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कृषि पर तीसरी बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक (3rd BIMSTEC Ministerial Meeting on Agriculture) काठमांडु में संपन्न हुई। भारत, नेपाल और भूटान (India, Nepal and Bhutan Relationship) के बीच कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में सहयोग का महत्व समय के साथ बढ़ता जा रहा है। इन देशों ने मिलकर कृषि, पशुधन, जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा (Agriculture, Livestock, Climate Change and Food Security) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare and Rural Development Minister Shivraj Singh Chouhan) की नेपाल यात्रा और वहां कई अन्य देशों के प्रतिनिधियों से की गई द्विपक्षीय बैठकें इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई हैं।
नेपाल में केंद्रीय कृषि मंत्री की महत्वपूर्ण बैठकें
शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली (K.P. Sharma Oli) से काठमांडू (Kathmandu) में मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-नेपाल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने के उपायों पर चर्चा की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों देशों के बीच कृषि के क्षेत्र में जो ऐतिहासिक और मजबूत संबंध हैं, उन्हें और गहरा करने की ज़रूरत है।
चौहान ने ये भी कहा कि भारत और नेपाल के बीच हस्ताक्षरित हालिया समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के कृषि और संबंधित क्षेत्रों में सहयोग को नई गति मिलेगी। उन्होंने चितवन में कृषि-औद्योगिक पार्क (Agro-industrial parks) और नेपाल में उर्वरक संयंत्र (fertilizer plant) स्थापित करने के भारत के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए नेपाल को कृषि क्षेत्र में हर संभव सहायता देने के भारत के संकल्प को दोहराया।
इस बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने बाजार पहुंच, कृषि अनुसंधान और जलवायु अनुकूल कृषि के बारे में भी विचार-विमर्श किया। ये समझौता ज्ञापन विशेष रूप से फसल उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन, कृषि अनुसंधान और क्षमता निर्माण, कृषि व्यापार और जलवायु अनुकूल कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा।
द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा और नए तरीकों पर चर्चा
नेपाल और भूटान के कृषि और पशुधन मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। नेपाल के कृषि एवं पशुधन मंत्री श्री रामनाथ अधिकारी के साथ काठमांडू में आयोजित बैठक में दोनों देशों ने कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और इसे बढ़ाने के नए तरीकों पर चर्चा की।
इस बैठक में खासतौर पर कृषि क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें सिंचाई, बाजार पहुंच, कृषि अनुसंधान और कृषि शिक्षा शामिल थे। नेपाल और भारत के बीच पारस्परिक लाभ के लिए जारी सहयोग को और विस्तार देने पर जोर दिया गया।
इसके अतिरिक्त, भूटान के कृषि एवं पशुधन मंत्री श्री ल्योनपो यूंटेन फुंटशो के साथ भी एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भूटान के कृषि और पशुधन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ। विशेष रूप से सिंचाई चैनल और मेगा फार्मों के विकास पर जोर दिया गया।
कृषि क्षेत्र में नई दिशा
भारत और नेपाल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूतकरने के लिए एक नया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। ये समझौता ज्ञापन 1991 में किए गए समझौते की जगह लेगा और इसमें फसल उत्पादकता में सुधार, कटाई के बाद प्रबंधन, कृषि अनुसंधान और बाजार पहुंच जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर जोर दिया जाएगा। इस समझौते से दोनों देशों के कृषि क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी और वे एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकेंगे।
नेपाल में कृषि-औद्योगिक पार्क की स्थापना और उर्वरक संयंत्र की योजना को लेकर भारत की प्रतिबद्धता ने दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में मजबूत सहयोग की ओर एक नया कदम बढ़ाया है। इस पहल से नेपाल को कृषि में आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता मिलेगी, जिससे नेपाल का कृषि क्षेत्र सशक्त होगा।
बिम्सटेक और क्षेत्रीय सहयोग
भारत के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काठमांडू में कृषि पर तीसरी बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक (BIMSTEC Ministerial Meeting) के अवसर पर बिम्सटेक के महासचिव इंद्रमणि पांडे से मुलाकात की। इस बैठक में कृषि के क्षेत्र में बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
बिम्सटेक देशों का मुख्य उद्देश्य
बिम्सटेक देशों का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, पोषण, संसाधनों की कमी जैसे साझा मुद्दों का समाधान करना है। इन समस्याओं से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके अलावा, 2023-2027 की बिम्सटेक कार्ययोजना (BIMSTEC Action Plan) को लागू करने के लिए देशों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।
कृषि क्षेत्र सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
भारत ने बिम्सटेक के कृषि क्षेत्र सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। विशेष रूप से, बिम्सटेक कृषि छात्रवृत्ति कार्यक्रम और उभरते क्षेत्रों जैसे कि बीज क्षेत्र विकास, पशु स्वास्थ्य, कीट प्रबंधन, और कृषि में रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोगों पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सहयोग को बढ़ाने का वचन दिया।
भारत, नेपाल और भूटान के बीच सहयोग
श्री शिवराज सिंह चौहान की नेपाल और भूटान यात्रा, जिसमें उन्होंने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में भारत, नेपाल और भूटान के बीच सहयोग बढ़ाने के प्रयास किए, से यह साफ है कि तीनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग की संभावनाएं हैं। इन बैठकों और समझौतों से यह संकेत मिलता है कि कृषि, पशुधन, जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इन देशों के बीच मजबूत साझेदारी की आवश्यकता है।
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