे किसानों के समय और श्रम की बचत होती है।

एरो सीडर मशीन- ये मशीन बड़े खेत में बुवाई के लिए बहुत उपयोगी है। ये हवा के दबाव से बीजों को मिट्टी में फैलाती है, जिससे बुवाई का काम आसान और तेज़ी से होता है। बीज़ों के साथ ही ये बड़े खेतों में उर्वरक को समान रूप से वितरित करती है। इससे सभी तरह के बीजों की बुवाई की जा सकती है।

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