हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home and Cooperation Minister Amit Shah) ने गुजरात सरकार की पहल के तहत प्राकृतिक कृषि का लोगो, ई-व्हीकल और मोबाइल ऐप्लिकेशन लॉन्च किया।
किसानों को सीधा ग्राहकों से जोड़ेगा ये ऐप
इस ऐप का नाम है प्राकृतिक गुजरात मोबाइल एप्लीकेशन। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से किसान आपस में जुड़ेंगे और उपभोक्ताओं से सीधे संपर्क में आएंगे। इससे उन्हें उपज का सही दाम मिलेगा। इसके लिए बाकायदा गुजरात सरकार द्वारा स्वर्णिम स्टार्टअप एंड इनोवेशन यूनिवर्सिटी और एचपी एंटरप्राइज के साथ संयुक्त एमओयू किया गया है।
गुजरात सरकार ने जानकारी दी कि ‘प्राकृतिक गुजरात प्रोजेक्ट-प्रकृति से प्रगति’ से करीबन दो लाख किसानों को जोड़ा जाएगा। कई युवाओं और महिलाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। ये मोबाइल ऐप कई भाषाओं में उपलब्ध होगा।
![प्राकृतिक खेती अमित शाह (natural farming zero budget natural farming)](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2022/01/Untitled-design-2022-01-18T180753.009.jpg)
इलेक्ट्रिक व्हीकल (E-Van) से सीधे होम डिलीवरी
सप्लाई चेन में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का इस्तेमाल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ई-व्हीकल के ज़रिए किसान की उपज सीधा ग्राहकों के दरवाज़े तक पहुंचाई जाएगी। इस ऐप के ज़रिए एजेंसी, वाहन और ड्राइवर की डिटेल्स ट्रैक की जा सकेंगी। डिलीवरी के हर चरण की जानकारी भी इस ऐप में मिलेगी।
![प्राकृतिक खेती अमित शाह (natural farming zero budget natural farming)](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2022/01/Untitled-design-2022-01-18T180903.281.jpg)
किसान इस एप्लीकेशन के माध्यम से उत्पादन के समय और तारीख के साथ अपनी उपज की तस्वीरें अपलोड कर पाएंगे। इस ऐप के ज़रिए उपभोक्ता, Know Your Farmer सेक्शन में जाकर उत्पाद बेचने वाले किसान की जानकारी भी जान पाएंगे।
डिजिटल सेतु का काम करेगा ये ऐप
प्राकृतिक गुजरात मोबाइल एप्लीकेशन के ज़रिए सरकार का उद्देश्य डिजिटल इंडिया (Digital India) के सपने को साकार करते हुए किसानों और ग्राहकों के बीच का डिजिटल सेतु खड़ा करना है।
टेस्टिंग के लिए खोली जाएंगी प्रयोगशालाएं
किसान जो उत्पाद बेच रहे हैं वो प्राकृतिक है या नहीं, इसके परीक्षण के लिए गुजरात के विभिन्न शहरों में कीटनाशक अवशेष प्रयोगशालाएं (Pesticide Residue Laboratories) स्थापित की जाएंगी।
![प्राकृतिक खेती अमित शाह (natural farming zero budget natural farming)](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2022/01/Untitled-design-2022-01-18T190921.188.jpg)
प्राकृतिक खेती होगी नई हरित क्रांति
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस वर्चुअल कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के तरीकों को अपनाकर भारत में ‘नई हरित क्रांति’ (New Green Revolution) शुरू करने का आग्रह किया। किसानों के साथ वर्चुअल बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आइए हम प्राकृतिक खेती के माध्यम से एक नई हरित क्रांति की शुरुआत करें, जो भूमि को नुकसान पहुंचाने के बजाय अगले कई वर्षों तक संरक्षित करेगी। इसे हासिल करने के लिए प्राकृतिक खेती ही एकमात्र रास्ता है।’’
उन्होंने कहा कि गुजरात में एफपीओ उपभोक्ताओं और किसानों के बीच एक सेतु का काम करेंगे। प्रमाणन के बाद ये संगठन कृषि उपज को उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे। यह देश में इस तरह की पहली प्रणाली होगी। शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का इसका ब्रांड एंबेसडर बनना बहुत खुशी की बात है। मुझे यकीन है कि भारत में प्राकृतिक कृषि तकनीकों को अपनाया जाना पूरी दुनिया को रास्ता दिखाएगा।’’
![प्राकृतिक खेती अमित शाह (natural farming zero budget natural farming)](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2022/01/Untitled-design-2022-01-18T181413.332.jpg)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की है प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील
सरकार बड़े स्तर पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) खुद राष्ट्रीय मंच से कृषि क्षेत्र में ‘बैक टू बेसिक’ यानी ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती (Zero Budget Natural Farming) को अपनाने की अपील कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि नेचुरल खेती से सबसे ज़्यादा फ़ायदा देश के 80 फ़ीसदी छोटे किसानों को होगा। इन किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। इनमें से अधिकांश किसानों का काफ़ी खर्च केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है। साथ ही, खेती की नयी तकनीकों और रासायनिक खाद के अंधाधुंध इस्तेमाल से खेत की उपज क्षमता पर भी असर पड़ता है। धीरे-धीरे ज़मीन बंजर होती जाती है। ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती, किसानों की इन दोनों समस्याओं का हल है। इससे किसानों की उत्पादन लागत कम होगी। कम लागत में ज़्यादा और अच्छी गुणवत्ता की पैदावार मिलेगी। इस वजह से उपज को बाज़ार में अच्छा दाम भी मिलेगा।
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