जानिए कैसे बीज उत्पादन से बिहार के इस किसान ने बोए सफलता के बीज, आसान नहीं था लक्ष्य

बिहार के अनिल कुमार सिंह ने फसलों की खेती के बजाय बीज उत्पादन का काम शुरू किया और इसमें सफल भी रहें। क्यों चुना उन्होंने बीज उत्पादन? कैसे पाई सफलता? जानिए इस लेख में।

बीज उत्पादन

जिस तरह इमारत के लिए नींव का मज़बूत होना ज़रूरी होता है उसी तरह अच्छी फसल के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीज ज़रूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिहार के एक किसान ने अच्छे बीज उत्पादन का व्यवसाय चुना। अपने क्षेत्र के किसानों की एक बड़ी समस्या का हल किया।

अगर बीज अच्छे होंगे तो न सिर्फ़ फसल की उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि कीट व बीमारियों का खतरा भी कम रहता है और भविष्य के लिए भी अच्छे बीज तैयार होते हैं। आमतौर पर लोग उत्पादकता बढ़ाने के लिए खाद, कीटनाशकों पर अधिक ज़ोर देते हैं, लेकिन बीज़ों की गुणवत्ता के बारे में नहीं सोचते, जबकि वही सबसे अहम है।

बीज ही सफल खेती का आधार है। इस बात को सझमते हुए बिहार के एक किसान अनिल कुमार सिंह ने फसलों की खेती के बजाय बीज उत्पादन का काम शुरू किया और इसमें सफल भी रहें।

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तस्वीर साभार: agrifarming

लीक से हटकर सोच

बिहार के पटना ज़िले के सहरी गांव के रहने वाले अनिल कुमार सिंह ने अपनी 2 हेक्टेयर ज़मीन पर पारंपरिक खेती करने की बजाय बीज उत्पादन का फैसला किया। उन्होंने महसूस किया कि किसानों को अच्छी उपज के लिए विभिन्न फसलों के गुणवत्तापूर्ण बीज नहीं मिल पाते हैं। 

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उन्होंने यह भी पता लगा कि अधिक उपज देने वाले और रोग प्रतिरोधी संकर (हाइब्रिड) बीज लगातार विकसित किए जा रहे हैं, लेकिन ये सभी किसानों तक नहीं पहुँच पाते। उन्होंने पटना स्थित कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA), कानपुर स्थित भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान और अन्य एजेंसियों से संपर्क करना शुरू किया। 

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व्यापक बाज़ार तक पहुंच

 नई संकर बीज उत्पादन तकनीक के साथ संयुक्त रूप से नई वैज्ञानिक विधियों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने बीज की खेती शुरू कर दी। पहली बार में नतीजे बहुत अच्छे नही रहें, लेकिन लगातार प्रयास और मेहनत का परिणाम उन्हें मिला। अगले सीज़न तक उन्होंने बहुत सी चीज़ें ठीक कर लीं और उत्पादन भी अच्छा हुआ। वह अपने क्षेत्र के किसानों को उन्नत हाइब्रिड बीज़ मुहैया कराने लगे। मगर वह सिर्फ अपने क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहना चाहते थे। बीजों के व्यापाक बाज़ार तक पहुंचने के लिए उन्होंने जल्द ही पटना स्थित बिहार राज्य बीज निगम (BRBN) की मदद ली।

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तस्वीर साभार: Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya

इस तरह से अब उनकी आमदनी पहले से कई गुना अधिक बढ़ गई है। अनिल कुमार का मानना है कि सफल होने के लिए आपको अलग तरह से सोचने की ज़रूरत है, क्योंकि एक अनोखा विचार, कड़ी मेहनत और वैज्ञानिक सोच से ही आगे बढ़ा जा सकता है।

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