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भारत में कृषि सबसे बड़ा व्यवसाय माना जाता है, क्योंकि यहां की अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर है। जिसकी वजह से यहां पर खाद, बीज और कीटनाशक संबंधित बिजनेस (Fertilizer Business) तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। उर्वरक व्यवसाय के साथ आप अच्छी आमदनी भी कर सकते हैं। लेकिन Fertilizer Business को शुरू करने के लिए सरकार की ओर कुछ नियम और कानून बने हैं, जिसको अपना कर आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
सरकार की तरफ से उर्वरक व्यवसाय (Fertilizer Business) पर सब्सिडी और लोन
इस व्यवसाय (Fertilizer Business) को शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से भी सब्सिडी,लोन मिलता है, वहीं सरकार ने उर्वरक व्यवसाय शुरू करने के लिए नियमों में भी ढील दे दी है, क्योंकि अब कोई भी व्यक्ति जो 10वीं पास हो खाद-बीज का लाइसेंस लेकर अपनी दुकान खोल सकता है।
आपको बता दें कि उर्वरकों का इस्तेमाल पोषक तत्वों को बढ़ाकर फसलों के पोषण ज़रूरतों तो पूरा करना होता है। ये पोषक तत्व फॉस्फोरस, पोटेशियम हैं। सबसे अहम बात ये है कि नाइट्रोजन उर्वरक के उपयोग के लिए प्राकृतिक गैस और कोयले की भी आवश्यकता होती है। फॉस्फोरिक एसिड, डायमोनियम फॉस्फेट यूरिया और पोटेशियम क्लोराइड, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और पोटेशियम उर्वरकों के लिए प्रमुख तत्व हैं।
कौन से उत्पादों के लिए ज़रूरी है लाइसेंस
वहीं, डायमोनियम फॉस्फेट और पोटेशियम क्लोराइड का भारत में अधिक उत्पादन नहीं होता है, जिसकी वजह से ये आयात किया जाता है, इसलिए इसके लिए लाइसेंस की ज़रूरत होती है। राज्य सरकार की ओर से इसका व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। साथ ही जैविक उर्वरकों (Fertilizer Business) के लिए खरीद-बिक्री और विनिर्माण के लिए भी लाइसेंस चाहिए होता है।
सरकार की तरफ से उर्वरक खरीद पर सब्सिडी राशि प्रदान की जाती है। केंद्र सरकार उर्वरकों की लागत में कटौती के साथ किसानों की मदद के लिए योजना चला रही है। सरकार ने साल 2016 में उर्वरकों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली शुरू की था। डीबीटी प्रणाली के तहत उर्वरक कंपनियों को अलग-अलग उर्वरक ग्रेडों पर 100 फीसदी सब्सिडी देती आ रही है।
भारत में उर्वरक उद्योग (Fertilizer Business) का महत्व
इंडिया में यूरिया की 80 फीसदी ज़रूरत घरेलू उत्पादन से पूरी होती है, क्योंकि यूरिया उत्पादन के लिए इसके निर्माताओं को सरकार सब्सिडी देती है। एमआरपी पर बिक्री होती है। किसानों के लिए उर्वरक अहम वस्तु है, इसलिए व्यापार, मूल्य, गुणवत्ता और विनियमन के लिए साल 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 के तहत इसको लाया गया था। उर्वरकों के वितरण और वृद्धि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उर्वरक व्यवसाय (Fertilizer Business) कैसे शुरू करें
उर्वरक व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे अहम है कि बाजार की मांग पर गौर किया जाए। ग्राहकों को चुनने के लिए बाज़ार अनुसंधान बहुत ज़रूरी है। इस व्यवसाय में जानें के लिए आपको इच्छा शक्ति की भी बहुत ज़रूरत होगी। इस उद्योग में पैर जमाने के लिए लक्ष्य पर फोकस करना होगा। पहले खाद-बीज व्यवसाय शुरू करने के लिए लाइसेंस तभी मिलता था जब आप बीएससी एग्रीकल्चर या फिर डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर हों, लेकिन अब सरकार ने नियमों मे ढ़ील दे दी है और शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास कर दी है।
लेकिन 10वीं पास तभी खाद, बीज का लाइसेंस (Fertilizer Seed License) ले सकते हैं जब 15 दिन का कोर्स किया हो। इसके बाद ही आप खाद, बीज का लाइसेंस (Fertilizer Seed License) लाइसेंस लेने के लिए अप्लाई कर सकेंगे।
उर्वरक निर्माण का प्रमाण पत्र
उर्वरक का व्यवसाय और उर्वरकों के निर्माण के लिए प्रमाणपत्र की ज़रूरत होती है। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के अंतर्गत आवेदन करना होता है।
- इस प्रमाणपत्र को पाने के लिए इन दस्तावेजों के साथ प्राधिकरण आदेश के पत्र के लिए आवेदन
- आईडी और निवास प्रमाण पत्र
- रसायन विज्ञान में शैक्षणिक योग्यता की प्रतियां
- प्रयोगशाला सुविधा प्रमाणपत्र
- परिसर के स्वामित्व के लिए प्रमाण पत्र या फिर किराया के लिए प्रपत्र
- उर्वरक इकाई के लिए स्थान का मैप
- कच्चे माल का विवरण
- उर्वरक के प्रकार बतानाआवेदन शुल्क
- लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं
10वीं पास को कोर्स और टेस्ट के बाद मिलता है प्रमाणपत्र
अब कृषि में ग्रेजुएट होने के साथ ही 10वीं पास युवा भी कीटनाशक और खाद- बीज की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस ले सकते हैं। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र से 15 दिन का सर्टिफिकेट कोर्स करना होगा। कोर्स पूरा करने के कबाद एक टेस्ट भी देना होगा, इस टेस्ट को पास करने के बाद आपको प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। प्रमाण पत्र मिलने के बाद लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
नगर पालिका कार्यालयों से अनुमति
उर्वरक व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको शहर की नगर पालिका से अनुमति लेनी होगी।
राज्य सरकार से अनुमति
स्थानीय सरकार के संबंधित विभाग से भी अनुमति मिल सकती है। आपको लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा।
खाद-बीज लाइसेंस के लिए कैसे करें आवेदन (How to apply for fertilizer and seed license)
उर्वरक व्यवसाय, खाद बीज की दुकान खोलने के लिए आपको लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा, इसके लिए आप ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन तरीके से अप्लाई कर सकते हैं। उर्वरक, खाद-बीज लाइसेंस के लिए ऑफलाइन अप्लाई करने के लिए (Offline application for fertilizer and seed license) अपने सभी तरह के ज़रूरी दस्तावेजों को ज़िले के कृषि विभाग कार्यालय में आवेदन पत्र के साथ जमा करना होगा। इसके लिए आपको निर्धारित शुल्क भी जमा कराना पड़ेगा। दस्तावेजों के वैरिफिकेशन के बाद कृषि विभाग की ओर से लाइसेंस जारी होगा।
खाद-बीज लाइसेंस के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन
वहीं उर्वरक, खाद-बीज लाइसेंस के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन (Online application for fertilizer, seed license) के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना है, इसमें आपको सभी अहम डॉक्यूमेंट को अपलोड करना होगा और फीस भरनी होगी। डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के बाद आपको लाइसेंस मिल जाएगा। ज्यादा जानकारी के लिए अपने ज़िले के कृशि विभाग से ,संपर्क कर सकते हैं।
उर्वरक उद्योग स्थापित करने के लिए अतिरिक्त लाइसेंस और परमीशन
- उद्योग आधारित रजिस्ट्रेशन
- टीएसडीएफ ऑपरेटर/एचडब्ल्यूएम प्राधिकरण के साथ टाई-अप
- फायर एनओसी
- ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन
- आईएसओ प्रमाणीकरण
भारत में उर्वरक उद्योग (Fertilizer Business) का बाज़ार
भारत दुनिया के तीसरे सबसे बड़ा उर्वरक निर्माता है, साथ ही दूसरा सबसे बड़े उपभोक्ता भी है। फॉस्फेटिक उर्वरक प्रोडक्शन में भी तीसरे नंबर पर भारत का स्थान है। नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के निर्माण में दूसरे नंबर पर है। 2021-2022 में 43.66 मिलियन मीट्रिक टन एमएमटी), 1990-91 की क्षमता से लगभग दोगुना, जो 22.23 एमएमटी थी।