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अंजीर एक फल है जिसे सूखे मेवे के रूप में भी खाया जाता है। इसको अंग्रेजी में Fig कहते हैं। ये अपने कई औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। मार्केट में अंजीर और इससे बने प्रोडक्ट्स की मांग हमेशा बनी रहती है। अंजीर की खेती (Fig Farming) अमेरिका, कई अफ्रीकन देशों समेत भारत में भी होती है। भारत में अंजीर की खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान समेत उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में होती है। वहीं अब बिहार में अंजीर की खेती को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है।
अंजीर की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु (Soil And Climate For Fig Farming)
अंजीर की खेती ( Fig Farming) के लिये दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। वहीं कई इलाकों में काली मिट्टी, लाल मिट्टी भी इसके लिए बेहतर मानी जाती है। अंजीर को उगाने के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिये। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, अंजीर के एक पेड़ से करीब 10 किलो तक फल का प्रोडक्शन हो सकता है। जैसे-जैसे इसके पेड़ की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे इसके फल की उत्पादकता भी बढ़ती है।
पहली बार कटिहार में अंजीर की खेती शुरू (Fig Farming In Bihar, Katihar)
बिहार के कटिहार ज़िले में पहली बार अंजीर की खेती (Fig Farming) शुरू हो गई है। 25 से 35 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में अंजीर के पौधे तेज़ी से बढ़ते हैं। इसके लिए यहां का मौसम और मिट्टी उपयुक्त मानी गई है। सूबे के कृषि विभाग की ओर से इसकी खेती करने वाले किसानों को तीन किस्तों में 50 हज़ार रुपये का अनुदान भी मिल रहा है।
बिहार में अंजीर की खेती से होगा फ़ायदा (Fig cultivation Will Be Beneficial In Bihar)
कटिहार के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, अंजीर की खेती (Fig Farming) से यहां के किसानों को काफ़ी फ़ायदा होगा, क्योंकि बाज़ार में ये काफ़ी ऊंची कीमत पर बिकता है। अंजीर की खेती (Fig Farming) से अच्छे मुनाफ़े के लिए मिट्टी की जांच की सलाह यहां के एक्सपर्ट देते हैं। चार से पांच साल बाद अंजीर के पेड़ से 15 किलो तक अंजीर की पैदावार ले सकते हैं।
कैसे करें अंजीर की खेती? (How To cultivate Figs?)
अंजीर की खेती (Fig Farming) अगर ऑर्गेनिक तरीके से करें तो पैदावार अच्छी निकलती है। अंजीर के पौधे को मार्च के महीने में लगाना चाहिए। वहीं एक पौधे की दूसरे पौधे से दूरी 9 फ़ीट से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। अंजीर को ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन सूखे मौसम में नियमित सिंचाई करनी पड़ती है। पौधे की जड़ों को नम रखें, लेकिन जलभराव से बचें। सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक का उपयोग करें।
बाज़ार में अंजीर और उसके उत्पादों की मांग (Demand For Figs And Its Products)
- अंजीर में उच्च फाइबर, विटामिन, और खनिज होते हैं, जो सेहत के लिए फ़ायदेमंद माने जाते हैं। इस वजह से हेल्थ फ़ूड सेक्टर में अंजीर और उसके उत्पादों की मांग में इज़ाफ़ा हो ररहा है।
- सूखे अंजीर का इस्तेमाल स्नैक्स के रूप में, मिठाई में, और कई दूसरे खाद्य पदार्थों में होता है। ये उच्च पौष्टिकता और लंबी सेल्फ़लाइफ़ के कारण मांग में रहता है।
- अंजीर जैम, जेली, पेस्ट और सॉस उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है क्योंकि ये लंबे समय तक स्टोर किए जा सकते हैं।
- अंजीर का रस और स्मूदी जैसे ड्रिंक्स का भी लोग सेवन कर रहे हैं।
कटिहार में अंजीर की खेती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू (Application Process started for Fig Farming in Katihar)
बिहार में अंजीर की खेती (Fig Farming) के लिए किसानों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुका है। कटिहार में 24 जुलाई 2024 से किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं। किसानों को अनुदान की पहली किस्त 30 हज़ार, दूसरी किस्त 10 हज़ार और तीसरी किस्त 10 हज़ार रूपये मिलेगी। बता दें कि कटिहार में अंजीर की खेती (Fig Farming) को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ज़िले को दो हेक्टेयर में अंजीर की खेती (Fig Farming) का टार्गेट दिया गया है।
अंजीर की उन्नत किस्में (Improved Varieties Of Figs)
दुनियाभर में अंजीर की कई किस्में उगाई जाती हैं जिसमें सिमराना, कालीमिरना, कडोटा, काबुल, मार्सेलस, और वाइट सैन पेट्रो कुछ मशहूर किस्में हैं। वहीं महाराष्ट्र के पुणे में पूना अंजीर (एड्रियाटिक) उगाई जाती है। इसके साथ ही पुणे अंजीर, पुणेरी अंजीर, दिनकर अंजीर, ब्राउन टर्की अंजीर की किस्में भी उगाई जाती हैं।
अंजीर की उपयोगिता (Uses Of Figs)
- अंजीर (Fig) पौष्टिकता से भरा फल है, जिसमें औषधीय गुण पाये जाते हैं। इसमें आयरन, विटामिन ए और सी भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
- ताजे अंजीर (Fig) के फल में लगभग 10 से 28 फ़ीसदी चीनी होती है। इसमें हल्के रेचक, टॉनिक, पित्त रोधी और रक्त शोधक (Anti bile and blood purifier) होते हैं।
- ये अस्थमा में भी कारगर होता है। इसके साथ ही मोटापे की समस्या भी इसको खाने से दूर होती है।
- शरीर में पोटैशियम और सोडियम की कमी होने के कारण हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है जो अंजीर के खाने से पूरी हो जाती है।
- अंजीर (Fig) पेट और ब्रेस्ट कैंसर को होने से रोकता है। एक रिसर्च के अनुसार, अंजीर में फाइबर बहुत ज़्यादा पाया जाता है जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को काफी हद तक खत्म करता है।
अंजीर की खेती (Fig Farming) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल: कटिहार के किसान अंजीर की खेती के लिए कैसे करें आवेदन?
जवाब: अंजीर की खेती (Fig Farming) के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं। कटिहार में 24 जुलाई 2024 से किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं।
सवाल: बिहार सरकार अंजीर की खेती पर कितना अनुदान दे रही है?
जवाब: बिहार सरकार किसानों को अनुदान की तीन किस्तें देंगी। पहली किस्त 30 हज़ार रुपये, दूसरी किस्त 10 हज़ार रुपये, और तीसरी किस्त 10 हज़ार रुपये। इसके अलावा, कटिहार में अंजीर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, पहली बार ज़िले को दो हेक्टेयर में अंजीर की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सवाल: अंजीर की खेती के लिए आदर्श जलवायु क्या है?
जवाब: अंजीर की खेती के लिए गर्म और सूखा मौसम आदर्श होता है। इसे ठंडे और बर्फीले मौसम से बचाना चाहिए क्योंकि ये पौधे ठंड सहन नहीं कर पाते।
सवाल: अंजीर के पौधे कितने समय में फल देना शुरू करते हैं?
जवाब: ग्राफ्टेड अंजीर के पौधे आमतौर पर 1.5 से 2 साल में फल देना शुरू कर देते हैं, जबकि बीज से उगाए गए पौधों को फल देने में 3 से 4 साल लग सकते हैं।
सवाल: अंजीर की खेती में कमाई?
जवाब: अंजीर की उपज किस्मों पर निर्भर करती है। एक हेक्टेयर में 250 पौधे लगाकर हर पौधे से लगभग 20 किलो फल प्राप्त होते हैं। बाज़ार मूल्य 500 से 800 रुपये प्रति किलो है, जिससे एक हेक्टेयर खेत से 30 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।
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