कोरी अफ़वाह है कि दालों की स्टॉक सीमा हटा ली गयी है: केन्द्र सरकार
नये ‘आवश्यक वस्तु क़ानून, 2020’ के प्रावधानों के अनुसार जब तक दालों का खुदरा बाज़ार भाव से साल भर पहले की तुलना में 50 प्रतिशत से ज़्यादा ऊपर नहीं चला जाता, तब तक सरकार ‘असाधारण मूल्य वृद्धि’ के नाम पर व्यापारियों पर स्टॉक सीमा नहीं थोप सकती है। सरकारी आँकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले के मुकाबले दालों के दाम में अभी तक जो बढ़ोत्तरी हुई है वो 22-23 प्रतिशत की है। इसका मतलब ये हुआ कि नया क़ानून व्यापारियों के प्रति बहुत ज़्यादा उदार है। इसीलिए किसान नेता इसे जन-विरोधी करार देते हैं और इसे वापस लेने की माँग कर रहे हैं।