Snow Mushroom: कई तरह के पोषण तत्व और हाइड्रेटिंग गुण से भरपूर है स्नो मशरूम, किसानों के लिए फायदेमंद खेती

स्नो मशरूम (Snow Mushroom) को  जिसे स्नो फंगस, सिल्वर ईयर मशरूम या फिर व्हाइट जेली मशरूम के नाम से भी […]

Snow Mushroom: कई तरह के पोषण तत्व और हाइड्रेटिंग गुण से भरपूर है स्नो मशरूम, किसानों के लिए फायदेमंद खेती

स्नो मशरूम (Snow Mushroom) को  जिसे स्नो फंगस, सिल्वर ईयर मशरूम या फिर व्हाइट जेली मशरूम के नाम से भी जानते हैं। स्नो मशरूम अपने अनेकों फयदों के लिए पूरी दुनिया में फेमस हो रहा है। स्नो मशरूम प्रजाति में न केवल एक नाजुक, जिलेटिनस बनावट और हल्का स्वाद वाली है, बल्कि ये देखने में भी काफी खूबसूरत लगता है। इससे कई तरह के ईस्ट एशियाई व्यंजनों और पारंपरिक चिकित्सा में औषधी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।  

इसके गुणों की बात करें तो इसमें कई तरह के पोषण तत्व और हाइड्रेटिंग गुण होते हैं। ये आपका स्किन के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए इसको अक्सर “ब्यूटी मशरूम” भी कहा जाता है। 

स्नो मशरूम (Snow Mushroom) उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु (Tropical and subtropical climate) में पाये जाते हैं। ये उनकी मूल जलवायु होती है। इसलिए भारत इनकी खेती सबसे अच्छा स्थान बनता है। देश के उत्तर-पूर्वी पहाड़ी राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी इसका प्रोडक्शन होता है। यहां इनको आदर्श पर्यावरणीय परिस्थितियां मिलती हैं।  

स्नो मशरूम (Snow Mushroom), या Tremella fusiformis, एक आकर्षक और नाजुक कवक है जो बहुत ही शानदार दिखता है।  इसकी बनावट ट्रांसपेरेंट, जेली जैसी होती है और ये फ़्रिली, लहरदार लोब के ग्रुप बनाती है जो अक्सर मूंगा या फूलों की पंखुड़ियों की तरह नजर आती है। स्नो मशरूम का रंग सफ़ेद से लेकर हल्के पीले रंग तक होता है। 

स्नो मशरूम (ट्रेमेला फ्यूसीफॉर्मिस) की खेती की आसान गाइड

1. सब्सट्रेट तैयार करना

  • सामग्री:
    • लकड़ी का बुरादा (हार्डवुड चूरा)
    • चावल या गेहूं का चोकर
    • जिप्सम (कैल्शियम सल्फेट)
    • चीनी
    • पानी

वैकल्पिक सामग्री: कपास के छिलके, मूंगफली के छिलके या चावल की भूसी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

नमी: सब्सट्रेट में लगभग 65% नमी होनी चाहिए।

2.  मदर कल्चर तैयार करना

दो तरह के कवक चाहिए:

1.ट्रेमेला फ्यूसीफॉर्मिस (स्नो मशरूम)

2.हाइपोक्सिलॉन अचेरी (मेजबान कवक)

प्रक्रिया:

स्टेप-1 सबसे पहले अगर प्लेट पर ट्रेमेला फ्यूसीफॉर्मिस उगाएं।

स्टेप-2 जब यह 1 सेमी तक फैल जाए, तो उसी प्लेट में हाइपोक्सिलॉन अचेरी मिलाएं।

स्टेप-3 दोनों कवक का अनुपात 1000:1 (ट्रेमेला : हाइपोक्सिलॉन) रखें।

स्टेप-4 इसे 25°C पर इनक्यूबेटर में रखें जब तक कि मिश्रित कवक अच्छी तरह उग न जाए।

3. स्पॉन (बीज) तैयार करना

  • मातृ कवक को चूरा-चोकर के मिश्रण में मिलाकर स्पॉन बनाएं।
  • इसे 25°C पर रखें जब तक छोटे-छोटे प्राइमोर्डिया (मशरूम के शुरुआती रूप) न दिखने लगें।

4. मशरूम उगाना (फ्रूटिंग)

  • स्पॉन को प्लास्टिक बैग या सिंथेटिक लॉग में डालें।
  • आदर्श स्थितियां:
    • तापमान: 20-25°C
    • नमी: 85-95 फीसदी
    • रोशनी: हल्की, अप्रत्यक्ष रोशनी
    • हवा: अच्छी वेंटिलेशन

कुछ दिनों में जेली जैसे पारदर्शी मशरूम दिखने लगेंगे।

5. कटाई

  • मशरूम को पूरा आकार आने पर तुरंत तोड़ लें (जब वे मजबूत और ताजे हों)।
  • देर करने से गुणवत्ता कम हो सकती है।

6. अतिरिक्त टिप्स

1.सफाई का ध्यान रखें: सभी उपकरण और सब्सट्रेट को कीटाणुरहित करें।

2.निगरानी: समय-समय पर कवक की ग्रोथ और संदूषण (दूषित होना) चेक करें।

3.अधिक उपज के लिए: सब्सट्रेट और तापमान में बदलाव करके देखें।

स्नो मशरूम के फायदे

1,पोषक तत्व: इसमें अमीनो एसिड, विटामिन और मिनरल भरपूर होते हैं।

2.एंटीऑक्सीडेंट: ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करता है।

3.इम्यूनिटी बूस्टर: इसमें पॉलीसेकेराइड होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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