Importance Of Buffer Zone: कृषि में बफ़र ज़ोन क्या है ? इसके महत्व और प्रकार के बारें में जानिए

बफ़र ज़ोन (Importance Of Buffer Zone) वे सुरक्षित क्षेत्र होते हैं जो दो अलग-अलग भूमि उपयोगों को अलग करते हैं, ताकि संघर्षों को कम किया जा सके और पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके। कृषि में, ये ज़ोन खेतों और आसपास के प्राकृतिक संसाधनों (जैसे नदियों, जंगलों या आवासीय क्षेत्रों) के बीच एक बफ़र का काम करते हैं।

Importance Of Buffer Zone: कृषि में बफ़र ज़ोन क्या है ? इसके महत्व और प्रकार के बारें में जानिए

आधुनिक कृषि (Modern Agriculture) में पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों का सतत उपयोग अहम भूमिका निभाता है। इसी कड़ी में बफ़र ज़ोन (Importance Of Buffer Zone) एक अहम कॉन्सेप्ट है (key concept) है, जो खेतों और प्राकृतिक क्षेत्रों के बीच एक सुरक्षात्मक परत का काम करता है। ये ज़ोन न केवल मिट्टी और जल की गुणवत्ता को बचाते हैं, बल्कि जैव विविधता (Biodiversity) को भी बढ़ावा देते हैं। इस लेख में हम बफ़र ज़ोन के उद्देश्य, प्रकार और उनके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

बफ़र ज़ोन क्या है? (What is a buffer zone?)

बफ़र ज़ोन (Buffer Zone) वे सुरक्षित क्षेत्र होते हैं जो दो अलग-अलग भूमि उपयोगों को अलग करते हैं, ताकि संघर्षों को कम किया जा सके और पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके। कृषि में, ये ज़ोन खेतों और आसपास के प्राकृतिक संसाधनों (जैसे नदियों, जंगलों या आवासीय क्षेत्रों) के बीच एक बफ़र का काम करते हैं। इनमें घास, झाड़ियां, पेड़ या अन्य वनस्पतियां लगाई जाती हैं, जो प्रदूषण को रोकने, मिट्टी के कटाव को कम करने और वन्यजीवों को आश्रय देने का का काम करती है।  

 बफ़र ज़ोन के उद्देश्य (Objectives of the Buffer Zone)

 

जल गुणवत्ता की सुरक्षा (Protection of water quality)

कृषि में उपयोग होने वाले रसायन (जैसे उर्वरक और कीटनाशक) बारिश के पानी के साथ बहकर नदियों और तालाबों में मिल सकते हैं। बफ़र ज़ोन इन प्रदूषकों को छानकर जल स्रोतों को सुरक्षित रखते हैं।

मिट्टी का संरक्षण (Soil conservation)

ये ज़ोन हवा और पानी से होने वाले मिट्टी के कटाव को रोकते हैं, जिससे खेतों की उर्वरता बनी रहती है।

जैव विविधता को बढ़ावा (Promoting biodiversity)

बफ़र ज़ोन में लगी वनस्पतियाँ कीड़ों, पक्षियों और छोटे जानवरों के लिए आवास प्रदान करती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित रहता है।

जैविक खेती का समर्थन (Supporting organic farming)

जैविक खेतों में बफ़र ज़ोन का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि पड़ोसी खेतों से रसायनिक पदार्थ जैविक फसलों तक न पहुँचें।

 बफ़र ज़ोन के प्रकार (Types of buffer zones)

1. कृषि क्षेत्र बफ़र ज़ोन (Agricultural Area Buffer Zone)

  • ये ज़ोन खेतों और आसपास के प्राकृतिक क्षेत्रों (जैसे जल स्रोत या सड़कों) के बीच स्थापित किए जाते हैं।

महत्व:

1.कीटनाशकों और उर्वरकों को जल स्रोतों में जाने से रोकते हैं।
2.लाभकारी कीटों और परागणकों (मधुमक्खियों, तितलियों) को आकर्षित करते हैं।

2. कंटूर बफ़र ज़ोन (Contour buffer zone)

ये ढलान वाले खेतों में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए बनाए जाते हैं। इन्हें पहाड़ी क्षेत्रों में खेतों की प्राकृतिक आकृति के साथ लगाया जाता है।

महत्व:

1.पानी के बहाव को धीमा करके मिट्टी को बचाते हैं।
2.भूस्खलन की संभावना को कम करते हैं।

3. जलमार्ग बफ़र (Riparian buffers)

नदियों, तालाबों और नहरों के किनारे लगाए जाने वाले ये बफ़र जलीय जीवन की रक्षा करते हैं।

महत्व:

1.जल प्रदूषण को रोकते हैं।
2.मछलियों और अन्य जलीय जीवों के लिए आवास प्रदान करते हैं।

4. विंडब्रेक बफ़र (Windbreak Buffer)

इनमें पेड़ों या झाड़ियों की पंक्तियां लगाई जाती हैं, जो तेज़ हवाओं से फसलों की रक्षा करती हैं।

महत्व:

1.मिट्टी का उड़ना कम होता है।
2.फसलों को हवा से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।

5. परागण बफ़र (Pollination buffer)

इनमें फूलों वाले पौधे लगाए जाते हैं, जो मधुमक्खियों और तितलियों को आकर्षित करते हैं।

महत्व:

फसलों के परागण में सहायता करते हैं, जिससे पैदावार बढ़ती है।

6. वन्यजीव आवास बफ़र (Wildlife Habitat Buffers)

ये ज़ोन जानवरों और पक्षियों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं।

महत्व:

1.जैव विविधता बढ़ाते हैं।
2.प्राकृतिक कीट नियंत्रण में मदद करते हैं।

 बफ़र ज़ोन कैसे स्थापित करें? (How to set up a buffer zone?)

स्थान का चयन:

खेत और संवेदनशील क्षेत्र (जैसे नदी, सड़क या जंगल) के बीच की दूरी तय करें।

पौधों का चुनाव: स्थानीय प्रजातियों को प्राथमिकता दें, जो कम पानी और रखरखाव में जीवित रह सकें।

चौड़ाई निर्धारित करना: आमतौर पर 25 से 50 फीट चौड़ा बफ़र ज़ोन पर्याप्त होता है, लेकिन यह प्रदूषण के स्तर पर निर्भर करता है।

नियमित देखभाल: समय-समय पर पौधों की कटाई-छँटाई और सिंचाई करें।

 बफ़र ज़ोन कृषि और पर्यावरण के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। ये न केवल प्रदूषण को रोकते हैं, बल्कि मिट्टी, जल और वन्यजीवों की सुरक्षा भी करते हैं। जैविक खेती और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए बफ़र ज़ोन का इस्तेमाल ज़रूरी है। किसानों को चाहिए कि वे अपने खेतों के आसपास इन ज़ोनों को विकसित करें ताकि प्रकृति और कृषि का सह-अस्तित्व बना रहे।

 

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