धान की खेती में श्रमिकों की ज़रूरत ज़्यादा पड़ती है। इसका कारण है कि धान लगाने से पहले किसान को काफ़ी सारी तैयारी करनी होती है, जैसे कि धान का पौधा तैयार करना, खेत की जुताई करना और पौधा खेत में लगाने के वक्त पर्याप्त पानी देना।
खेती-किसानी में फसलों के सीज़न के मुताबिक खेतिहर मजदूरों की ज़रूरत बढ़ती-घटती रहती है, जिससे नियमित काम और आय नहीं होने से कई बार मजदूरों की कमी बड़ी समस्या बन जाती है। किसान अगर सही समय पर अपने खेत में धान लगा लेता है तो उसका उत्पादन ज़्यादा रहता है और अगर धान लगाने में देरी हो जाती है तो उसे खेत की जुताई दुबारा से करनी पड़ती है। ऐसे में उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
क्या है राइस ट्रांसप्लांटर
किसानों को इसी नुकसान से बचाने और बिना श्रमिकों के भी आसानी से धान की बुआई करने का माध्यम है राइस ट्रांसप्लांटर। ये एक ऐसा कृषि तकनीकी उपकरण है जिसकी मदद से किसानों को श्रमिकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। इसके इस्तेमाल से धान की रोपाई बिना मजदूरों की मदद के आसानी से की जा सकती है।
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राइस ट्रांसप्लांटर के फ़ायदे
राइस ट्रांसप्लांटर का सबसे बड़ा फ़ायदा है कि ये लागत कम कर देता है, जिससे किसानों के पैसों की बचत होती है। श्रमिकों से जितना काम करने में प्रति दिन का खर्च अगर 2500 से 3000 रुपये आता है तो राइस ट्रांसप्लांटर के इस्तेमाल से एक दिन का खर्च सिर्फ़ 250 से 300 रुपये तक का आएगा। डीज़ल की कीमत के मुताबिक इसमें थोड़ा-बहुत फर्क पड़ सकता है। श्रमिकों की मदद से किसान एक दिन में ज़्यादा से ज़्यादा 2 से 3 एकड़ तक धान लगा सकते हैं। वहीं राइस ट्रांसप्लांटर के उपयोग से एक दिन में 5 से 7 एकड़ तक धान लगाया जा सकता है।
राइस ट्रांसप्लांटर कई सारी खूबियों के साथ आता है। इसमें एक चक्कर में ही खेत की चार से आठ पंक्तियां तैयार की जा सकती है। राइस ट्रांसप्लांटर के ज़रिए बीज खेत के अंदर कितनी गहराई पर डालना है, वो भी तय कर सकते हैं। राइस ट्रांसप्लांटर का इस्तेमाल करना भी आसान है। इसके संचालन के लिए एक व्यक्ति की ही ज़रूरत होती है।
राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत
यानमार, वीएसटी शक्ति, खेडूत, महिंद्रा, कुबोटा आदि कंपनियों के राइस ट्रांसप्लांटर भारतीय बाज़ार में उपलब्ध हैं। एडवांस्ड राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत लगभग 2 लाख से 3.5 लाख रुपये तक की रहती है। कीमत बनावट और तकनीक पर निर्भर करती है।
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