ऊंचे दामों पर नहीं बिका धान तो: उत्तरप्रदेश के रामपुर में अपनी धान की फसल की सही कीमत नहीं मिलने से नाराज एक किसान ने अनोखे तरीके से विरोध किया। उसने गांव के अन्य किसानों को बुला कर उन्हें अपने साढ़े छह एकड़ के खेत से धान की सारी फसल काट ले जाने को कहा और पूरी फसल मुफ्त में ही दूसरे किसानों में बांट दी।
सरकार ने भी नहीं खरीदी फसल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रामपुर में PR-126 किस्म के धान की बड़े पैमाने पर खेती होती है। बाजर में इसका मूल्य दो हजार रुपए प्रति क्विंटल तक लगाया जाता है परन्तु इस समय बाजार में खरीददार नहीं होने के कारण किसानों की धान की फसल बिक नहीं पा रही है।
सरकरी केन्द्रों पर धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपए प्रति क्विंटल तय है लेकिन वहां पर PR-126 सहित अन्य कई किस्मों के धान की खरीद नहीं होती। इस स्थिति में रामपुर के किसानों के सामने धान की फसल को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया था। इसे दूर करने के लिए रामपुर के डीएम ने भी प्रशासन को चिट्ठी लिखी थी जिसका कोई सकारात्मक हल नहीं निकल सका।
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पराली जलाने के बचने और डीजल बचाने के लिए किया ऐसा
ऐसे में एक किसान मनिंदर सिंह ने अनूठे तरीके से विरोध किया। उन्होंने कहा कि अब फसल कट जाने के कारण उनके पराली जलाने की नौबत नहीं आएगी और डीजल का खर्चा भी बचेगा, जल्दी ही वे गेंहू बुआई की तैयारी शुरू कर देंगे।
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