बेयर क्रॉप साइंस: कम ब्याज पर लोन लेकर ज्यादा कीमत पर फसल बेच सकेंगे किसान, जानिए कैसे
बेयर क्रॉप साइंस (Bayer Crop Science) कंपनी जिसने अपनी बेहतर जीवन खेती (Better Life Farming) योजना के तहत अब तक हजारों ग्रामीण उद्यमियों तक लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें आसानी से ऋण प्राप्त करने में मदद की है, साल 2025 तक करीब 25 लाख किसानों को अपने साथ जोड़ने की योजना बना रही है। आइये पढ़ते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।
बेयर क्रॉप साइंस (Bayer Crop Science) कंपनी जिसने अपनी बेहतर जीवन खेती (Better Life Farming) योजना के तहत अब तक हजारों ग्रामीण उद्यमियों तक लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें आसानी से ऋण प्राप्त करने में मदद की है, साल 2025 तक करीब 25 लाख किसानों को अपने साथ जोड़ने की योजना बना रही है। आइये पढ़ते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।
क्या है बेटर लाइफ फार्मिंग?
बेटर लाइफ फार्मिंग (बीएलएफ), जिसे बेयर ने लगभग ढाई साल पहले बनाया था, ग्रामीण कृषि उद्दमियों का एक समूह बनाना चाहती है जो अपने बीएलएफ केंद्रों को चलाएंगे। ऐसे प्रत्येक केंद्र से आस-पास के पांच या छह गांवों के 500 छोटे और सीमांत किसानों को जोड़ा जाएगा। ये बीएलएफ केंद्र सुनिश्चित करेंगे कि गुणवत्ता वाले कृषि संसाधन तथा लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक किसानों की पहुंच हो
सके। बीएलएफ केंद्र उन्हें कृषि उपज के एकत्रीकरण और बिक्री में भी मदद करेंगे।
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महिला किसानों को न्यूंतम ब्याज दर पर मिल रही है ऋण
भारत के लिए बेयर में ग्रोइंग एंगेजमेंट के लीड, रोहित मैनी बताते हैं कि बेयर क्रॉप साइंस महिला किसानों को 6-7 प्रतिशत के ब्याज दर पर लोन दे रही है जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) किसानों को 25-30 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन देती हैं।
हालांकि, वर्तमान में केवल कुछ किसानों को ही ऋण दिया गया है लेकिन एक्सिस बैंक के साथ टाई-अप के बाद निकट भविष्य में अधिक से अधिक किसानों को ऋण दिए जाने की संख्या में और बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।
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इन राज्यों में किया जाना है बीएलएफ का विस्तार
मैनी के अनुसार वर्तमान में उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में 210 ऐसे केंद्र हैं, जिनमें 50,000 किसानों के लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बीएलएफ पहल का विस्तार बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक किया जाएगा और इसमें साल के अंत तक 3 लाख किसानों को जोड़ने वाले 440 केंद्र बनाए जाएंगे।
वर्तमान में बीएलएफ केंद्रों पर तीन फसलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जिनमें मिर्च, टमाटर और धान की फसलें शामिल हैं।
ERP सिस्टम के द्वारा बढ़ाई जाएगी पारदर्शिता
बेयर क्रॉप साइंस लाइट ईआरपी सिस्टम (एक बिज़नस मैनेजमेंट सॉफ्टवेर है जिसके द्वारा कंपनी के जितने भी डिपार्टमेंट हैं उनको एक साथ मैनेज किया जा सकता है तथा कंपनी के अन्दर होने वाले सभी कार्य तथा मानव संसाधन को स्वचालित किया जा सकता है) के माध्यम से कृषि उद्यमियों को निकट ला रही है। इस सिस्टम के द्वारा लेनदेन की पारदर्शिता को बढ़ाया जाता है।
रोहित मैनी के मुताबिक किसानों से आने वाली उपज को ईआरपी सिस्टम से जोड़ने या उनके द्वारा बेचे जाने की भी कोशिश जारी है।
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फार्म मशीनरी या कोल्ड स्टोरेज में कस्टम हायरिंग की होगी शुरूआत
बायर इंडिया के COO साइमन वाइबस के मुताबिक बीएलएफ पहल एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। उनका कहना है कि जहां देश के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा गायब था वहां तक मूल उत्पादों को पहुंचाना एक बहुत बड़ी समस्या है।
उन्होंने कहा कि जब हमने वाराणसी में मिर्च के किसानों के साथ काम किया तो हमने महसूस किया कि उनके साथ काम करके हम उनकी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं। उन्होंने भविष्य में फार्म मशीनरी या कोल्ड स्टोरेज में कस्टम हायरिंग जैसी सेवाएं शुरू करने का भी संकेत दिया है।