Table of Contents
विनीत चौहान, बागपत जिले के सिसाना गांव के एक प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने जैविक बागवानी के माध्यम से अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं। 5 एकड़ की जमीन पर जैविक बागवानी का सफर शुरू करने के बाद, उन्होंने अमरूद और नींबू की बागवानी में विशेषता हासिल की और कई अन्य पौधों जैसे सेब, आड़ू, मौसम्बी, अंगूर, आम, कटहल, लीची, अंजीर, मालाबार नीम और महोगनी को भी अपने बगीचे में शामिल किया है।
जैविक बागवानी का आधार: पर्यावरणीय संरक्षण और गुणवत्ता सुधार
विनीत की बागवानी का आधार पूरी तरह से जैविक है। उन्होंने जैविक तकनीकों का पालन करते हुए अपने बगीचे की फसल की गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरणीय संरक्षण सुनिश्चित किया है। उनका मानना है:
“जैविक खेती में मेहनत ज्यादा है, लेकिन इसका परिणाम लंबे समय तक मिलता है।”
प्रमुख जैविक बागवानी उपाय
विनीत ने जैविक बागवानी में विभिन्न जैविक उपायों को अपनाया है जो न केवल उत्पादन बढ़ाते हैं बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित रखते हैं:
- वर्मीकंपोस्ट: मिट्टी की उर्वरता और पोषण बढ़ाने के लिए।
- नीम तेल और नीम खली: प्राकृतिक कीटनाशक और रोग नियंत्रण के रूप में।
- सी-वीड और जैविक फंगीसाइड: पौधों की सेहत और उत्पादकता बढ़ाने के लिए।
- फेरोमोन ट्रैप्स: हानिकारक कीटों की आबादी नियंत्रित करने के लिए।
इसके अलावा, विनीत ने सह-फसली खेती को भी प्राथमिकता दी है, जिसमें दाल, हल्दी, और सब्जियों जैसे उत्पाद शामिल हैं, जो अतिरिक्त आय का स्रोत बनते हैं।
जैविक बागवानी से सफलता और सम्मान
विनीत की मेहनत और नवाचार को विभिन्न मंचों पर सराहा गया है। उन्होंने किसान दिवस पर अमरूद उत्पादन में जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया और उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर भी उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित हुए। इसके अलावा, उन्हें आज़ादी के अमृत महोत्सव में कृषिविज्ञान खेकड़ा द्वारा सम्मानित किया गया।
सरकारी सहायता का लाभ
विनीत ने उद्यान विभाग से सब्सिडी प्राप्त की, जिसने बाग की स्थापना और ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों को अपनाने में मदद की। जैविक बागवानी के लिए नीम खली और जैविक फंगीसाइड पर भी उन्हें सब्सिडी मिली, जिससे उनकी लागत में कमी आई और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
विनीत का कहना है:
“सरकारी सहायता ने मेरी लागत घटाई और मुझे आधुनिक तकनीकों को अपनाने का साहस दिया।”
बाजार में जैविक बागवानी की सफलता
विनीत अपने जैविक उत्पादों को स्थानीय बाजार और उद्यान विभाग के माध्यम से बेचते हैं। उनका मानना है कि जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है और ये उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ बाजार में भी अच्छे मूल्य प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत किया है, जिससे उनकी पहुंच देशभर में हो रही है।
भविष्य की योजनाएं
विनीत आने वाले समय में अपनी बागवानी का दायरा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। उनका उद्देश्य जैविक उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से देशभर में पहुंचाना है। साथ ही, वे अन्य किसानों को जैविक बागवानी सिखाने और प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करना चाहते हैं।
निष्कर्ष: जैविक बागवानी से प्रेरणा
विनीत चौहान की कहानी यह साबित करती है कि जैविक बागवानी न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करती है, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाती है। उनकी मेहनत और समर्पण यह दर्शाता है कि छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। जैविक बागवानी की दिशा में उनकी यात्रा अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
ये भी पढ़ें: जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
वंश बायोटेक एग्रो इंडिया कम्पनी
Hamari company me sabhi plants bagawani k uplabdh h jaise nimboo amarud aam mousmi
7983750203
[email protected]