केले को सेहत का खज़ाना कहा जाता है। इसमें विटामिन A, B, C, आयरन, कैल्शियम, मैगनीशियम, फोलिक एसिड, पोटैशियम जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। बाज़ार में इसकी मांग हमेशा रहती है। इस कारण देश में बड़े पैमाने पर किसान केले की खेती से जुड़े हैं। भारत हर साल करीबन 2.75 करोड़ टन केले का उत्पादन करता है। केले की फसल लगने के दौरान या कटाई के समय इसमें से एग्रीकल्चर वेस्ट (Agriculture Waste) के रूप में पत्तियां, फूल डंठल निकलते हैं। किसान या तो इन्हें फेंक देते हैं या फिर खाद बनाने में इनका इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि केले के फूल से अचार बनाया जा सकता है? जी हां, फूल से अचार बनाने की तकनीक को तमिलनाडु स्थित ICAR-National Research Centre for Banana के वैज्ञानिकों सीके नारायण और केएन शिवा ने ईज़ाद किया है। केले की नर कली (Banana Male Bud) एग्रीकल्चर वेस्ट में आती है। ये फल विकसित नहीं करते हैं और आमतौर पर गिर जाते हैं।
ICAR-NRCB देता है ट्रेनिंग
इस तकनीक में केले की नर कली को प्रोसेस कर उसे अचार में तब्दील किया जाता है। केले के फूल का अचार स्वादिष्ट होता है। इस तकनीक के ज़रिए किसान केले के फूल से भी अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। इसके अचार को रूम टेम्परेचर में रखा जाए तो एक साल तक ये आराम से चल जाता है। इस तकनीक को देश के सभी केला उत्पादक क्षेत्रों में अपनाया जा सकता है। अगर आप बड़े स्तर पर केले के फूल से अचार बनाने के व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसमें ICAR-NRCB मदद भी करता है। वो ट्रेनिंग मुहैया कराता है।
कैसे बना सकते हैं केले के फूल से अचार?
आज कई महिलाएं छोटे स्तर पर भी केले के फूल से अचार बना रही हैं। सबसे पहले केले के फूल की पंखुरियों को निकाल लें। इसके बाद आपको अंदर सफ़ेद भाग नज़र आएगा, उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर तीन चार पानी से अच्छे से धो लें। फिर एक बड़े बर्तन में स्वादानुसार नमक डालकर पानी में 30 से 40 मिनट तक के लिए उबाल लें।
अलग से फ्राइंग पैन में तेल गरम करें और इन उबले हुए केले के फूल के टुकड़ों को उसमें डाल दें। ऊपर से हल्दी पाउडर,लाल मिर्च पाउडर, अचार मसाला डालकर करीबन पांच मिनट मध्यम आंच पर अच्छे से पकाएं। केले के फूल का अचार तैयार है।
केले के फूल का अचार सेहत के लिए भी फ़ायदेमंद
केले के फूल का अचार फाइबर युक्त होता है। फाइबर वाले आहार से पाचन तंत्र मजबूत होता है। कब्ज़ की समस्या में आराम मिलता है। साथ ही वजन भी नियंत्रित रहता है। इसे इडली, डोसा रोटी और चावल के साथ खाया जा सकता है।
केले के फूल से अचार बनाने की तकनीक के बारे में अगर और जानना चाहते हैं तो आप ICAR-National Research Centre for Banana से 0431-2618125 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।