Shark Tank India: जुगाड़ से बनाई खेती के लिए गाड़ी, जुगाड़ू कमलेश ने शार्क टैंक इंडिया में मारी बाज़ी

जुगाड़ू कमलेश ने एक ऐसी बहुउद्देश्यीय गाड़ी बनाई है, जो किसानों की कई समस्याओं को दूर करने का काम कर सकती है। Shark Tank India के एक एपिसोड में पहुंचे कमलेश ने अपने इस इनोवेशन के बारे में बताया।

जुगाड़ू कमलेश ने शार्क टैंक इंडिया में मारी बाज़ी

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को देखा जाए तो कई गाँवों में नये इनोवेशन या जुगाड़ देखने को मिल रहे हैं। वहीं कई नए स्टार्टअप आइडियाज़ भी गाँवों से आ रहे हैं। एक ऐसा ही नायाब आइडिया हाल ही में ‘शार्क टैंक इंडिया’ (Shark Tank India) के एक एपिसोड में देखने को मिला। महाराष्ट्र के मालेगांव के एक होनहार उद्यमी, कमलेश नानासाहेब घुमरे उर्फ़ जुगाड़ू कमलेश ने अपने कमाल के जुगाड़ से एक गाड़ी बनाई है।

ये गाड़ी खेत में बीज बोने और कीटनाशक का छिड़काव करने में किसानों के लिए काफ़ी मददगार सबैट हो सकती हैं। जुगाड़ू कमलेश ने अपने साथी नारू के साथ इस गाड़ी को Shark Tank India में पेश किया। उनका ये इनोवेशन जजों को बहुत पसंद आया। आइए जानते हैं कि कैसे हुई इस स्टार्टअप की शुरुआत और इस शो से कितना मिला उन्हें इनाम।

क्या है शार्क टैंक इंडिया? (What is Shark Tank India?)

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर ‘शार्क टैंक इंडिया’ नाम के एक शो की शुरुआत हुई है। इस शो का उद्देश्य उभरते उद्यमियों (Emerging Entrepreneurs) के सपनों को एक नई उड़ान देना है। इस शो में ऐसे लोग आते हैं जो बिज़नेस की दुनिया में अनोखा मुकाम पाने की ख्वाहिश रखते हैं और इसका आकलन करते हैं बिज़नेस के एक्सपर्ट्स यानी शो के ‘शार्क्स’ (Jury members)। ये सारे ज्यूरी मेंबर्स एक से बढ़ कर एक हैं। जिनका आइडिया बेस्ट होगा और लीग से हटकर होगा, उनकी कंपनी में एक्सपर्ट्स इन्वेस्ट करके बिज़नेस को आगे बढ़ाएंगे।

ये भी पढ़ें: अब सीधा किसानों को पैसा, बिचौलियों की भूमिका खत्म, इस स्टार्टअप ने कई लोगों को दिया रोजगार 

क्या है केजी एग्रो-टेक स्टार्टअप? 

केजी एग्रो-टेक कृषि से संबंधित उत्पाद बनाती है। उनका उत्पाद एक बहुउद्देश्यीय गाड़ी है, जो कीटनाशक छिड़काव, बीज बोने और सामान लाने-ले जाने का काम करती है। इस गाड़ी का उद्देश्य फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करते समय किसानों को होने वाली समस्याओं को दूर करना है। कमलेश ने दावा किया कि इस गाड़ी से किसानों का काफ़ी समय बचेगा, जिससे वो कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा क्षेत्र में खेती कर सकते हैं।

जुगाड़ू कमलेश ने शार्क टैंक इंडिया में मिला इनाम
तस्वीर साभार: Sony Liv

Shark Tank India: जुगाड़ से बनाई खेती के लिए गाड़ी, जुगाड़ू कमलेश ने शार्क टैंक इंडिया में मारी बाज़ी

कमलेश ने कहा, “हमारे मुंह और आंख में ये कीटनाशक जाने से बीमारियां होती हैं, तो मेरे पापा को भी ये बीमारी थी। इसकी वजह से रात में वो सो भी नहीं पाते थे, मैंने खुद भी जब स्प्रे किया तो मुझे रात में नींद नहीं आई। इसके बाद मैंने रात में ही इस गाड़ी का डिज़ाइन बनाया।”

अपने ही पिता की मदद करने और देश भर के किसानों की किस्मत बदलने के लिए, कमलेश ने अपने जुगाड़ की बदौलत बिना किसी पेशेवर कोर्स के गाड़ी तैयार की। कीटनाशकों पर स्प्रे करने के लिए बाज़ार में कई मशीन मौजूद हैं, लेकिन उनका ये जुगाड़ सबसे अलग और बेहतर है। इस मशीन को बाकी स्प्रे मशीन की तरह पीठ पर भी नहीं रखना पड़ता। उन्होंने शो पर इस मशीन से स्प्रे करके भी दिखाया।

उनके द्वारा डिज़ाइन की गई गाड़ी में कीटनाशकों की बोतलें रख सकते हैं और एक कीटनाशक स्प्रेयर होता है, जो हैंडल के साथ आता है। कबाड़ के सामान से गाड़ी बनाने में उन्हें 7 साल लगे, जिसे उन्होंने एक स्थानीय डीलर से मंगवाया। वह खुद गाड़ी का इस्तेमाल करते थे और ज़रूरत के हिसाब से उसमें फ़ेरबदल करते रहते थे। उन्होंने 2017 में अपने यूट्यूब चैनल ‘जुगाडू कमलेश’ पर अपने स्प्रे का एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो को 8 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है।

कमलेश का जुगाड़ आया पसंद 

‘जुगाडू’ कमलेश ने फिल्मी अंदाज़ में शार्क टैंक इंडिया के मंच पर एंट्री ली। शाहरुख खान के सिग्नेचर पोज़ में जुगाडू कमलेश ने कहा, “हॉलीवुड, बॉलीवुड, टॉलीवुड, और उसके बाद में आता है हमारा मॉलीवुड”। जहां उन्होंने अपनी एंट्री से जजों को पहले ही प्रभावित कर दिया, वहीं उनके आइडिया ने भी सबका दिल जीत लिया।

https://twitter.com/peyushbansal/status/1484223198229311488?s=20

शार्क टैंक इंडिया पर मिली 30 लाख रुपये की फंडिंग 

लेंसकार्ट (Lenskart) के सीईओ और संस्थापक पीयूष बंसल ने कमलेश को उनके स्टार्टअप के लिए 30 लाख रुपये की पेशकश की। इसमें उन्हें 40 प्रतिशत इक्विटी के लिए 10 लाख रुपये और बिना ब्याज के 20 लाख रुपये का लोन मिला है। जुगाड़ू कमलेश ने खुशी-खुशी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिससे उन्हें अपने ब्रांड केजी एग्रोटेक का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

बीसीए छोड़ चुके कमलेश ने स्टार्टअप के माध्यम से अपने गांव में रोजगार के अवसर पैदा करने की योजना बनाई है। उनके गांव के कई लोग इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट हैं, लेकिन वर्तमान में बेरोज़गार हैं। उनका कहना है “नौकरी करुंगा तो 24 घंटे के लिए किसी का गुलाम रहूंगा और हम किसान है, हम किसी के गुलाम नहीं रहना चाहते।”

ये भी पढ़ें: Organic Acre के फाउंडर लक्ष्य डबास से जानिए देसी जुगाड़ से पॉलीहाउस बनाने का तरीका और कीजिये पूरे साल खेती

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top