“लाख” की खेती कर बने लखपति, जानें पूरी डिटेल्स

Lakh ki Kheti Kaise Kare जंगलों पर निर्भर बैगा, गोंड़ जैसे जनजातीय समुदायों के लिए लाख की खेती इस समय […]

lakh ki kheti se kamai kaise kare

Lakh ki Kheti Kaise Kare जंगलों पर निर्भर बैगा, गोंड़ जैसे जनजातीय समुदायों के लिए लाख की खेती इस समय महज आजीविका चलाने का जरिया ही नहीं बल्कि उनकी जिंदगी में समृद्धि का सूचक है। यही वजह है कि किसान ‘लाख लगाबो, लाखों कमाबो’ का नारा बुलंद कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में लाख का उत्पादन सबसे ज्यादा किया जाता हैं। साल 2008- 09 में 7200 टन का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था। यह देश के लाख उत्पाद का 42 फीसदी है।

लाख, केरिया और लक्का नामक कीट से पैदा होने वाला एक प्राकृतिक राल है। बता दें यह अपना भोजन पोषक तत्व की कोमल शाखाओं के रस को चूसकर प्राप्त करते हैं। साथ ही अपनी सुरक्षा के लिएराल का स्त्राव कर कवच का निर्माण करते हैं, जो हमें लाख के रूप में प्राप्त होती है।

जानिए क्या है लाख का उपयोग

लाख का उपयोग विद्युत कुचाकल वार्निश, फलों और दवाओं की कोटिंग, पॉलिश और सजावट कि वस्तुएं, रंगाई, सील और श्रृंगार के प्रसाधन आदि में किया जाता हैं।

पोषक पेड़ों का महत्व

लाख की खेती के लिए बेर और कुसुम के पेड़ खास होते है। इन पेड़ो पर लाख कीट को पालने का कोई नुकसान नहीं होता है। असंचित और बरानी खेती वाले इलाकों में इनका उत्पादन कर अधिक पैसा कमाया जा सकता है।

पेड़ो में बीहन लगाना

बीहान को पेड़ो की छोटी और कोमल टहनियों में जरूर कर आधार पर रस्सी से बांध दिया जाता है। लाख लगी टहनियों से मादा लाख कीटों के कवच से निकल रहे शिशु कीटों को पोषक पेड़ों की टहनियों पर फैलने की क्रिया को ही पेड़ों में बीहन लगाना कहते हैं।

फूंकी उतारना

फूंकी लाख को वृक्षों से शीतकाल में बीहन संचारण करने के 20 से 22 दिन के अंदर ग्रीष्मकाल में 15 से 20 दिनों के भीतर उतार लेना चाहिए, नहीं तो फूंकी लाख में मौजूद लाख कीट के शत्रु कीट निर्गम से नई फसल में नुकसान पहुँचाने लगते हैं। फूंकी लाख को छीलकर प्राप्त लाख की तत्काल बिक्री कर दें।

फसल की कटाई

लगभग 6 माह पश्चात् टहनियों की छिलाई चाकू-छुरी से कर, खुले एवं हवादार स्थान में 6” 9” इंच मोटी परत में फैलाकर रखें। लाख पपडिय़ों को टहनियों से अलग या छिलाई इस प्रकार करें कि लाख चूरा कम से कम हो क्योंकि बड़े टुकड़े का मूल्य अधिक प्राप्त होता है।

छीली लाख से ही चौरी लाख को तैयार किया जाता है। सबसे पहले छिली लाख को छोटे छोटे टुकड़ों में बांट कर दाना लाख को साफ किया जाता है। फिर उसमें उपस्थित अवांछनीय हल्के कणों को हटाकर साफ कर लिया जाता है। 7.9 ली. ठंडे पानी में 2.5 ग्राम कास्टिक सोडा डालकर घोल तैयार करते है। विनोवर से प्राप्त लाख को तैयार किये गये कास्टिक सोडा घोल में डालकर धुलाई करने के बाद प्राप्त चौरी को हल्की धूप में सुखाया जाता है। इसके बाद फिर से चौरी में उपस्थित बचे हुए टुकडों एवं धूल कणों को विनोवर के द्वारा अलग किया जाता है। लगभग 1 किलोग्राम, छिली लाख से 600 – 700 ग्राम चौरी लाख प्राप्त होता है। तत्पश्चात प्राप्त चौरी को ग्रेडर द्वारा ग्रेड कर उचित मूल्य में विक्रय किया जाता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top