विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day): महिला किसान ने अपने बलबूते पर खड़ा किया डेयरी फ़ार्म (Dairy Farm), रोज़ाना 1200 लीटर दूध का उत्पादन

फ़ार्म में है एक दिन का 60 लीटर तक दूध देने वाली गाय

दूध का उत्पादन, डेयरी व्यवसाय किसानों के लिए किस तरह फ़ायदे का बिज़नेस बन रहा है, इसको लेकर महिला किसान सरनजीत कौर ने किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत की। जानिए डेयरी फ़ार्मिंग (Dairy Farming) से जुड़ी उनकी कई सलाहों के बारे में।

सरनजीत कौर की कहानी यहाँ सुने-

ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर आपने महिलाओं को गाय-भैंसों, भेड़-बकरियों को चराते और देखभाल करते हुए देखा होगा। पशुपालन के क्षेत्र में उनके इस अहम योगदान को बतौर घरेलू काम की तरह ही देखा जाता रहा है। लेकिन अब स्थितियां बदलीं हैं। अब कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन डेयरी व्यवसाय में सफलता की कहानियां लिख रही हैं। विश्व दुग्ध दिवस पर पढिए सरनजीत कौर की सफलता की कहानी भी कई महिलाओं के लिए मिसाल है। 

सरनजीत कौर ने डेयरी सेक्टर में एक अलग मुकाम हासिल किया है। किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत में सरनजीत कौर ने डेयरी सेक्टर से जुड़ी कई अहम बातों के बारे में बताया। 

सरंजित कौर ने 2012 में डेयरी व्यवसाय में कदम रखा। ज़मीन के छोटे हिस्से से डेयरी फ़ार्म की शुरुआत की। सरंजित कौर ने शुरू में 10 क्रॉस ब्रीड गायें खरीदीं। एक क्रॉस ब्रीड की कीमत डेढ से दो लाख के आसपास पड़ती है। उनके पति रजिन्दर सिंह ने उनका हर कदम पर साथ दिया। उन्हें डेयरी व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, वो खुद भी डेयरी फ़ार्म के काम में सरनजीत का हाथ बंटाते हैं। 

फ़ार्म में क्रॉस ब्रीड और HF की करीबन 100 गायें

ज़मीन के एक छोटे टुकड़े से डेयरी क्षेत्र में कदम रखने वालीं सरनजीत का फ़ार्म आज एक हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। फ़ार्म का नाम AULCKH DAIRY FARM है। आज के वक़्त में उनके फ़ार्म में क्रॉस ब्रीड और HF की करीबन 100 गायें हैं। एक गाय औसतन रोज़ का 38 लीटर तक दूध देती है।

प्रतिदिन 1200 लीटर दूध का उत्पादन

सरनजीत कौर ने आगे बताया कि अगर बढ़िया नस्ल की गायों का पालन करते हैं तो डेयरी व्यवसाय में अच्छा मुनाफ़ा है। उनके डेयरी फ़ार्म में रोज़ का करीबन 1200 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। उनके फ़ार्म में एक ऐसी HF गाय भी है, जो रोज़ाना का 60 लीटर तक भी दूध देती है।

डेयरी फ़ार्म saranjeet kaur dairy farm
Dairy Farm में है रोज़ाना का 60 लीटर तक दूध देने वाली गाय

मवेशियों के गोबर से तैयार करते हैं खाद

डेयरी का दूध 36 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है। पंजाब सरकार की सहकारी संस्था मिल्कफेड के प्रमुख ब्रांड वेरका (Verka) को सीधे दूध बेचती हैं। पैसा 10 दिन के अंतराल में सीधा बैंक अकाउंट में आ जाता है। इसके अलावा, गाय के गोबर से जैविक खाद भी तैयार करते हैं। अभी उनकी डेयरी में चार से पांच लोग काम करते हैं, जिनपर डेयरी के संचालन की पूरी ज़िम्मेदारी है। 

गायों के चारे और रखरखाव पर देते हैं विशेष ध्यान

मवेशियों को हर तरह के मौसम से बचाने की ज़रूरत होती है। गर्मियों में दूध देने की क्षमता पर ज़्यादा असर पड़ता है। इसके लिए फ़ार्म में फॉगर और बड़े-बड़े पंखे लगे हैं। दूध निकालने के लिए मशीनों का इस्तेमाल करते हैं।सरनजीत बताती हैं कि लोगों में मशीनों के इस्तेमाल को लेकर कई गलतफ़हमियां हैं। मशीनों से अगर दूध निकाला जाता है तो उससे स्वच्छता और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। साथ ही मशीनों से मवेशियों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता। 

Silage विधि से सालभर के लिए चारा कर लेते हैं स्टोर

सरंजित के डेयरी फ़ार्म में Silage विधि द्वारा मवेशियों के लिए चारा स्टोर करके रखा जाता है। सरनजीत बताती हैं कि दुधारु पशुओं को पौष्टिक आहार के साथ हरा-चारा खिलाना बहुत ज़रुरी है। हरा चार पशुओं में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। जुलाई से लेकर अक्टूबर तक चारे की व्यवस्था आसानी से हो जाती है। अक्टूबर से मध्य दिसंबर और अप्रैल से जून के बीच चारे की कमी रहती है। इस कमी से निपटने के लिए हरे चारे को एक गड्ढे में डालकर स्टोर किया जाता है।

हरा चारा संरक्षण करने की विधि को साइलेज (Silage) कहा जाता है। इससे कभी भी चारे की कमी नहीं रहती। पूरे साल का चारा एक बार में इकट्ठा करके रख लिया जाता है। सरंजित बताती हैं कि पशुपालक अपने घर के आसपास ही गड्ढ़ा करके साइलेज बना सकते हैं। इससे दूध उत्पादन भी अच्छा होता है और लागत भी बहुत ज्यादा नहीं आती। 

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सरनजीत कौर का डेयरी फ़ार्म

अच्छी नस्ल पर ही निर्भर है डेयरी व्यवसाय

सरंजित कौर कहती हैं कि अच्छी नस्ल पर ही अपने पैसे खर्च करें। एक नस्ल ही फ़ार्म के चलने और ठप पड़ने का कारण बनती है। इसलिए इसके चुनाव में जल्दबाज़ी न करते हुए, पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही चुने। 

सरनजीत के पति रजिन्दर सिंह ने किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में कहा कि पंजाब में डेयरी व्यवसाय के विकास का श्रेय PDFA को जाता है। उन्होंने कहा कि प्रोग्रेसिव डेयरी फ़ार्मर्स एसोसिएशन (Progressive dairy Farmers Association, PDFA) की बदौलत आज की तारीख में ब्रीड बढ़िया हुई है। दूध उत्पादन की क्षमता में इज़ाफ़ा होने से अच्छा मुनाफ़ा किसान कमा रहे हैं। आगे रजिन्दर सिंह कहते हैं कि पंजाब में एक बार जिसका डेयरी बिज़नेस जम जाए तो फिर उसके लिए पंजाब ही कनाडा और अमेरिका है। 

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सरनजीत कौर के पति रजिन्दर सिंह

क्या है PDFA?

PDFA एक गैर-लाभकारी संगठन (Non-Profit Organization) है, जो डेयरी किसानों के विकास के लिए काम करती है। 1972 में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से PDFA की स्थापना की गई थी। PDFA डेयरी किसानों को ट्रेनिंग देने से लेकर प्रोत्साहित करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करता है।

डेयरी सेक्टर में कितनी कमाई? 

रजिन्दर कहते हैं कि डेयरी व्यवसाय में लागत ज़रूर ज़्यादा लगती है, लेकिन ये मुनाफ़ा भी कहीं गुना ज़्यादा देता है। रजिन्दर बताते हैं कि अगर आप 10 गायों से डेयरी व्यवसाय में उतरने की सोच रहे हैं तो लागत करीबन 32 से 35 लाख के आसपास मानकर चलें। आज की तारीख में सरंजित को साल का 60 से 70 लाख का सीधा मुनाफ़ा होता है। कभी 10 गायों से डेयरी की शुरुआत करने वालीं सरनजीत ने रूढ़िवादी सोच को दरकिनार करते हुए डेयरी की बागडोर संभाली। वो अपने घर के काम के साथ-साथ डेयरी व्यवसाय को भी पूरा वक़्त देती हैं।

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