15th BRICS Agriculture Ministers Meeting: शिवराज सिंह चौहान ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक में पहुंचे ब्राजील

ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित हो रही 15वीं ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक (15th BRICS Agriculture Ministers Meeting) में […]

15th BRICS Agriculture Ministers Meeting: शिवराज सिंह चौहान ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक में पहुंचे ब्राजील

ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित हो रही 15वीं ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक (15th BRICS Agriculture Ministers Meeting) में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare and Rural Development Minister Shivraj Singh Chouhan) भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नेतृत्व कर रहे हैं। ये बैठक गुरुवार, 17 अप्रैल 2025  को “सहयोग, नवाचार और समान व्यापार के माध्यम से समावेशी और सतत कृषि को बढ़ावा देना” विषय (Promoting Inclusive and Sustainable Agriculture through Cooperation, Innovation, and Equitable Trad) पर आयोजित की जा रही है।

इस बैठक में ब्रिक्स देशों (Brazil, Russia, India, China, South Africa) के अलावा सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान (Saudi Arabia, Egypt, United Arab Emirates, Ethiopia, Indonesia and Iran) जैसे नए सदस्य देशों के कृषि मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।

भारत-ब्राजील कृषि सहयोग पर चर्चा (India-Brazil Agricultural Cooperation Discussed)

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस दौरान ब्राजील के कृषि एवं पशुधन मंत्री कार्लोस हेनरिक बैकेटा फवारो (Minister of Agriculture and Livestock Carlos Henrique Bacqueta Favaro )और कृषि विकास एवं परिवार कृषि मंत्री लुइज़ पाउलो टेक्सेरा (Minister of Agricultural Development and Family Agriculture Luiz Paulo Teixeira) के साथ द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral talks) भी करेंगे। इन वार्ताओं में कृषि, कृषि प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।

बता दें कि ब्राजील दुनिया के प्रमुख कृषि निर्यातक देशों (Major agricultural exporting countries) में से एक है, जबकि भारत कृषि उत्पादन और तकनीकी विकास में तेजी से आगे बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार, अनुसंधान और डिजिटल कृषि समाधानों (Agribusiness, Research and Digital Agriculture Solutions) पर पार्टनरशिप को मजबूत करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

ब्राजील की कृषि कंपनियों के साथ संवाद (Dialogue With Brazilian Agricultural Companies)

शिवराज सिंह चौहान साओ पाउलो में प्रमुख ब्राजीलियाई कृषि व्यवसाय कंपनियों और ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ वेजिटेबल ऑयल इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत करेंगे। इस दौरान कृषि मूल्य श्रृंखला में निवेश और साझेदारी के नए अवसरों पर चर्चा होगी। ब्राजील सोयाबीन, मक्का और कॉफी उत्पादन में विश्व में अग्रणी है, जबकि भारत चावल, गेहूं और डेयरी उत्पादों में आत्मनिर्भर है। दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादों के व्यापार को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत वृक्षारोपण (Tree plantation under ‘Ek Ped Maa Ke Naam’ initiative)

केंद्रीय मंत्री चौहान ब्रासीलिया में भारतीय दूतावास में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। यह पहल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और मातृत्व को सम्मान देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके अलावा, वह साओ पाउलो में भारतीय प्रवासियों से भी मिलेंगे और उनके सांस्कृतिक योगदान की सराहना करेंगे।

ब्रिक्स देशों के साथ मजबूत कृषि सहयोग (Strong Agricultural Cooperation With BRICS Countries)

ब्रिक्स देशों की यह बैठक जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और कृषि में नवाचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होगी। भारत ने पहले ही जैविक खेती और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई है। इस बैठक में भारत की ओर से डिजिटल कृषि, सतत कृषि पद्धतियों और किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “ब्रिक्स देशों के बीच कृषि सहयोग को मजबूत करने से वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। भारत नवीन कृषि तकनीकों और जल संरक्षण के मामले में अन्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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