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मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के किसान विशाल कुमावत ने कृषि में नई तकनीक का उपयोग करके अपनी आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कम खर्च में अधिक उत्पादन के उनके प्रयास उन्हें दूसरे किसानों के लिए एक आदर्श बनाते हैं। उन्होंने अपने गांव की सीमित जमीन पर आधुनिक खेती के प्रयोग शुरू किए हैं, जिनसे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के कुशल उपयोग को भी बढ़ावा मिला है।
शुरुआती संघर्ष
विशाल का खेती के प्रति जुनून बचपन से ही था। हालांकि, सीमित संसाधनों और पारंपरिक तरीकों से खेती करते हुए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वे बताते हैं:
“शुरुआती दिनों में, पारंपरिक खेती से लाभ कम था। तब मैंने सोचा कि अगर खेती को एक व्यवसाय के रूप में लेना है, तो कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) का इस्तेमाल करना होगा।”
कृषि में नई तकनीक का उपयोग
विशाल ने खेती को उन्नत और अधिक लाभदायक बनाने के लिए कई नई तकनीकों का उपयोग शुरू किया। कृषि में नई तकनीक अपनाकर उन्होंने जल और उर्वरकों के कुशल उपयोग को बढ़ावा दिया और अपनी उत्पादकता में वृद्धि की।
- ड्रिप सिंचाई प्रणाली
विशाल ने ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग किया, जिससे फ़सलों को आवश्यकतानुसार पानी मिलता है, और पानी की बर्बादी कम होती है। यह कृषि में नई तकनीक का एक उदाहरण है, जिसने उनके खेतों में जल संकट को कम किया। - मिट्टी परीक्षण
उन्होंने अपनी जमीन का परीक्षण कराया, जिससे यह पता चला कि कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है। इसके आधार पर उर्वरकों का उपयोग किया गया, जिससे कृषि में नई तकनीक के माध्यम से उत्पादन बढ़ा। - कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित सेंसर
विशाल ने खेतों में सेंसर लगाए, जो मिट्टी की नमी और फ़सल की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी देते हैं। यह तकनीक उनकी कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) के सफल उपयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
फ़सल चयन और उत्पादकता
विशाल ने पारंपरिक फ़सलों के बजाय अधिक लाभदायक फ़सलों का चयन किया। उन्होंने कहा:
“मैंने पारंपरिक गेहूं और चने की खेती से हटकर सब्जियां, मसाले और औषधीय पौधे उगाने पर ध्यान केंद्रित किया। इससे बाज़ार में मांग के अनुसार लाभ मिला।”
उनकी प्रमुख फ़सलें:
- टमाटर और मिर्च: ये फ़सलें बाज़ार में अधिक कीमत पर बिकती हैं।
- हल्दी और अदरक: औषधीय गुणों के कारण इनकी मांग बढ़ रही है।
- औषधीय पौधे: जैसे अश्वगंधा और तुलसी।
कृषि में नई तकनीक और पर्यावरण संरक्षण
विशाल ने जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया है। वे वर्मी कम्पोस्ट और जैव उर्वरकों का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी फ़सलों की गुणवत्ता बेहतर हुई है। वे बताते हैं:
“जैविक खेती से न केवल उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।” यह भी कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) का एक उदाहरण है।
किसानों के साथ बातचीत
विशाल का मानना है कि ज्ञान को साझा करने से सामूहिक विकास होता है। उन्होंने अपने गांव के अन्य किसानों को भी नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। विशाल ने किसानों को दिखाया कि कैसे कम लागत में अधिक लाभ कमाया जा सकता है। उनकी मदद से किसानों ने ड्रिप सिंचाई और जैविक खेती शुरू की है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
हालांकि विशाल ने अभी तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है, लेकिन वे सरकार की कृषि योजनाओं के प्रति जागरूक हैं। उन्होंने कहा:
“अगर मुझे सरकार की योजनाओं की सही जानकारी मिले, तो मैं उनका लाभ उठाकर अपने खेती के काम को और बेहतर बना सकता हूं।”
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
विशाल की आधुनिक खेती ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारा है, बल्कि उनके गांव में रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं। उनके फार्म पर काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि अब उन्हें नियमित रूप से काम और अच्छा वेतन मिलता है।
पुरस्कार और मान्यता
हालांकि विशाल को अभी तक कोई औपचारिक पुरस्कार नहीं मिला है, लेकिन उनकी उपलब्धियां और खेती के तरीकों को देखकर स्थानीय स्तर पर उनकी सराहना की जाती है। कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) के प्रभाव से उनके काम की सराहना बढ़ी है।
भविष्य की योजनाएं
विशाल की योजना है कि वे अपनी खेती को एक मॉडल फार्म के रूप में विकसित करें, जिसे अन्य किसान भी देख सकें और सीख सकें। वे कहते हैं:
“मेरा लक्ष्य है कि मेरी खेती से न केवल मेरी आय बढ़े, बल्कि मैं अन्य किसानों को भी नई तकनीकों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर सकूं।”
निष्कर्ष
विशाल कुमावत की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे नई तकनीकों और जागरूकता के साथ खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है। उनकी मेहनत और दृष्टिकोण अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी यात्रा एक संदेश देती है कि आधुनिकता और परंपरा को जोड़कर, खेती को न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक बनाया जा सकता है, बल्कि इसे टिकाऊ भी किया जा सकता है। कृषि में नई तकनीक (new technology in agriculture) के माध्यम से विशाल जैसे किसान भारत के कृषि क्षेत्र को नई दिशा और ऊंचाई प्रदान कर सकते हैं।
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