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मिट्टी हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। हम जो भी खाते हैं, वह 95% खाद्य पदार्थ सीधे मिट्टी से प्राप्त होते हैं। इसलिए, मिट्टी का सही तरीके से प्रबंधन करना, न केवल कृषि के लिए, बल्कि जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए भी ज़रूरी है। इसी उद्देश्य को लेकर ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) का आयोजन 19 से 22 दिसंबर, 2024 तक नई दिल्ली के NASC परिसर में चल रहा है। इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय मृदा विज्ञान समाज (ISSS) द्वारा, अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (IUSS) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सहयोग से किया गया है।
इस सम्मेलन का उद्देश्य और प्रमुख विषय (Aim and main themes of the conference)
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) का मुख्य उद्देश्य यह है कि मृदा को केवल कृषि के लिए नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, जल प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में पहचाना जाए। सम्मेलन में मृदा के संरक्षण, पोषक तत्वों के प्रबंधन, मिट्टी कटाव के समाधान, और मृदा स्वास्थ्य बहाल करने की तकनीकों पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जा रही है।
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 के उद्घाटन समारोह की जानकारी (Global Soils Conference 2024 Information)
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) का उद्घाटन आज, 19 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली के NASC परिसर के भारत रत्न C. सुब्रमणियम ऑडिटोरियम में किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि NITI आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद थे, जिन्होंने मृदा प्रबंधन की भूमिका पर जोर देते हुए जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन में डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, ICAR के पूर्व महासचिव और पौध संरक्षण तथा किसान अधिकार प्राधिकरण के अध्यक्ष, सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य और स्थायी कृषि के लिए नीति और अनुसंधान के एकीकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। सम्मेलन की अध्यक्षता ICAR के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने की। उन्होंने भारत की मृदा स्थिरता और पर्यावरणीय सहनशीलता की प्रतिबद्धता को साझा किया।
क्यों ज़रूरी है मिट्टी का संरक्षण? (Why is soil conservation important?)
2050 तक दुनिया की जनसंख्या 9.1 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है, और जितनी अधिक आबादी बढ़ेगी, उतनी ही अधिक खाद्य उत्पादन की आवश्यकता होगी। लेकिन, यदि मिट्टी की सेहत ठीक नहीं रही, तो हम पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं उगा पाएंगे। आज की स्थिति में, मिट्टी का लगातार खनन, पोषक तत्वों की कमी, और जलवायु परिवर्तन की समस्याएं खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। इन जटिल चुनौतियों को देखते हुए, मृदा प्रबंधन के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, और ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) इसे हल करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा।
इस सम्मेलन में क्या है ख़ास? (What is special in this conference?)
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) में, मृदा विज्ञान से जुड़े 2000 से अधिक वैज्ञानिक, नीति निर्माता, किसान, और पर्यावरण विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्र होंगे। यहां वे मिट्टी की सेहत बनाए रखने के नए उपायों पर चर्चा करेंगे, और इस बात पर जोर देंगे कि कैसे मृदा प्रबंधन से जलवायु परिवर्तन को कम किया जा सकता है।
सम्मेलन में विशेष सत्र होंगे, जिसमें किसान वैज्ञानिकों से सीख सकेंगे, और नए कृषि तकनीकों को समझ पाएंगे। इसके साथ ही, प्रदर्शनी में मृदा विज्ञान की नवीनतम तकनीकों और उपकरणों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 के मुख्य उद्देश्य (Key objectives of the Global Soils Conference 2024)
- स्थायी मृदा प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देना, ताकि खाद्य सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन सुनिश्चित हो सके।
- वैश्विक मृदा समस्याओं को हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना।
- मृदा के स्वास्थ्य की अहमियत को न केवल कृषि, बल्कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता संरक्षण, और सार्वजनिक स्वास्थ्य के संदर्भ में भी समझाना।
विशेष सेशन और प्रदर्शनी का आयोजन (Organizing special sessions and exhibitions)
यह सम्मेलन किसानों और नवप्रवर्तकों को मृदा प्रबंधन में सबसे आगे लाने का एक विशेष अवसर प्रदान करेगा। किसानों को वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और उद्योग जगत के नेताओं से जोड़ने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जहां वे मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने और स्थायी कृषि प्रथाओं को सीख सकेंगे।
साथ ही, एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें मृदा विज्ञान से जुड़ी नई तकनीकें, उपकरण और शोध प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, छात्रों के लिए एक इंटरेक्टिव बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें युवा मृदा वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् विशेषज्ञों से मृदा विज्ञान और स्थायी कृषि के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करेंगे।
इस सम्मेलन से क्या उम्मीद की जा रही है? (What is expected from this conference?)
यह सम्मेलन न केवल मृदा के स्वास्थ्य पर विचार करेगा, बल्कि इसके माध्यम से वैश्विक सिफारिशें और सर्वोत्तम प्रथाएं तैयार की जाएंगी, जिन्हें लागू करके मृदा प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकेगा। इससे न केवल कृषि क्षेत्र को लाभ होगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और खाद्य सुरक्षा में भी सुधार होगा।
नीति निर्माताओं के लिए संदेश (Message for policy makers)
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) एक स्पष्ट संदेश देगा कि मृदा का संरक्षण जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा के समाधान के लिए बेहद ज़रूरी है। नीति निर्माताओं से यह अपील की जाएगी कि वे मृदा को कृषि नीतियों के साथ-साथ पर्यावरणीय नीतियों में भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानें।
भविष्य की दिशा: एक स्थायी भविष्य (Future Direction: A Sustainable Future)
ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) केवल एक वैज्ञानिक सम्मेलन नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और भविष्य के लिए एक ज़रूरी कदम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आने वाली पीढ़ियों के पास स्वस्थ और उर्वरक मृदा हो, जो खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा में सहायक हो।
निष्कर्ष (Conclusion)
मृदा के महत्व को समझना और उसे संरक्षित करना हमारे भविष्य के लिए अत्यंत ज़रूरी है। ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 (Global Soils Conference 2024) एक ऐसा मंच है, जहां वैज्ञानिक, किसान, नीति निर्माता और विशेषज्ञ मिलकर मृदा की सेहत को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। इस दिशा में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने और मृदा प्रबंधन के नए उपायों पर विचार करने का अवसर मिलेगा।